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यूएन के शांति सैनिकों ने 75वीं वर्षगांठ मनाई

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नई दिल्ली पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित

यूएन के शांति मिशनों में भारत के योगदान की समृद्ध विरासत

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Monday 29 May 2023 03:48:31 PM

tributes paid to martyrs at national war memorial new delhi

नई दिल्ली। भारतीय सेना ने संयुक्तराष्ट्र शांति सैनिकों के 75वें अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर आज थलसेना प्रमुख, वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, नौसेना एवं वायुसेना, विदेश मंत्रालय और संयुक्तराष्ट्र के प्रतिनिधियों ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नई दिल्ली पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीद हुए साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह वह दिवस है, जिस दिन वर्ष 1948 में पहले संयुक्तराष्ट्र शांति मिशन यानी यूएन ट्रूस सुपरविजन ऑर्गनाइजेशन ने फिलिस्तीन में अपना अभियान शुरू किया था। प्रत्‍येक वर्ष इस दिन संयुक्तराष्ट्र और दुनिया के देश उन सभी पुरुषों और महिलाओं के पेशेवर रुख, समर्पण और साहस को सलाम करते हैं, जिन्‍होंने संयुक्तराष्ट्र शांति मिशन में सेवा की है या सेवा कर रहे हैं तथा शांति की स्‍थापना में अपने जीवन की आहुति देने वाले उन लोगों की स्मृति का भी सम्मान करते हैं। इस वर्ष संयुक्तराष्ट्र शांति सैनिक दिवस की 75वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है।
भारत की संयुक्तराष्ट्र शांति अभियानों में योगदान देने की एक समृद्ध विरासत है और यह शांति सैनिकों का एक सबसे बड़ा योगदान देने वाला देश है। भारत ने अबतक ऐसे शांति अभियानों में लगभग 275000 सैनिकों का योगदान दिया है, वर्तमान में 12 संयुक्तराष्ट्र मिशनों में लगभग 5900 सैनिक तैनात हैं। भारतीय सेना के जवानों ने चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी काम किया है और संयुक्तराष्ट्र के आदेशों की रक्षा केलिए सर्वोच्च बलिदान देने की सीमातक अनुकरणीय पेशेवर रुख, मानवीय दृष्टिकोण, साहस और वीरता का प्रदर्शन किया है। भारतीय सेना के 159 जवानों ने दुनिया में शांति स्‍थापना सुनिश्चित करने केलिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। मौजूदा तैनाती केबाद भारत ने संयुक्तराष्ट्र के अनुरोध पर एक इन्फैंट्री बटालियन ग्रुप और हेलिकॉप्टर केसाथ कार्वेट को हार्ड पावर के रूपमें तथा एक इंजीनियर कंपनी और सिग्नल कंपनी को बल सहायक के रूपमें तैनात किया है।
संयुक्तराष्ट्र शासनादेश केतहत अशांत क्षेत्रों में महिला शांति सैनिकों की आवश्यकता को देखते हुए भारत ने मोनस्को और यूनिस्फा लाइबेरिया केबाद दूसरा सबसे बड़ा महिला दस्‍ता में फीमेल इंगेजमेंट टीम तैनात की हैं। भारत ने यूएनडीओएफ में भी महिला सैन्य पुलिस और विभिन्न मिशनों में महिला अधिकारियों एवं सैन्य पर्यवेक्षकों को तैनात किया है। भारतीय सेना ने शांति अभियानों में महत्‍वपूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करने केलिए नई दिल्ली में संयुक्तराष्ट्र शांति स्थापना केंद्र की स्थापना की है। यह केंद्र प्रतिवर्ष 12000 से अधिक सैनिकों को प्रशिक्षित करता है। सीयूएनपीके संभावित शांति सैनिकों और प्रशिक्षकों केलिए आकस्मिक प्रशिक्षण से लेकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पाठ्यक्रमों केलिए भी कई तरह की प्रशिक्षण गतिविधियां आयोजित करता है। यह केंद्र श्रेष्‍ठ प्रक्रिया साझा करने के एक हिस्‍से के रूपमें विदेशी प्रतिनिधिमंडलों की मेजबानी करता है, संयुक्तराष्ट्र शांति स्थापना प्रशिक्षण के क्षेत्र में क्षमता निर्माण के हिस्से के रूपमें मित्रवत विदेशी राष्‍ट्रों केलिए मोबाइल प्रशिक्षण दल भी भेजता है। यह संस्‍थान दो दशक में उत्कृष्टता केंद्र और अनुभव तथा सर्वोत्तम प्रथाओं के भंडार के रूपमें विकसित हुआ है।
संयुक्तराष्ट्र मिशनों में भारतीय दस्‍तों की परिचालन दक्षता और स्थिरता सुनिश्चित करने केलिए भारतीय सेना ने अत्याधुनिक उपकरण और वाहन तैनात किए हैं। इन वाहनों और उपकरणों का भारत में निर्माण हुआ है और इन्‍होंने शांति मिशन क्षेत्रों के दुर्गम इलाकों, कठिन मौसम तथा विषम परिचालन स्थितियों की अनिश्चितताओं काभी सफलतापूर्वक सामना किया है। भारत संयुक्तराष्ट्र, मेजबान देशों और साझेदार देशों केलिए क्षमता विकास के क्षेत्र में सबसे आगे रहा है। भारत ने हमेशा चुस्त और लचीली इकाईयां, शांति रक्षक प्रशिक्षण, लॉजिस्टिक सहायता और तकनीकी वृद्धि में योगदान देते हुए लैंगिक समानता बढ़ाकर संयुक्तराष्ट्र की पहलों में मदद करने का प्रयास किया है। भारत प्रशिक्षण, बुनियादी ढांचे के विकास और नागरिक सैन्य सहयोग गतिविधियों को उपलब्‍ध कराकर मेजबान राष्ट्र को क्षमताविकास केलिए लगातार सक्रिय सहायता उपलब्‍ध करा रहा है।

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