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माधव राष्ट्रीय उद्यान एमपी में छोड़े गए बाघ

सतपुरा और बांधवगढ़ से लाए गए एक बाघ और एक बाघिन

देश में बाघों की आबादी को फिर से बहाल करने के प्रयास

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 11 March 2023 12:39:36 PM

a tiger and tigress brought from satpura and bandhavgarh

भोपाल। केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा माधव राष्ट्रीय उद्यान में दो बाघों को छोड़े जाने पर सिलसिलेवार ट्वीट की जानकारी दी है, जिसमें बताया गया हैकि बांधवगढ़ से एक मादा बाघ और सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व से एक नर बाघ को लाकर माधव राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा गया। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट करके कहा हैकि ऐतिहासिक सौग़ात मेरे पूज्य पिताजी माधवराव सिंधियाजी की जयंती पर सतपुरा और बांधवगढ़ से लाए गए एक बाघ और बाघिन माधव राष्ट्रीय उद्यान में छोड़े गए।
वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत वन्यजीव संरक्षण और स्थानीय समुदायों केलिए पर्यटन संबंधी आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने में अभूतपूर्व प्रगति कर रहा है। उन्होंने बतायाकि बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व से साढ़े तीन साल की बाघिन को माधव नेशनल पार्क मध्य प्रदेश में विशेष रूपसे बनाएगए सॉफ्ट रिलीज एनक्लोजर में रखा गया है। गौरतलब हैकि 1956 में अधिसूचित मध्य प्रदेश के सबसे पुराने राष्ट्रीय उद्यानों में से एक माधव राष्ट्रीय उद्यान में अतीत में बाघों की अच्छी खासी आबादी रही है। इन वर्षों में राष्ट्रीय उद्यान में बाघ की छिटपुट उपस्थिति थी और आखिरी बार बाघ की उपस्थिति 2012 में देखी गई थी। करीब 354.61 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रमें फैले इस पार्क का स्थान संरक्षण महत्व रखता है, क्योंकि इसमें राजस्थान में रणथंभौर टाइगर रिज़र्व केसाथ मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिज़र्व को जोड़ने की क्षमता है।
माधव राष्ट्रीय उद्यान में बाघों की आबादी को फिरसे बहाल करने के प्रस्ताव के तहत मध्य प्रदेश वन विभाग ने बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व और पन्ना टाइगर रिज़र्व और भोपाल के आसपास से 5 बाघों (2 नर और 3 मादा) को स्थानांतरित करने की योजना तैयार की थी। बाघों के रहने केलिए 1.3 हेक्टेयर के 3 बाड़े बनाए गए हैं। इनमें से प्रत्येक बाड़े को गेट के माध्यम से आपस में जोड़ा गया है, पानी छाया और प्राकृतिक वृक्षों के आवरण केलिए प्रावधान किया गया है। फील्ड स्टाफ नए लाए गए बाघों पर चौबीस घंटे नज़र रख रहा है। बाघों की निगरानी केलिए बचाव वाहन, पिंजरों, इमोबिलाइजिंग गन, ड्रग्स से लैस एक पूर्णकालिक पशु चिकित्सक को भी राष्ट्रीय उद्यान में तैनात किया गया है।

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