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मेघालय में चलेंगी इलेक्ट्रिक इंजन वाली रेलगाड़ियां

मेघालय और नॉर्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी के लिए अच्छी ख़बर-प्रधानमंत्री

भारतीय रेलवे का वर्ष 2030 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जक का लक्ष्य

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 18 March 2023 12:41:57 PM

meghalaya gets its first train on electric traction

शिलांग। मेघालय में पहलीबार इलेक्ट्रिक इंजन से चलने वाली रेलगाड़ियां चलेंगी। रेलवे ने अभयपुरी-पंचरत्न और दुधनोई-मेंदीपाथर केबीच महत्वपूर्ण खंडों के विद्युतीकरण का कार्य पूरा कर लिया है, इससे पूर्वोत्तर भारत में रेलगाड़ियों के संचालन में काफी सुधार होगा। भारतीय रेलवे वर्ष 2030 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जक बनने केलिए पूरी शक्ति केसाथ प्रगति पथ पर बढ़ रहा है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने पूर्ण विद्युतीकरण का लक्ष्य हासिल करने के प्रयास में 15 मार्च 2023 को दुधनोई-मेंदीपाथर (22.823 किलोमीटर ट्रैक) सिंगल लाइन सेक्शन और अभयपुरी-पंचरत्न (34.59 किलोमीटर ट्रैक) डबल लाइन खंड को क्रियांवित करके एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इन खंडों में विद्युतीकरण पूरा करने का कार्य रेलवे विद्युतीकरण केलिए केंद्रीय संगठन (कोर) ने किया है।
पूर्वोत्तर भारत के राज्य मेघालय का मेंदीपाथर एकमात्र ऐसा रेलवे स्टेशन है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्घाटन किए जाने के बाद वर्ष 2014 से परिचालन में है। विद्युत कर्षण के प्रारंभ होने केबाद इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव से खींची जानेवाली रेलगाड़ियां अब मेघालय के मेंदीपाथर से सीधे संचालित हो सकेंगी। इस महत्वपूर्ण सफलता से रेलगाड़ियों की औसत गति में भी वृद्धि होगी। अब अधिक यात्री और माल ढुलाई वाली ट्रेनें इन खंडों के विद्युतीकरण होने केबाद अपने खंड संबंधी पूर्ण निर्धारित गति से संचालित हो सकेंगी। इससे खंड के रेल संचालन में समय की पाबंदी भी बढ़ेगी। दूसरे राज्यों से इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव से खींची जानेवाली पार्सल और माल ढुलाई वाली रेलगाड़ियां सीधे मेघालय पहुंच सकेंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके मेघालय को पहलीबार इलेक्ट्रिक ट्रेन प्राप्त होने पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने कहाकि मेघालय और उत्तर पूर्व में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने केलिए यह काफी अच्छी ख़बर है। विद्युतीकरण पूर्ण होने से पूर्वोत्तर भारत में रेलगाड़ियों के संचालन में काफी सुधार होगा। जीवाश्म ईंधन से चलने वाले इंजन से विद्युत चालित इंजन की ओर जाने से प्रदूषण में कमी के अलावा इस क्षेत्र में रेलवे प्रणाली की दक्षता में भी सुधार होगा। इससे निर्बाध यातायात की सुविधा होगी और कीमती विदेशी मुद्रा की बचत के अलावा पूर्वोत्तर राज्यों से आने-जाने वाली रेलगाड़ियों के समय की भी बचत होगी। 

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