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'मोदी ने वैश्विक विश्वास अर्जित किया'

अफ्रीकन यूनियन को जी20 की स्थायी सदस्यता दिलाई

भारत की प्रेसीडेंसी में जी20 सम्मेलन देश-विदेश छाया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 9 September 2023 05:17:59 PM

narendra modi earned global trust

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की राजधानी नई दिल्ली में भव्य भारत मंडपम में जी20 शिखर सम्मेलन के प्रारंभिक सत्र 'वन अर्थ' की औपचारिक कार्यवाही शुरू करने से पहले सभीकी ओर से मोरक्को में आए भूकंप से प्रभावित लोगों केप्रति संवेदना प्रकट की और कहाकि इस कठिन समय में विश्व समुदाय मोरक्को केसाथ है और हम उन्हें हर संभव सहायता पहुंचाने केलिए तैयार हैं। जी-20 के प्रेसिडेंट के तौरपर वैश्विक नेताओं का भारत में स्वागत करते हुए कहाकि इस समय जिस स्थान पर हम एकत्रित हैं, यहां से कुछही किलोमीटर के फासले पर लगभग ढाई हजार साल पुराना एक स्तंभ लगा हुआ है, इसपर प्राकृत भाषा में लिखा है-मानवता का कल्याण और सुख सदैव सुनिश्चित किया जाए, ढाई हजार साल पहले भारत की भूमि ने यह संदेश पूरे विश्व को दिया था, आइए इस संदेश को यादकर जी20 समिट का हम आरम्भ करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि इक्कीसवीं सदी का यह समय दुनिया को नई दिशा देने वाला एक महत्वपूर्ण समय है, ये वो समय है, जब बरसों पुरानी चुनौतियां हमसे नए समाधान मांग रही हैं और इसलिए हमें मानव केंद्रित अप्रोच केसाथ अपने हर दायित्व को निभाते हुए ही आगे बढ़ना है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि आज जी20 के प्रेसिडेंट के तौरपर भारत दुनियाभर का आह्वान करता हैकि हम मिलकर सबसे पहले इस वैश्विक विश्वास की कमी को एक विश्वास, एक भरोसे में बदलें, यह हम सभीके साथ मिलकर चलने का समय है और इसलिए सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास का मंत्र हम सभी केलिए एक पथप्रदर्शक बन सकता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत की जी-20 प्रेसीडेंसी देश के भीतर और देश के बाहर समावेश, सबका साथ का प्रतीक बन गई है, भारत में ये पीपुल्स जी-20 बन गया, करोड़ों भारतीय इससे जुड़े, देश के 60 से ज़्यादा शहरों में 200 से ज्यादा अधिक बैठकें हुईं।
प्रधानमंत्री ने कहाकि सबका साथ की भावना से ही भारत ने प्रस्ताव रखा थाकि अफ्रीकन यूनियन को जी-20 की स्थाई सदयस्ता दी जाए और इस प्रस्ताव पर हम सबकी सहमति है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर अफ्रीकन यूनियन के अध्यक्ष को गर्मजोशी केसाथ जी-20 के स्थायी सदस्य के रूपमें अपना स्थान ग्रहण करने केलिए आमंत्रित किया। इसी के साथ अब जी21 सदस्य हो गए हैं ये हैं-अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ़्रीका, तुर्किये, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, यूरोपीय संघ और अफ़्रीकी संघ। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत आस्था, अध्यात्म और परंपराओं की डायवर्सिटी की भूमि है, दुनिया के अनेक बड़े धर्मों ने यहां जन्म लिया है, दुनिया के हर धर्म ने यहां सम्मान पाया है। उन्होंने कहाकि लोकतंत्र की जननी के रूपमें संवाद और लोकतांत्रिक विचारधारा पर अनंतकाल से हमारा विश्वास अटूट है, हमारा वैश्विक व्यवहार वसुधैव कुटुम्बकम यानी विश्व एक परिवार है के मूलभाव पर आधारित है, यही भाव हर भारतीय को एक पृथ्वी के दायित्वबोध से भी जोड़ता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि एक पृथ्वी की भावना सेही भारत ने पर्यावरण मिशन केलिए जीवनशैली की शुरुआत की है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत के आग्रह पर और आप सबके सहयोग से विश्व इस साल अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष