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एसएसबी का देशके प्रति समर्पण प्रेरणास्रोत-शाह

बिहार में भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी जवानों के लिए कई सुविधाएं

गृहमंत्री ने क्षेत्र की विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा व अवलोकन किया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 24 September 2022 05:12:13 PM

home minister reviewed and observed various activities in the area

पटना। भारत-नेपाल सीमा की फतेहपुर बॉर्डर आउटपोस्ट पर एसएसबी जवानों केलिए नए भवनों के उद्घाटन पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा हैकि जहां देशकी सीमाओं की सुरक्षा को देशके सुरक्षाबलों के जवान कठिन परिस्थितियों मेभी सुनिश्चित करते हैं, वहीं नरेंद्र मोदी सरकार बेहतर सीमा प्रबंधन एवं सुरक्षा हेतु बॉर्डर पर तैनात जवानों को हरसंभव सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। गृहमंत्री ने भारत-नेपाल सीमा की फतेहपुर बॉर्डर आउटपोस्ट पर पिलर नंबर-151 और 152 का अवलोकन किया और एसएसबी जवानों एवं अधिकारियों केसाथ सीमा क्षेत्र की विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा की। उन्होंने सशस्त्र सीमा बल के फतेहपुर, पेकटोल, बेरिया, आमगाछी और रानीगंज की सीमा चौकियों का भी उद्घाटन किया। उन्होंने किशनगंज बिहार के सुप्रसिद्ध बूढ़ी काली मंदिर में माँ के दर्शन करके देश और बिहारवासियों की समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहाकि सशस्त्र सीमा बल का एक इतिहास है और जबसे अटलजी के समय से एक देश और एक सीमा का सुरक्षाबल की नीति को भारत सरकार ने अपनाया, तबसे भारत-नेपाल और भारत-भूटान की खुली सीमाओं की सुरक्षा की कठिन ज़िम्मेदारी सशस्त्र सीमा बल को दी गई है और यह बल अपनी ज़िम्मेदारी बख़ूबी निभा रहा है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि खुली सीमाओं की रक्षा और चौकसी अधिक सतर्कता से करने की ज़रूरत होती है और एसएसबी ने ये काम बहुत अच्छे तरीक़े से करके किसीभी प्रकार की अवैध गतिविधि को रोकने में सफलता प्राप्त की है। उन्होंने कहाकि ऐसे में गांव से हमारा संपर्क, सूचनाओं का नेटवर्क और ग्रामीणों केसाथ सेवाके माध्यम से हमारा व्यवहार ही सीमाओं को सुरक्षित करने में महत्वपूर्ण सिद्ध होता है, इसीकारण सेवा, सुरक्षा और बंधुत्व का नारा बहुत सोच समझकर सशस्त्र सीमा बल को दिया गया है। गृहमंत्री ने कहाकि देश में क़ानून व्यवस्था बनाए रखने, आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्यों एवं निष्पक्ष चुनाव कराने में देशके सुरक्षाबलों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है। उन्होंने कहाकि मोदी सरकार सीमापर तैनात सुरक्षाबलों के जवानों और उनके परिजनों केलिए आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने केलिए समयबद्ध और चरणबद्ध तरीक़े से काम कर रही है, इसी राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत आज 25 करोड़ रूपए की लागत से पांच भवनों का लोकार्पण हुआ है। उन्होंने कहाकि मोदी सरकार का मानना हैकि हमारे सुरक्षाबलों के जवान अपने जीवन का स्वर्णिमकाल देशकी सुरक्षा केलिए सीमाओं पर कठिन परिस्थितियों में बिताते हैं, उनकी सुविधाओं का ख़याल रखना भारत सरकार का कर्तव्य है।
गृहमंत्री ने कहाकि जब बिहार और झारखंड में वामपंथी उग्रवाद चरमसीमा पर था, तब एसएसबी के जवानों ने वामपंथी उग्रवाद केखिलाफ लड़ाई में बहुत बड़ा योगदान दिया है, जिसे देश कभी भूल नहीं सकता। उन्होंने कहाकि एसएसबी के जवानों ने देश के पूर्वी क्षेत्रमें फैले नक्सलवाद के खिलाफ अनेक बलिदान देकर एक कठिन लड़ाई लड़ी और इसीके परिणामस्वरूप आज बिहार और झारखंड में नक्सलवाद लगभग समाप्त होने की कगार पर है। उन्होंने कहाकि जब सीमा खुली होती है, वहां टेक्नोलॉजी का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है, चाहे सीसीटीवी हो या ड्रोन हो अनेक प्रकार की तकनीकों को अपनाकर सीमाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहाकि सभी बलों को एक-दूसरे की गुड प्रैक्टिसेज को अपनाकर टेक्नोलॉजी को अपनाना चाहिए, क्योंकि टेक्नोलॉजी सीमाओं को सुरक्षित रखने का एक बहुत बड़ा माध्यम बन सकती है। गृहमंत्री ने कहाकि जब 2019 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वृक्षारोपण अभियान शुरू किया, तब अपने लक्ष्य को सबसे पहले प्राप्त करने वाले सुरक्षा बलों में एसएसबी सबसे आगे रहा है। उन्होंने कहाकि हाल हीमें देशने अमृत महोत्सव मनाया, हर घर तिरंगा अभियान चलाया और खासकर सीमांत क्षेत्र के गांव में राष्ट्रभक्ति की भावना को और प्रदीप्त करने का लक्ष्य रखा था, इसके तहत एसएसबी जवानों ने 10 लाख तिरंगे घर-घर जाकर वितरित किए और उन्हें फहराने का काम भी किया।
अमित शाह ने कहाकि एसएसबी के जवान दो राष्ट्रों से जुड़ी इतनी बड़ी अंतर्राष्ट्रीय सीमा की कर्तव्यनिष्ठा और राष्ट्रभक्ति केसाथ सुरक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि एसएसबी के अंतर्गत आनेवाला इलाका सिलिगुड़ी कॉरिडोर के नजदीक है और यह हमारे देश केलिए बहुत संवेदनशील क्षेत्र है, एक ओर पश्चिम बंगाल, सिक्किम और असम और दूसरी ओर नेपाल, भूटान और बांग्लादेश हैं, इस प्रकार यह पूरी सीमा बहुत संवेदनशील है, जहां सिलिगुड़ी जैसे संवेदनशील गलियारे केसाथ ही उनकी ड्यूटी है और इसी कारण उनको ज्यादा सजग होकर काम करना होगा। अमित शाह ने कहाकि मोदी सरकार बनने केबाद सीमापर इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है, 2008 से 2014 केबीच लगभग 23,700 करोड रुपए खर्च किए गए, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार बनने केबाद 23,700 करोड़ रूपए से बढ़ाकर 44,600 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं, पहले प्रतिवर्ष जो खर्च 4000 करोड़ रूपए होता था, वह आज 6000 करोड़ रूपए होता है, सड़कों के निर्माण में लगभग साढ़े तीन गुना वृद्धि की गई है और यही भारत सरकार की सीमाओं की सुरक्षा को लेकर प्राथमिकता को दर्शाता है। अमित शाह ने कहाकि देश की सीमाओं की सुरक्षा सुरक्षाबलों के अथक परिश्रम और बलिदान के बिना सुनिश्चित नहीं हो सकती। इस अवसर पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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