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Monday 24 April 2023 12:06:57 PM
चेन्नई। भारत और रूस समुद्री व्यापार सहयोग को और बढ़ावा देने पर ब्लू इकोनॉमी में निहित अपार कारोबारी क्षमता को शुरू करते हुए एवं दोनों देशों केबीच विशेष संबंध को अधिक गति देने के उद्देश्य से भारत चेन्नई-व्लादिवोस्तोक समुद्री गलियारे को खोलने केलिए रूस केसाथ विचार-विमर्श कर रहा है। माना जा रहा हैकि यह समुद्री गलियारा दोनों देशों के समृद्ध समुद्री इतिहास के रूपमें चेन्नई और व्लादिवोस्तोक को जोड़कर दो ऐतिहासिक शहरों केबीच विकास एवं निवेश सहयोग के एक वाहक के रूपमें कार्य करेगा। केंद्रीय पत्तन पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने तमिलनाडु में चेन्नई तथा कामराजर बंदरगाहों की कार्यक्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से चेन्नई में 148 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया और यह महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने कहाकि इन परियोजनाओं का लक्ष्य चेन्नई और कामराजर बंदरगाहों की कार्यकुशलता को विस्तार देना है।
सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि तमिलनाडु के समुद्री व्यापार का समृद्ध इतिहास भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि एवं विकास का आधार रहा है। उन्होंने कहाकि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में कार्य कर रहे हैं और इन परियोजनाओं के पूरा होने से यहां के समुद्री इलाके में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है। सर्बानंद सोनोवाल ने चेन्नई बंदरगाह पर भारती डॉक में एक बंकर बर्थ, जोलारपेट में गुड्स शेड यार्ड और 40 किलोलीटर प्रतिदिन क्षमता वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन किया, जिनकी लागत 55 करोड़ रुपये से अधिक है। उन्होंने बतायाकि दूरदर्शी सागरमाला योजना केतहत वित्तपोषित 182 मीटर बंकर बर्थ परियोजना की कीमत 50.25 करोड़ रुपये है, यह 1 मिलियन मीट्रिक टन प्रतिवर्ष की क्षमता वृद्धि को विस्तार देगा और 10000 डीडब्ल्यूटी तक के बंकर टैंकरों को भी संभालेगा। यह चेन्नई, कामराजर और कटुपल्ली में क्षेत्रीय बंदरगाहों पर कॉल करनेवाले जहाजों तथा इसके आस-पास से गुजरने वाले अन्य जहाजों की तेल भरने व अन्य संबंधित आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि ये परियोजनाएं न केवल तमिलनाडु के समुद्री क्षेत्र को सशक्त बनाएंगी, बल्कि विदेशी व्यापार में माल और सेवाओं के आयात-निर्यात की व्यावसायिक गतिविधियों केसाथ क्षेत्रीय कारोबार के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहाकि सागरमाला जैसी क्रांतिकारी योजनाओं के जरिए ब्लू इकोनॉमी की विशाल क्षमता का इस्तेमाल करने का हमारा एक प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिकल्पित नए भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है। गौरतलब हैकि रेलवे के जरिए जोलारपेट में लोडिंग और स्टैकिंग सुविधाओं केसाथ 15000 वर्ग मीटर की विशेष गुड्स शेड सुविधा होने से चेन्नई बंदरगाह तक कार्गो की आवाजाही में काफी आसानी होगी, इससे निःसंदेह कार्गो विशेष रूपसे कंटेनरों की आवाजाही बढ़ेगी। पोर्ट को टर्मिनल एक्सेस चार्ज से राजस्व का हिस्सा भी प्राप्त होगा। पत्तन पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय की हरित बंदरगाह पहल के हिस्से के रूपमें 40 केएलडी क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति केलिए पुनर्चक्रण केबाद अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग करने में सक्षम होगा।
वल्लुर जंक्शन से एनसीटीपीएस जंक्शन तकको जोड़ने वाले कामराजर पोर्ट के 4.8 किलोमीटर रास्ते केबीच अमृत महोत्सव मार्ग को 88 करोड़ रुपये के निवेश से तैयार किया गया है। इससे बंदरगाह तक बेहतर सड़क संपर्क केसाथ कार्गो की परेशानी मुक्त आवाजाही को बढ़ावा मिलेगा। वल्लूर जंक्शन से एनसीटीपीएस जंक्शन तक पोर्ट एक्सेस रोड का चौड़ीकरण और कंक्रीट वाला निर्माण कार्य, सागरमाला तथा पत्तन पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय की नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन परियोजनाओं में से एक के तहत पूरा किया गया है। सागरमाला कार्यक्रम ने भारत के समुद्री बुनियादी ढांचे को विकसित करने के उद्देश्य से एक एकीकृत दृष्टिकोण अपनाया है और विकास केलिए 5 प्रमुख स्तंभों केतहत अनेक परियोजनाओं की पहचान की गई है, इनमें शामिल हैं-पोर्ट आधुनिकीकरण, पोर्ट कनेक्टिविटी, पोर्ट-लेड औद्योगीकरण, तटीय सामुदायिक विकास तथा तटीय नौवहन एवं अंतर्देशीय जल परिवहन। सागरमाला परियोजनाओं में से 1.46 लाख करोड़ रुपये की 108 परियोजनाएं केवल तमिलनाडु राज्य में कार्यांवित की जा रही हैं, इनमें 108 परियोजनाओं में से 34752 करोड़ रुपये की 43 परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं, इसके अतिरिक्त 67759 करोड़ रुपये की 34 परियोजनाओं पर काम चल रहा है और 44057 करोड़ रुपये की 31 परियोजनाएं विकास के विभिन्न चरणों में कार्यांवित हैं।
पोर्ट आधुनिकीकरण श्रेणी केतहत 49045 करोड़ रुपये की 44 परियोजनाए भी पूरी हो रही हैं,इस श्रेणी के अंतर्गत कुछ अन्य प्रमुख परियोजनाएं वीओसी पोर्ट पर फिशरीज कॉलेज के सामने एनएच-7ए से सटे एक पूर्ण विकसित ट्रक पार्किंग टर्मिनल का विकास एवं संचालन वीओसी पोर्ट पर तटीय कार्गो बर्थ केलिए डॉक बेसिन का ड्रेजिंग आदि हैं। दक्षिण भारत के औद्योगीकरण में चेन्नई बंदरगाह महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। चेन्नई बंदरगाह कामराजर बंदरगाह केसाथ मिलकर तमिलनाडु के निर्यात-आयात व्यापार की मेरुदंड रहा है। चेन्नई पोर्ट ने साल 2022-23 केलिए 943 करोड़ रुपये की परिचालन आय और 150 करोड़ रुपये का शुद्ध अधिशेष हासिल किया, जो पिछले 13 वर्ष में सबसे अधिक है। कामराजार बंदरगाह ने भी वित्तवर्ष 2023 में पहलीबार 1000 करोड़ रुपये की आय का आंकड़ा पार किया। केपीएल ने 2022-23 में 670 करोड़ रुपये का शुद्ध अधिशेष (कर से पहले लाभ) दर्ज किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 24.39 प्रतिशत ज्यादा रहा है।