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विधानसभा में दिखा अखिलेश-आजम में विघटन

राज्यपाल ने यूपी सरकार का सबके विकास का संकल्प व्यक्त किया

उत्तर प्रदेश विधानसभा के पहले सत्र में ही विपक्ष ने किया निराश

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 23 May 2022 06:25:11 PM

opposition disappointed in the first session of the uttar pradesh legislative assembly

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की नई विधानसभा के पहले सत्र में आज विपक्ष ने फिर निराश किया। जैसे ही राज्यपाल आनंदीबेन मफतभाई पटेल विधानसभा मंडप में आईं उनके अभिभाषण शुरू करने से पहले ही समाजवादी पार्टी के विधायक बैनर और पोस्टर लेकर सदन में नारेबाजी करने लगे। राज्यपाल के कम से कम एक घंटे से ज्यादा के अभिभाषण में विपक्ष की सरकार के खिलाफ लगातार नारेबाजी होती रही। नेता विपक्ष अखिलेश यादव हंगामा होता देखते रहे। उन्होंने एकबार भी अपने सदस्यों का हंगामा शांत नहीं किया। अभिभाषण पूरा होने पर राज्यपाल चली गईं। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने राज्यपाल का धन्यवाद देने के बाद कल मंगलवार 11 बजे तक केलिए विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले निर्वाचित विधायक मोहम्मद आजम खां और उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम को अपने कक्ष में विधानसभा की सदस्यता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे आदि भी मौजूद थे।
उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा का यह पहला संयुक्त अधिवेशन था, जिसमें पहले से ही विपक्ष के हंगामे की उम्मीद की जा रही थी, मगर सत्र विपक्ष के जोरदार हंगामे से नहीं बच पाया। समाजवादी पार्टी के विधायक बैनर और पोस्टर लेकर सदन के बीचों-बीच आ गए। यूं तो इसबार विपक्ष के हंगामे में पीठ पर कागज के गोले नहीं चले, लेकिन विधानसभा की कार्रवाई को बाधित करने में विपक्ष ने कोई कसर भी नहीं छोड़ी। सवेरे पौने दस बजे से ही विधानसभा और विधानपरिषद के सदस्य आने शुरू हो गए थे। विधानसभा सत्र में सुबह से ही नए सत्र की तैयारियां शुरू हो गईं थीं और बाहर एवं भीतर की सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह चाकचौबंध किया गया था। मंडप के भीतर सुरक्षा से जुड़े डॉग ने चप्पे-चप्पे की सूंघ ली। पूरी विधानसभा कैमरों की निगरानी में है, जिनमें हर गतिविधियां सूट की गईं। बहुत से विधायक विधानसभा में आते ही अपनी सीट पर लगे टैबलेट पर शुरू हो गए थे और राज्यपाल के आते ही उन्होंने अपने हाथ में पोस्टर बैनर थाम लिए थे। विधानसभा में सत्तापक्ष बिल्कुल शांत था और विपक्ष का हंगामा देख रहा था। सत्तापक्ष, मुख्यमंत्री और नेता सदन योगी आदित्यनाथ देख रहे थे कि विपक्ष के सदन चलाने के शांतिपूर्ण वादे के बावजूद विपक्ष हंगामा किए जा रहा है और नेता सदन उसे रोकने में कोई भी दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।
सपा के विधायकों ने सरकार विरोधी पट्टियां लहराकर सेल्फियां लीं, बल्कि पत्रकार दीर्घा में बैठे टीवी कैमरा वालों की ओर मुखातिब रहे। ऐसा भी देखा गया कि टीवी कैमरा वालों ने विपक्ष को उनकी ओर देखकर हंगामा करने को प्रेरित किया, जिससे मंडप की व्यवस्था काफी प्रभावित हुई। बहुत विधायकों का रुख राज्यपाल की ओर न होकर मीडिया की ओर था। विधानसभा में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां भी आए, मगर वे विधानसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए और विधानसभा के भीतर से निकलते हुए चले गए, विधायक दीर्घा से निकल गए, केवल उनके पुत्र विधायक अब्दुल्ला आजम ही विधानसभा में और वह भी खामोश होकर बैठे रहे। आजम खां हस्टपुष्ट लग रहे थे और उनको देखकर बिल्कुल नहीं लग रहा थाकि वे दो दिन पहले ही जेल से छूटकर आए हैं। इसी प्रकार नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव भी विधानसभा में तो बैठे, लेकिन कार्यवाही में सपा के सदस्यों के हंगामे शामिल नहीं हुए। दो-तीन और सपा विधायक भी हंगामे में शामिल नहीं हुए, जिससे यह अंदाजा लगाया गया कि समाजवादी पार्टी में अखिलेश से और भी विधायक नाराज हैं। अखिलेश यादव के बराबर में आजम खां की सीट लगाई गई थी, लेकिन आजम खां ने गैरहाजिर होकर अपनी नाराजगी जाहिर कर ही दी।
विधानसभा में सपा के विधायकों ने जय भीम के नारे भी लगाए, जिससे यह पता चला कि जो समाजवादी पार्टी बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर के प्रति अपनी नकारात्मक भावना रखती थी, वह दलित वोटबैंक के लिए जय भीम कहकर उनके प्रति सम्मान दिखाने की कोशिश कर रही है। सपा के विधायक तख्तियां लिए थे कि दलित तथा अल्पसंख्यक विरोधी सरकार नहीं चलेगी। उनका मुद्दा पुरानी पेंशन की बहाली, कानून-व्यवस्था, छुट्टा पशुओं की समस्या, गन्ने का समर्थन मूल्य और बिजली की कटौती था। सपा की महिला विधायकों ने प्लास्टिक का कवर ओढ़कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। एक अवसर ऐसा आया, जब दो-तीन सेकेंड केलिए विधानसभा मंडप की लाइट चली गई और विपक्ष को सरकार पर कटाक्ष का मौका मिल गया। सभी विधायक अपने-अपने मोबाइल लिए हुए थे। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल विपक्ष के विरोध की कोई परवाह नहीं करते हुए अभिभाषण पढ़ती रहीं और उन्होंने उसे पूरा किया। राज्यपाल ने अभिभाषण में अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं, सभी से प्रदेश के विकास में शामिल होने का अनुरोध किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास के आदर्श वाक्य के संकल्प के साथ राज्य के लोगों के कल्याण केलिए कार्य करने का संकल्प व्यक्त किया। 

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