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भारत के पहले आदित्य एल1 की सफल उड़ान

'प्रधानमंत्री को तारों तक पहुंचने व ब्रह्मांडीय खोज का विश्वास'

भारत के लिए यह एक सुनहरा क्षण-राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 2 September 2023 04:23:52 PM

successful flight of aditya l1

श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के भरोसेमंद ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-एक्सएल से आज श्रीहरिकोटा रेंज से भारत का पहला सौर मिशन आदित्य एल1 लॉंच किया गया। इस अवसर पर मौजूद केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने इसे भारत का सुनहरा क्षण बताया। उन्होंने पीएसएलवी-सी57 द्वारा भारतीय समयानुसार दोपहर 1 बजे आदित्य एल1 की सफल उड़ान के तुरंत बाद मिशन नियंत्रण कक्ष में इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों से कहाकि हालांकि पूरी दुनिया ने इसे सांस रोककर देखा, यह वास्तव में भारत के लिए एक सुखद क्षण है। उन्होंने कहाकि भारतीय वैज्ञानिक वर्षों से दिन-रात काम कर रहे थे, मेहनत कर रहे थे, लेकिन प्रतिज्ञा का क्षण आज आ गया है। डॉ जितेंद्र सिंह ने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र केलिए नए रास्ते खोलकर और हमें यह बताकर कि आकाश कोई सीमा नहीं है, ऐसा करने केलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रथम सौर मिशन आदित्य-एल1 के सफल प्रक्षेपण केलिए इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहाकि चंद्रयान-3 की सफलता केबाद भारत ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा जारी रखी है। भारत के प्रथम सौर मिशन आदित्य-एल1 के सफल प्रक्षेपण केलिए इसरो के हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई। संपूर्ण मानवता के कल्याण केलिए ब्रह्मांड की बेहतर समझ विकसित करने के क्रम में निरंतर हमारे वैज्ञानिक प्रयास चलते रहेंगे। डॉ जितेंद्र सिंह ने सितारों तक पहुंचने और उससे परे ब्रह्मांड के रहस्यों की खोज करने का आत्मविश्वास, साहस और दृढ़ विश्वास देने केलिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और कहाकि हमें हमारी अंतरिक्ष बिरादरी की विशाल क्षमता का एहसास कराने के लिए भी धन्यवाद। उन्होंने कहाकि चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के ठीक बाद आदित्य एल1 का सफल प्रक्षेपण भी 'संपूर्ण विज्ञान और संपूर्ण राष्ट्र' के दृष्टिकोण का प्रमाण है, जिसे हमने अपनी विश्व संस्कृति में अपनाने की मांग की है।
अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने इसरो को इस दृष्टिकोण को क्रियांवित करने का श्रेय दिया और कहाकि देशभर के विज्ञान संस्थान इस दृष्टिकोण में किसी न किसी रूपमें, छोटे या बड़े तरीके से योगदान देने केलिए आगे आए हैं जैसे-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स, बेंगलुरु, नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरीज, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई, एनजीआरआई नागपुर, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी मद्रास, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी मुंबई। डॉ जितेंद्र सिंह ने इसे एक टीम प्रयास बताते हुए आदित्य एल1 लॉंच को प्रतिकूलता का दिन करार दिया। उन्होंने कहाकि 2 सितंबर 2023 गणना का दिन है, जब हम अपने 140 करोड़ बच्चों की सामूहिक इच्छा और सामूहिक प्रयास केसाथ अमृतकाल और भारत माता के संकल्प के अगले 25 वर्ष में आगे बढ़ेंगे और विश्व पद पर गौरव का अनुभव करेंगे। इससे पहले इसरो ने पुष्टि कीकि पीएसएलवी-सी57 से आदित्य-एल1 का प्रक्षेपण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है और उपग्रह को उसकी इच्छित कक्षा में सटीक स्थापित कर दिया गया है, इसके साथही भारत की पहली सौर वेधशाला ने सूर्य-पृथ्वी एल1 बिंदु के गंतव्य तक अपनी यात्रा शुरू कर दी है।
इसरो की ओर से जानकारी देते हुए कहा गयाकि अपने सौर पैनलों को तैनात करने केसाथ आदित्य-एल1 ने बिजली पैदा करना शुरू कर दिया। आदित्य एल1 सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष-आधारित भारतीय मिशन है। लगभग अगले चार महीने में विभिन्न कक्षा उत्थान युक्तियों और क्रूज़ चरण के माध्यम से अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंज बिंदु 1 (एल 1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में रखा जाएगा, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर है। एल1 बिंदु के चारों ओर प्रभामंडल कक्षा में रखे गए उपग्रह को बिना किसी ग्रहण के सूर्य को लगातार देखने का प्रमुख लाभ होता है, इससे वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर इसके प्रभाव को देखने का अधिक लाभ मिलेगा। अंतरिक्षयान विद्युत चुम्बकीय और कण और चुंबकीय क्षेत्र डिटेक्टरों का उपयोग करके प्रकाशमंडल, क्रोमोस्फीयर और सूर्य की सबसे बाहरी परतों का निरीक्षण करने केलिए सात पेलोड ले जाता है। विशेष सुविधाजनक बिंदु एल1 का उपयोग करते हुए चार पेलोड सीधे सूर्य को देखते हैं और शेष तीन पेलोड लैग्रेंज बिंदु एल1 पर कणों और क्षेत्रों का इन-सीटू अध्ययन करते हैं, इस प्रकार अंतरग्रहीय माध्यम में सौर गतिशीलता के प्रसार प्रभाव का महत्वपूर्ण वैज्ञानिक अध्ययन प्रदान करते हैं।
उम्मीद की गई हैकि आदित्य एल1 मिशन कोरोनल हीटिंग, कोरोनल मास इजेक्शन, प्री-फ्लेयर और फ्लेयर गतिविधियों और उनकी विशेषताओं, अंतरिक्ष मौसम की गतिशीलता, कणों और क्षेत्रों के प्रसार आदि की समस्या को समझने केलिए सबसे महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य- एल1 के सफल प्रक्षेपण केलिए इसरो को बधाई दी है। उन्होंने 'एक्स' पर अपने पोस्ट में कहाकि हमारे वैज्ञानिकों ने बार-बार अपनी ताकत और प्रतिभा साबित की है। भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य-एल 1के सफल प्रक्षेपण पर राष्ट्र को गर्व और प्रसन्नता है। इस अद्वितीय उपलब्धि केलिए इसरो टीम को बधाई।

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