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'सैन्य प्लेटफॉर्म्स पर मानव कारक इंजीनियरिंग'

चीफ ऑफ डिफेंस ने किया दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन

डीआरडीओ ने की ह्यूमन फैक्टर्स इंजीनियरिंग कार्यांवयन पहल

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 15 March 2023 05:42:58 PM

chief of defense inaugurated the two-day workshop

नई दिल्ली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने आज 'ह्यूमन फैक्टर्स इंजीनियरिंग इन मिलिट्री प्लेटफॉर्म' पर दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया, जिसका आयोजन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की दिल्ली स्थित प्रयोगशाला डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ फिजियोलॉजी एंड एलाइड साइंसेज ने किया है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने अपने संबोधन में सैनिकों केलिए उपयुक्त स्वदेशी हथियार बनाने हेतु गुणात्मक आवश्यकताओं और डिजाइन के स्तर पर ह्यूमन फैक्टर्स इंजीनियरिंग की गतिविधियों को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने लंबे समय तक चलने वाली लड़ाइयों और छोटी अवधि के विशेष रक्षा अभियानों को ध्यान में रखते हुए एकीकृत रक्षा कर्मचारियों की भागीदारी के माध्यम से एचएफई के कार्यांवयन केलिए एक सहक्रियाशील दृष्टिकोण एवं नीतिगत ढांचा तैयार करने का आह्वान किया।
रक्षा क्षेत्र में ह्यूमन फैक्टर्स इंजीनियरिंग के वैज्ञानिक क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने केलिए एक नीतिगत ढांचे का निर्माण तथा आवश्यक कार्य प्रणालियों को विकसित करना कार्यशाला के आयोजन का उद्देश्य है, जिससे आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को गति प्रदान की जा सके। ह्यूमन फैक्टर्स इंजीनियरिंग सुरक्षित एवं प्रभावी उपयोग केलिए मानव क्षमताओं एवं सीमाओं को ध्यान में रखते हुए उपकरणों और प्रणालियों के डिजाइन से संबंधित विज्ञान है। इस अवसर पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने उत्पाद विकास चक्र के अभिन्न अंग के रूपमें ह्यूमन फैक्टर्स इंजीनियरिंग के कार्यांवयन केलिए डीआरडीओ की पहल का उल्लेख किया।
डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने इस तथ्य पर जोर दियाकि यह सुनिश्चित किया जाना आवश्यक हैकि तैयार किएगए उत्पाद न केवल भारतीय सैनिकों केलिए विकसित किए गए हैं, बल्कि ये निर्यात हेतु भी उपलब्ध हैं। उन्होंने कहाकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रक्षा उपकरणों केलिए प्रणालीगत स्वायत्तता के युग में ह्यूमन फैक्टर्स इंजीनियरिंग की समान रूपसे महत्वपूर्ण भूमिका होगी। महानिदेशक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन मुख्यालय तथा भविष्य की रक्षा प्रौद्योगिकियों पर काम करने वाली प्रयोगशालाओं के निदेशक, वरिष्ठ वैज्ञानिक, सामरिक योजनाओं के प्रतिनिधि, आर्मी डिजाइन ब्यूरो, बख्तरबंद कोर, इन्फैंट्री, युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो, भारतीय वायुसेना, रक्षा उद्योगों एवं रक्षा पीएसयू के वरिष्ठ अधिकारी कार्यशाला में भाग ले रहे हैं।

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