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हाथी संरक्षण पर गज गौरव पुरस्कार दिए गए

हाथियों से हमारा जुड़ाव प्राचीन मूल्यवान व पूजनीय-वन मंत्री

केरल के पेरियार में विश्व हाथी दिवस-2022 मनाया गया

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Saturday 13 August 2022 12:22:46 PM

gaj gaurav awards given on elephant conservation

पेरियार (केरल)। केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव, राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे तथा केरल के वन और वन्यजीव मंत्री एके शशिंद्रन और गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में केरल के पेरियार में विश्व हाथी दिवस-2022 मनाया गया। केंद्रीय पर्यावरण वन मंत्री ने भारत के हाथी अभयारण्य: एक एटलस, भारत के हाथी अभयारण्य: भूमि उपयोग भूमि आच्छादन वर्गीकरण, हाथियों की देखभाल: कैद में स्वास्थ्य एवं कल्याण का प्रबंधन और ट्रम्पेट का विशेष संस्करण जारी किया। हाथी परियोजना के 30 वर्ष होने के उपलक्ष्य में भारत में हाथी संरक्षण पर एक पोस्टर जारी किया गया। भूपेंद्र यादव की पहल पर पहलीबार गज गौरव पुरस्कार स्थानीय समुदायों, फ्रंटलाइन स्टाफ और जमीनी स्तरपर काम कर रहे महावतों के सराहनीय प्रयासों केलिए जंगली और कैद में हाथियों के संरक्षण केलिए प्रदान किया गया। इस वर्ष तमिलनाडु के अनामलाई से संबंधित मालासर समुदाय और केरल तथा असम के महावतों को पर्यावरण वन मंत्री ने गज गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया। हाथी केसाथ रहना विषय पर कई प्रतियोगिताओं केलिए छात्रों को भी पुरस्कार दिए गए। हाथी भारत का एक विरासत जीव है और भारत में भी हाथियों की प्रजातियों के संरक्षण केप्रति जागरुकता केलिए इस दिन कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
पर्यावरण वन मंत्री ने इस अवसर पर कहाकि हाथियों केसाथ हमारा जुड़ाव प्राचीन, मूल्यवान और पूजनीय है। उन्होंने कहाकि हाथी हमारे वन्यजीवों और जैव विविधता के निर्वाह केलिए भी महत्वपूर्ण हैं और भारत इस विशालकाय जीव के संरक्षण को उच्च प्राथमिकता देता है। उन्होंने कहाकि एक कट्टर पर्यावरणविद् और प्रकृतिप्रेमी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वन्यजीव संरक्षण रणनीति के दो पहलुओं को केंद्र में रखा है, सबसे पहले विकास केसाथ-साथ कोईभी समझौता किए बिनाही वन्यजीव संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई जारी रह सकती है, दूसरा हमारे वन्यजीवों और जैव विविधता के संरक्षण के प्रयास समुदाय द्वारा संचालित होने चाहिएं और राज्य से आवश्यक सभी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। भूपेंद्र यादव ने बतायाकि भारत में एशियाई हाथियों की सबसे बड़ी और सबसे स्थिर आबादी है, वास्तव में 60 प्रतिशत से अधिक जंगली एशियाई हाथी भारत में हैं, 2017 में अंतिम हाथियों की गणना में दर्ज 29,964 हाथियों की आबादी भारतीय संस्कृति में निहित वन्यजीव संरक्षण के जुनून के परिमाण को दर्शाती है। भूपेंद्र यादव ने कहाकि हाथियों और उनके आवासों की सुरक्षा केलिए हमारे पास कुछ बेहतरीन कानून हैं, हमारे पास सबसे अद्भुत लोग हैं, जो हाथियों से प्यार करते हैं और उनकी पूजा करते हैं।
भूपेंद्र यादव ने कहाकि भारत में 31 हाथी अभयारण्य हैं, तीन वर्ष में कर्नाटक राज्य में दांदेली हाथी अभयारण्य, नागालैंड में सिंगफन हाथी अभयारण्य और छत्तीसगढ़ में लेमरू हाथी अभयारण्य को अधिसूचित किया गया है, इसने भारत में हाथी अभयारण्य के तहत कुल क्षेत्रफल को देश के 14 राज्यों में लगभग 76,508 वर्ग किलोमीटर में ला दिया है। उन्होंने कहाकि भारत तमिलनाडु में एक और हाथी अभयारण्य-अगस्त्यमलाई की स्थापना करने जा रहा है, जिसमें भारत में हाथियों के संरक्षण और रक्षण केलिए समर्पित एक और 1197 वर्ग किलोमीटर संरक्षित क्षेत्र शामिल है। मानव-पशु संघर्ष के बारेमें चर्चा करते