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भारत-वियतनाम में रक्षा साझेदारी पर करार

राजनाथ सिंह की वियतनाम के रक्षामंत्री संग द्विपक्षीय वार्ता

रक्षा सहयोग के दायरे और पैमाने का और विस्तार करेंगे

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 8 June 2022 04:15:19 PM

india-vietnam agreement on defense partnership

हनोई। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वियतनाम के रक्षामंत्री जनरल फान वान गियांग केसाथ द्विपक्षीय वार्ता में आपसी रक्षा संबंधों और क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर बातचीत को आगे बढ़ाने केलिए प्रभावी तथा व्यावहारिक पहल पर विस्तार से चर्चा की। दोनों रक्षामंत्रियों ने 'भारत-वियतनाम रक्षा साझेदारी 2030' केलिए संयुक्त विजन दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए, जो मौजूदा रक्षा सहयोग के दायरे और पैमाने को महत्वपूर्ण रूपसे आगे बढ़ाएगा। दोनों रक्षामंत्रियों की उपस्थिति में पारस्परिक रूपसे लॉजिस्टिक सहयोग बढ़ाने केलिए प्रक्रियाओं को आगे लेजाने केलिए भी समझौता हुआ। भारत-वियतनाम के रक्षा बलों केबीच बढ़ती सहकारी भागीदारी के इस दौर में पारस्परिक रूपसे लाभकारी लॉजिस्टिक सहयोग केलिए प्रक्रियाओं को सरल बनाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है और यह वियतनाम का किसीभी देश केसाथ पहला ऐसा समझौता है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और वियतनाम के रक्षामंत्री जनरल फान वान गियांग ने वियतनाम को दी गई 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रक्षा ऋण सहायता को शीघ्र ही अंतिम रूप देने पर भी सहमति व्यक्त की। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर कहाकि परियोजनाओं के कार्यांवयन से वियतनाम की रक्षा क्षमताओं में काफी वृद्धि होगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' के विजन को और बढ़ावा मिलेगा। रक्षामंत्री ने वियतनामी सशस्त्र बलों की क्षमता निर्माण केलिए वायुसेना अधिकारी प्रशिक्षण स्कूल में भाषा और सूचना प्रोद्योगिकी लैब की स्थापना केलिए दो सिमुलेटर तथा मौद्रिक अनुदान देने की भी घोषणा की। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने हनोई में राष्ट्रपति हो ची मिन्ह की समाधि पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित करके अपनी आधिकारिक यात्रा की शुरुआत की। उन्होंने एक श्रद्धेय बौद्ध मंदिर ट्रान क्वोक पैगोडा का भी दौरा किया, जिसने दोनों देशों केबीच सदियों पुरानी सभ्यता और लोगों केबीच संबंधों की पुष्टि की है।
गौरतलब हैकि भारत-वियतनाम 2016 से एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में सहभागिता कर रहे हैं और रक्षा सहयोग इस साझेदारी का एक प्रमुख स्तंभ है। वियतनाम भारत की एक्ट ईस्ट नीति और इंडो-पैसिफिक विजन में एक महत्वपूर्ण भागीदार राष्ट्र है। दोनों देश 2,000 वर्ष से अधिक पुरानी सभ्यता और सांस्कृतिक संबंधों का समृद्ध इतिहास साझा करते हैं। भारत-वियतनाम केबीच हितों और समान चिंताओं के व्यापक अभिसरण केसाथ समकालीन समय में सबसे भरोसेमंद संबंध हैं। दोनों देशों केबीच व्यापक संपर्कों को विस्तार देने केलिए अनेक कार्यक्रम होते रहते हैं, इनमें रक्षा नीति संवाद, आपसी सैन्य आदान-प्रदान, उच्चस्तरीय यात्राएं, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रम, संयुक्तराष्ट्र शांति स्थापना में सहयोग, पोतों के दौरे और द्विपक्षीय अभ्यास आदि प्रमुख हैं।

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