स्वतंत्र आवाज़
word map

शिंदे में एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल स्कूल

'आदिवासी गांवों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है'

जनजातीय कार्यमंत्री और स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने नींव रखी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 14 May 2022 01:42:19 PM

bhoomipujan and foundation stone laying of eklavya model residential school

नासिक। केंद्रीय जनजातीय कार्यमंत्री अर्जुन मुंडा और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री डॉ भारती पवार ने महाराष्ट्र में नासिक के शिंदे में एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल स्कूल की नींव रखी। अर्जुन मुंडा ने इस अवसर पर कहाकि शिंदे में एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल स्कूल की योजना जनजातीय कार्य मंत्रालय ने आसपास के आदिवासी इलाकों में उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने केलिए बनाई है और प्रस्तावित ईएमआर स्कूल का लक्ष्य नासिक के दूरदराज के आदिवासी गांवों में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहाकि ईएमआर स्कूल सीबीएसई पाठ्यक्रम का पालन करेंगे। उन्होंने कहाकि ईएमआरएस ऐसी योजना है, जिसके तहत पूरे भारत में आदिवासियों केलिए मॉडल रेसिडेंशियल स्कूल बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहाकि उत्तरपूर्व, छत्तीसगढ़, गुजरात और ओडिशा समेत देश के दूसरे राज्यों में भी ऐसेही स्कूल खोले जानेकी योजना है।
जनजातीय कार्यमंत्री ने आदिवासी समुदाय के उत्थान केलिए प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण और इसमें शिक्षा की भूमिका पर उनके विचारों पर भी बात की। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनजातीय कार्य मंत्रालय आदिवासी इलाकों में छात्रों को उन्नत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने केलिए युद्धस्तर पर काम कर रहा है। अर्जुन मुंडा ने कहाकि आसपास के इलाके में आदिवासी किसान अंगूर, स्ट्रॉबेरी, प्याज आदि की खेती कर रहे हैं, जिनसे उन्होंने बच्चों को स्कूल भेजने की अपील भी की है। गौरतलब हैकि 2018-19 के केंद्रीय बजट में घोषणा की गई थीकि 50 प्रतिशत और कम से कम 20,000 से अधिक की आदिवासी आबादी वाले प्रखंडों में एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल स्कूल बनाए जाएंगे। सरकार ने देशभर में 452 नए स्कूल बनाने की योजना बनाई है। इस अवसर पर आदिवासी नृत्य और संगीत के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।
एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल स्कूल जनजातीय छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने केलिए खोला जा रहा है, जिसमें न केवल अकादमिक शिक्षा पर जोर होगा, बल्कि इसमें आदिवासी छात्रों के संपूर्ण विकास पर जोर दिया जाएगा। इसमें कक्षा 6 से लेकर 12 तक के छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा और एक स्कूल की क्षमता 480 छात्रों की होगी। फिलहाल देशभर में नवोदय विद्यालय की तर्ज पर 384 एकलव्य स्कूल चलाए जा रहे हैं, जिनमें स्थानीय कला और संस्कृति को संरक्षित करने केलिए बेहद उन्नत सुविधाओं को उपलब्ध कराने के अलावा खेल और कौशल विकास में भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ईएमआरएस स्कूलों में छात्रों के समग्र विकास की जरूरतों को परिसर मेंही पूरा करने की सुविधाएं मौजूद हैं और इनमें मुफ़्त रहने-खाने की व्यवस्था केसाथ शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]