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दिल्ली में आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम

खेलमंत्री ने सुने आदिवासी युवाओं के आत्मविश्वास व ऊर्जावान विचार

युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय और गृह मंत्रालय का संयुक्त आयोजन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 20 October 2022 12:27:50 PM

sports minister listened to the thoughts of youth full of confidence and energy

नई दिल्ली। युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय ने गृह मंत्रालय के सहयोग से आदिवासी युवाओं के विकास केलिए नई दिल्ली में 14वें आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम आयोजित किया। केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर मंत्रालय के अधिकारियों केसाथ कार्यक्रम में शामिल हुए। अनुराग ठाकुर ने देशके विभिन्न राज्यों से आए युवाओं का स्वागत किया एवं उनसे संवाद भी किया। इन युवाओं ने भी पूरे उत्साह से कार्यक्रम में माध्यम से अपने-अपने राज्यों की संस्कृतियों को साझा करने केप्रति रुचि दिखाई। खेल मंत्री ने इस अवसर पर कहाकि हम आदिवासी भाई-बहनों केलिए अलग से खेलों की स्पर्धा रखेंगे, ताकि उनको भी खेलों में अवसर मिलें।
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने आदिवासी युवाओं के आत्मविश्वास और ऊर्जा से भरपूर प्रदर्शन एवं प्रस्तुतियां देखीं। उन्होंने कहाकि उन्हें खुशी हैकि आदिवासी युवाओं ने न केवल इस कार्यक्रम में भाग लिया, बल्कि अपने विचारों को प्रभावी ढंगसे प्रस्तुत किया है। अनुराग ठाकुर ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक भारत श्रेष्ठ भारत के विजन को आगे बढ़ाया जाना चाहिए और हम अपने युवाओं को सीमा पर विभिन्न गांवों में भेजने और वहां कम से कम उनके एक दिन बिताने की योजना बना रहे हैं। गौरतलब हैकि गृह मंत्रालय के वामपंथी उग्रवाद प्रभाग के सहयोग और वित्तीय सहायता से नेहरू युवा केंद्र संगठन आदिवासी युवाओं के विकास और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने केलिए 2006 से आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। नेहरू युवा केंद्र संगठन ने इस वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान देशभर में 26 आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम आयोजित किए हैं।
आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का उद्देश्य आदिवासी युवाओं को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत केप्रति संवेदनशील बनाना, उन्हें विविधता में एकता की अवधारणा को आत्मसात करने में सक्षम बनाना, उन्हें विकास संबंधी गतिविधियों एवं औद्योगिक उन्नति से अवगत कराना, उनको देशके दूसरे हिस्से में अपने साथियों केसाथ भावनात्मक संबंध विकसित करने और उनके आत्मसम्मान को बढ़ाने में मदद करना है। प्रत्येक आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम की अवधि 7 दिन की है। छत्तीसगढ़ के वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिले सुकमा और राजनंदगांव, मध्य प्रदेश के बालाघाट और बिहार के जमुई जिले से 18-22 वर्ष आयुवर्ग के 220 चयनित युवा इसमें भाग ले रहे हैं। आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम की प्रमुख गतिविधियों में संवैधानिक अधिकारियों, गणमान्य और प्रतिष्ठित व्यक्तियों केसाथ संवाद सत्र, पैनल चर्चा, व्याख्यान सत्र, आजादी के अमृत महोत्सव केतहत गतिविधियां, भाषण प्रतियोगिता, कौशल विकास, करियर संबंधी मार्गदर्शन से जुड़े उद्योग की यात्रा, खेल आयोजनों के बारेमें जानना, सीआरपीएफ कैंप का दौरा, सांस्कृतिक प्रदर्शन आदि शामिल हैं।

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