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वीर सावरकर एयरपोर्ट पर सुविधाओं का विस्तार

अंडमान निकोबार द्वीप ने लिखी है विकास की नई गाथा-प्रधानमंत्री

वीर सावरकर एयरपोर्ट के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 18 July 2023 05:17:46 PM

veer savarkar airport new integrated terminal building inaugurated

पोर्ट ब्लेयर/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए पोर्ट ब्लेयर में वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया, जो लगभग 710 करोड़ रुपये की निर्माण लागत केसाथ सालाना लगभग 50 लाख यात्रियों को संभालने में सक्षम है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहाकि भलेही आजका कार्यक्रम पोर्ट ब्लेयर में हो रहा है, लेकिन पूरा देश उत्सुकता से केंद्रशासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की ओर देख रहा है, क्योंकि वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की यात्री प्रबंधन क्षमता बढ़ाने की मांग पूरी हो गई है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर उपस्थित रहने की भी इच्छा व्यक्त की और कहाकि वह हर्षित वातावरण और नागरिकों के चेहरों की प्रसन्नता अनुभव कर सकते हैं। उन्होंने पोर्ट ब्लेयर में हवाई अड्डे की सुविधाओं के विस्तार की बढ़ती इच्छा पर बतायाकि अबतक मौजूदा टर्मिनल में 4000 पर्यटकों को संभालने की क्षमता थी और नए टर्मिनल में यह संख्या 11000 हो गई है और अब हवाई अड्डे पर किसीभी समय 10 विमान पार्क किए जा सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 9 साल में अंडमान में विकास की नई कहानी लिखी गई है। उन्होंने कहाकि पिछली सरकार के 9 वर्ष में अंडमान-निकोबार को 23000 करोड़ रुपये का बजट मिला था, जबकि वर्तमान सरकार के पिछले नौ वर्ष में अंडमान-निकोबार को लगभग 48000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि पोर्ट ब्लेयर के नए टर्मिनल भवन से यात्रा, कारोबार करने में आसानी होगी और कनेक्टिविटी बढ़ेगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत में विकास का दायरा लंबे समय तक बड़े शहरों तकही सीमित रहा है, देश के जनजातीय और द्वीप क्षेत्र लंबे समय तक विकास से वंचित थे। उन्होंने कहाकि बीते 9 वर्ष में हमने पूरी संवेदनशीलता केसाथ न केवल पिछली सरकारों की गलतियों को सुधारा है, बल्कि एक नई व्यवस्था भी बनाई है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत में समावेशन के विकास का नया मॉडल सामने आया है, यह मॉडल 'सबका साथ सबका विकास' है, यह बहुत व्यापक है, इसमें हर क्षेत्र और समाज के हर वर्ग एवं जीवन के हर पहलू जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और कनेक्टिविटी का विकास शामिल है। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त कियाकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में किए जारहे विकास कार्य पूरे क्षेत्र को समृद्ध और मजबूती प्रदान करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहाकि बुनियादी सुविधाओं के विस्तार से यहां पर्यटन को गति मिल रही है, यहां स्नॉर्केलिंग, स्कूबा डाइविंग, सी-क्रूज़ जैसे एडवेंचर केलिए आनेवाले टूरिस्टों की संख्या भी बढ़ रही है। उन्होंने कहाकि मोबाइल कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य अवसंरचना, हवाई अड्डे की सुविधाएं और सड़कें पर्यटकों के आगमन को बढ़ावा देती हैं, इसीलिए 2014 की तुलना में पर्यटकों की संख्या दोगुनी हो गई है, साहसिक पर्यटन भी फल-फूल रहा है और आनेवाले वर्ष में यह संख्या कई गुना बढ़ जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि अंडमान विकास एवं विरासत के महामंत्र का एक जीवंत और आश्चर्यजनक उदाहरण बन रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भलेही लालकिले से पहले अंडमान में तिरंगा फहराया गया था, लेकिन द्वीप पर गुलामी के निशान पाए जा सकते हैं। उन्होंने ठीक उसी स्थान पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अवसर मिलने केलिए आभार व्यक्त किया, जहां कभी नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने तिरंगा फहराया था। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डालाकि यह हमारी सरकार ही थी, जिसने रॉस द्वीप का नाम बदलकर नेताजी सुभाष द्वीप, हैवलॉक द्वीप का नाम स्वराज द्वीप और नील द्वीप का नाम शहीद द्वीप कर दिया है। उन्होंने 21 द्वीपों का नाम परमवीरचक्र विजेताओं के नाम पर रखने का भी जिक्र किया।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का विकास देश के युवाओं केलिए प्रेरणास्रोत बन गया है। उन्होंने टिप्पणी कीकि भ्रष्टाचार और वंशवादी राजनीति ने हमेशा आम नागरिकों की ताकत केसाथ अन्याय किया है। प्रधानमंत्री ने कुछ दलों की अवसरवादी राजनीति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने जातिवाद और भ्रष्टाचार की राजनीति की आलोचना की। उन्होंने ऐसे भ्रष्टाचारियों की स्वीकार्यता की भी आलोचना की, जो कुछ मामलों में जमानत पर हैं और यहां तककि दोषी भी सिद्ध हो चुके हैं। उन्होंने संविधान को बंधक बनाने की मानसिकता पर प्रहार किया। उन्होंने इंगित कियाकि ऐसी ताकतें आम नागरिकों के विकास के बजाय स्वार्थी पारिवारिक लाभ पर केंद्रित हैं। नरेंद्र मोदी ने रक्षा और स्टार्टअप के क्षेत्र में भारत के युवाओं की ताकत को रेखांकित किया और इस बात पर अफसोस प्रकट कियाकि युवाओं की इस ताकत केसाथ न्याय नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री ने देश के विकास केलिए खुदको समर्पित करने की जरूरत पर जोर दिया और कहाकि द्वीपों और छोटे तटीय देशों के ऐसे कई उदाहरण हैं, जिन्होंने दुनिया में अभूतपूर्व प्रगति की है। कार्यक्रम में अंडमान-निकोबार द्वीप के उपराज्यपाल डीके जोशी, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, राज्यमंत्री वीके सिंह, सांसद और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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