हुए भूपेंद्र यादव ने कहाकि भारत सरकार का मानना हैकि भारत में हाथियों के संरक्षण के केंद्र में लोगों का कल्याण छिपा है, संसाधनों केलिए प्रतिस्पर्धा केसाथ मानव-हाथी संघर्ष बढ़ रहा है और यह दुर्भाग्यपूर्ण हैकि प्रतिवर्ष औसतन 500 लोग हाथियों द्वारा मारे जाते हैं तथा लोगों द्वारा प्रतिशोध में लगभग 100 हाथी मारे जाते हैं। उन्होंने कहाकि मानव-हाथी संघर्ष का प्रबंधन भारत सरकार का एक प्रमुख फोकस है और मोदी सरकार ने हाथियों से पीड़ित परिवारों तक पहुंचकर अनुग्रह राशि को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है।
भूपेंद्र यादव ने कहाकि दीर्घकालिक समाधान खोजने केलिए हम देश के हाथी गलियारों पर फिरसे विचार कर रहे हैं और इस प्रयास में प्रमुख हितधारकों को शामिल करते हुए 50 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा कर लिया है। उन्होंने इस अवसर पर यह जानकारी दीकि उच्चतम न्यायालय ने पर्यावरण केप्रति संवेदनशील क्षेत्र के फैसले के संबंध में मंत्रालय विशेष रूपसे फैसले के अनुभाग 44ए और 44ई पर फिरसे विचार करने केलिए एक समीक्षा याचिका दायर कर रहा है, क्योंकि इस मुद्दे पर अधिक स्पष्टता की आवश्यकता है। उन्होंने जंगली सूअर के मुद्दे के बारे में बतायाकि मंत्रालय ने फरवरी 2021 में पहले ही मानव-वन्यजीव संघर्ष केलिए एक दिशानिर्देश जारी किया था और इस संकट को कम करने केलिए वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा 11 के तहत केरल के मुख्य वन्यजीव वार्डन को शक्तियां दी गई हैं। उन्होंने बतायाकि पश्चिमी घाट के मुद्दे पर कस्तूरीरंगन और गाडगिल समिति की रिपोर्ट पर समग्र दृष्टिकोण अपनाने और लोगों के आवेदनों पर विचार करने केलिए एक समिति नियुक्त की गई थी। भूपेंद्र यादव ने बतायाकि हाल हीमें लोकसभा में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम में संशोधन किया गया है, इसके एक प्रावधान में यह उल्लेख किया गया हैकि भारत सरकार और पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के कुछ दिशानिर्देशों केसाथ धार्मिक उद्देश्य केलिए हाथियों का उपयोग जारी रखा जाएगा।
पर्यावरण वन मंत्री ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लासगो शिखर सम्मेलन में जीवन शैली (पर्यावरण केलिए जीवन शैली) के एक मिशन की घोषणा की है। भूपेंद्र यादव ने कहाकि उन्हें विश्वास हैकि हमारे प्रयास विश्वस्तर पर जंगली हाथियों के भविष्य और उनके रहने के स्थान को सुरक्षित करने का मार्ग प्रशस्त करेंगे। राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने कहाकि गजराज हमेशा सेही मानव कल्याण से जुड़ी सभी गतिविधियों का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने कहाकि हाथियों के संरक्षण में जनभागीदारी के महत्व को नकारा नहीं जा सकता, विश्व हाथी दिवस एक अंतर्राष्ट्रीय वार्षिक आयोजन है, जो दुनिया के हाथियों के संरक्षण और रक्षण केलिए समर्पित है, इसका लक्ष्य हाथियों के संरक्षण पर जागरुकता पैदा करना तथा जंगली और कैद हाथियों के बेहतर संरक्षण एवं प्रबंधन केलिए ज्ञान और सकारात्मक समाधान साझा करना है। हाथियों की वर्तमान अनुमानित संख्या से संकेत मिलता हैकि दुनिया में लगभग 50,000-60000 एशियाई हाथी हैं। भारत में 60 प्रतिशत से अधिक हाथी रहते हैं। फरवरी 2020 में गुजरात के गांधीनगर में सीएमएस 13 के दलों के हाल हीमें संपन्न सम्मेलन में प्रवासी प्रजातियों के सम्मेलन के परिशिष्ट I में भारतीय हाथी को भी सूचीबद्ध किया गया है। विश्व हाथी दिवस विभिन्न हितधारकों का ध्यान आकर्षित करने केलिए मनाया जा रहा है। हाथीदांत केलिए हाथियों के अवैध शिकार और व्यापार को रोकने केलिए प्रवर्तन नीतियों में सुधार, हाथियों के आवासों का संरक्षण, कैद हाथियों केलिए बेहतर उपचार प्रदान करना और कुछ बंदी हाथियों को अभयारण्यों में फिरसे वापस लाना शामिल है।

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