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नेवी एडमिरल परेरा याद ​किए गए

भारतीय नौसेना के भविष्य पर छोड़ी अमिट छाप

शताब्दी स्मृति कार्यक्रम और लीडरशिप संगोष्ठी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 29 May 2023 01:54:43 PM

navy admiral pereira's centenary commemoration program

बेंगलुरु। भारतीय नौसेना ने अपने नौवें प्रमुख एडमिरल रोनाल्ड लिंसडेल परेरा की याद में शताब्दी स्मृति कार्यक्रम आयोजित किया। एडमिरल रोनाल्ड लिंसडेल परेरा को भारत के आधुनिक नौसैनिक इतिहास में एक सम्मानित व्यक्ति माना जाता है और बेंगलुरु में इनको सम्मानित करने केलिए पूर्व नौसेनाध्यक्षों सहित बड़ी संख्या में सशस्त्र बलों के कर्मी और दिग्गज इकट्ठा हुए। समारोह के एक भाग के रूपमें बेंगलुरु में लीडरशिप संगोष्ठी हुई, जिसमें नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरिकुमार ने मुख्य भाषण दिया। संगोष्ठी ने दर्शकों को रोनी परेरा के जीवनकाल से शाश्वत नेतृत्व के सबक, विकासशील डिजिटल परिदृश्य को अपनाना-नेतृत्व के दृष्टिकोण और नौसैन्य नेतृत्व के सितारे एवं भारतीय नौसेना के विकास और वृद्धि में उनके योगदान जैसे विषयों से प्रेरित किया।
नौसेना की लीडरशिप संगोष्ठी में ‘रोनी वाक्ड द टॉक: द एसेंस ऑफ हिज लीडरशिप बाय सेल्फ-एक्साम्प्ल फॉर टुमॉरो लीडर्स’ पर एक पैनल चर्चा भी हुई। वक्ताओं ने एडमिरल रोनाल्ड लिंसडेल परेरा के भारतीय नौसेना में चार दशक 1943 से 1982 के उल्लेखनीय करियर को याद किया, जिसने भारतीय नौसेना के भविष्य पर एक अमिट छाप छोड़ी। तकनीकी आत्मनिर्भरता केलिए अपनी सत्यनिष्ठा, साहस और प्रतिबद्धता केलिए जाने जानेवाले एडमिरल रोनाल्ड लिंसडेल परेरा ने आधुनिक भारतीय नौसेना को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के उप कमांडेंट और सीओएससी के अध्यक्ष के रूपमें उनकी दृष्टि, प्रतिबद्धता और नैतिकता ने तीनों सेवाओं के अधिकारियों को प्रभावित किया। शताब्दी स्मृति कार्यक्रम एडमिरल परेरा की स्थायी विरासत का एक वसीयतनामा है, जो वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करता है।
कर्नाटक नौसेना क्षेत्र को कमांड करने वाले फ्लैग ऑफिसर रियर एडमिरल केएम रामकृष्णन ने इससे पहले सशस्त्र बलों के सेवारत और अनुभवी कर्मियों केसाथ बेंगलुरु में एडमिरल रोनाल्ड लिंसडेल परेरा के समाधि स्थल पर जाकर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। द नेवी फाउंडेशन बेंगलुरु अध्याय, जो सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारियों का एक संगठन है ने भी शताब्दी स्मारक कार्यक्रम में भाग लिया। गौरतलब हैकि एडमिरल आरएल परेरा सेवानिवृत्ति केबाद बेंगलुरु में बस गए थे और 14 अक्टूबर 1993 को अपने निधन तक पूर्व सैनिकों केलिए अथक रूपसे कार्यरत रहे। सेवारत वरिष्ठ नेतृत्व और प्रतिष्ठित दिग्गजों ने एडमिरल परेरा के अनुकरणीय नेतृत्व, अखंडता और नैतिक साहस का पालन करने का आह्वान किया।

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