राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को अर्पित की श्रद्धांजलि
'भारत-अमेरिका घनिष्ठ मित्र और प्रमुख रक्षा भागीदार हैं'स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 19 November 2022 03:48:13 PM
नई दिल्ली। अमरीका के नौसेना सचिव कार्लोस डेल टोरो 17-21 नवंबर 2022 तक पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर भारत में हैं। अमरीकी नौसेना सचिव ने सर्वप्रथम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जाकर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान वे नई दिल्ली में नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरिकुमार और भारत सरकार के उच्च पदस्थ अधिकारियों केसाथ बैठक करेंगे। कार्लोस डेल टोरो कोच्चि में भारतीय नौसेना के दक्षिणी नौसेना कमान का भ्रमण करेंगे, वे वहां पर दक्षिणी नौसेना कमान के कमांडर-इन-चीफ से बातचीत करेंगे और कोचीन शिपयार्ड में भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक आईएनएस विक्रांत का दौरा भी करेंगे। गौरतलब हैकि भारत और अमेरिका ने परंपरागत रूपसे घनिष्ठ एवं मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित किए हैं। दोनों देशों केबीच रक्षा संबंध आपसी विश्वास तथा भरोसे के रहे हैं, जो जून 2016 में भारत को प्रमुख 'रक्षा भागीदार का दर्जा' देने केबाद काफी बदल चुके हैं।
भारत और अमेरिका ने 2015 में हस्ताक्षर किएगए रक्षा ढांचा समझौता सहित कुछ अन्य मूलभूत समझौते भी किए हैं, जिनसे दोनों देशों के रक्षा प्रतिष्ठानों केबीच आपसी सहयोग का खाका तैयार होता है। भारत और अमरीका ने वर्ष 2016 में लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए थे, जो दोनों देशों के सशस्त्रबलों केबीच पारस्परिक सैन्यतंत्र सहयोग की सुविधा प्रदान करनेवाला एक मूलभूत समझौता है। इसके बाद 6 सितंबर 2018 को कम्युनिकेशन कंपैटीबिलिटी एंड सिक्योरिटी एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किएगए, जिसके माध्यम दोनों देशों के सशस्त्रबलों केबीच सूचना साझाकरण की सुविधा उपलब्ध हुई है। हालही में भारत-अमरीका ने बेसिक एक्सचेंज कोऑपरेशन एग्रीमेंट भी किया है, जो रक्षा मंत्रालय और अमरीका की नेशनल जिओ स्पेटियल एजेंसी केबीच भू-स्थानिक जानकारी साझा करने में सक्षम बनाता है।
भारतीय नौसेना कई मामलों में अमरीकी नौसेना केसाथ घनिष्ठ सहयोग करती है, जिसमें मालाबार जैसे नौसैन्य युद्धाभ्यास भी शामिल हैं। इसका पिछला संस्करण जापान के योकोसुका से 9 से 15 नवंबर 2022 तक आयोजित किया गया था। इसके अतिरिक्त रिमपैक 22 अभ्यासों की श्रृंखला, प्रशिक्षण का आदान-प्रदान, व्हाइट शिपिंग सूचना का आदान-प्रदान और विभिन्न क्षेत्रों में विषयवस्तु विशेषज्ञ जैसे विभिन्न परिचालन संबंधी मुद्दे भी सहयोग की इस परम्परा में शामिल हैं। इनमें से सभीका समन्वय वार्षिक रूपसे कार्यकारी संचालन समूह की बैठकों के माध्यम से किया जाता है। दोनों देशों की नौसेनाओं के युद्धपोत नियमित रूपसे एक-दूसरे के बंदरगाहों पर पोर्टकॉल करते हैं। दोनों देशोंकी नौसेनाएं 'मुक्त, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र' के साझा उद्देश्य केसाथ सहयोग केलिए नए विकल्प तलाशने की दिशा मेंभी सहयोग कर रही हैं।