मना रहा है और यहभी जलवायु सुरक्षा की भावना से जुड़ा हुआ है, इसी भावना केसाथ कोप-26 में भारत ने ग्रीन ग्रिड पहल-एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड लॉंच किया था। उन्होंने कहाकि आज भारत दुनिया के उन देशों में है, जहां बहुत बड़े पैमाने पर सोलर रिवॉल्यूशन चल रहा है, भारत के करोड़ों किसान अब नैचुरल फार्मिंग अपना रहे हैं, यह मानव स्वास्थ्य केसाथ मिट्टी और पृथ्वी के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने का भी बहुत बड़ा अभियान है। उन्होंने कहाकि हमने भारत में ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन को बढ़ाने केलिए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन भी लॉंच किया है। उन्होंने कहाकि जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान भारत ने वैश्विक हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहाकि जलवायु की चुनौती को ध्यान में रखते हुए एनर्जी ट्रांजिशन इक्कीसवीं सदी के विश्व की बहुत बड़ी आवश्यकता है, एनर्जी ट्रांजिशन केलिए ट्रिलियंस ऑफ़ डॉलर्स की जरूरत है, स्वाभाविक रूपसे इसमें विश्व के विकसित देशों की बहुत बड़ी भूमिका है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत केसाथ ग्लोबल साउथ के सभी देशों को खुशी हैकि विकसित देशों ने इस साल यानी 2023 में एक अहम सकारात्मक पहल की है, जलवायु वित्त केलिए अपने 100 बिलियन डॉलर के कमिटमेंट को पूरा करने की पहलीबार इच्छा जाहिर की है, ग्रीन विकास पैक्ट को अपनाकर जी-20 ने सस्टेनेबल और ग्रीन ग्रोथ केप्रति अपने दायित्वों का निर्वहन किया है। उन्होंने कहाकि सबके प्रयास की भावना केसाथ आज जी-20 के इस मंच पर भारत के कुछ सुझाव भी हैं, समय की मांग हैकि सभी देश ईंधन ब्लेंडिंग के क्षेत्र में साथ मिलकर काम करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमारा प्रस्ताव हैकि पेट्रोल में इथेनॉल ब्लेंडिंग को ग्लोबल स्तरपर 20 परसेंट तक लेजाने केलिए इनिशिएटिव लिया जाए या फ़िर वैश्विक भलाई केलिए हम कोई और ब्लेंडिंग मिक्स निकालने पर काम करें, जिससे एनर्जी सप्लाई बनी रहे और जलवायु भी सुरक्षित रहे, इस संदर्भ में आज हम वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन लॉंच कर रहे हैं, भारत आप सबको इससे जुड़ने केलिए आमंत्रित करता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए दशकों से कार्बन क्रेडिट की चर्चा चल रही है, कार्बन क्रेडिट इस भावना पर बल देता हैकि क्या नहीं करना चाहिए, यह एक नकारात्मक नजरिया है, इस कारण अक्सर इस बातपर ध्यान नहीं दिया जाताकि क्या सकारात्मक कदम उठाए जाने चाहिएं, सकारात्मक क़दमों केलिए प्रोत्साहन की व्यवस्था का अभाव है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि ग्रीन क्रेडिट हमें इसी का रास्ता दिखाता है, इस सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने केलिए मेरा प्रस्ताव हैकि जी-20 देश एक हरित ऋण पहल पर काम की शुरुआत करें। प्रधानमंत्री ने वैश्विक नेताओं से कहाकि आप सभी भारत के मून मिशन चंद्रयान की सफलता से परिचित हैं, इससे उपलब्ध होने वाला डेटा पूरी मानवता के काम आने वाला है, इसी भावना से भारत पर्यावरण और जलवायु अवलोकन केलिए जी20 उपग्रह मिशन लॉंच करने का प्रस्ताव भी रख रहा है, इससे मिलने वाले जलवायु और मौसम डेटा सभी देशों विशेषकर ग्लोबल साउथ के देशों केसाथ शेयर किए जाएंगे और भारत जी-20 के सभी देशों को इस पहल से जुड़ने केलिए आमंत्रित करता है। गौरतलब हैकि भारत की अध्यक्षता में जी-20 सम्मेलन में 20 सदस्य देशों, 9 आमंत्रित देशों और 14 अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने हिस्सा लिया है।

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