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इस्पात उत्पादों की खेप नौकाओं से रवाना

पत्तन पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री ने दिखाई हरी झंडी

इंडो-बांग्लादेश प्रोटोकॉल मार्ग के जरिए पहली जल यात्रा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 17 February 2022 12:56:14 PM

flag-off steel cargo laden barge from haldia dock of port_kolkata to pandu guwahati

गुवाहाटी। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इंडो-बांग्लादेश प्रोटोकॉल मार्ग केजरिए हल्दिया से पांडु तक टाटा स्टील लिमिटेड के 1798 मीट्रिक टन तैयार इस्पात उत्पादों की खेप केसाथ नौकाओं की पहली यात्रा को हरी झंडी दिखाई। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि यह पहली जल यात्रा नदी-समुद्र के संयोजन की शक्ति के उपयोग के साथ-साथ कार्गो की मल्टीमॉडल आवाजाही को भी प्रदर्शित करती है। टाटा स्टील लिमिटेड के इस्पात उत्पादों की खेप को रेलवे के जरिए हल्दिया डॉक परिसर में लाया गया, इसके बाद बर्थ संख्या 11 पर टीएमआईएलएल की संचालित नौका (एसएमपीके अधिकार प्राप्त (चार्टर्ड) डीबी अब्दुल कलाम व डीबी कल्पना चावला) पर उत्पादों का लदान किया गया।
टीएमआईएलएल ने इसके लिए अपने बर्थ पर कार्गो की आवाजाही और लदान की व्यवस्था की थी, वहीं ओशन व्हेल सर्विसेज इस यात्रा केलिए नौकाओं का संचालन करेगी। सीमा शुल्क विभाग ने इस कार्गो को मार्ग पर प्राथमिकता देकर ले जाने की विशेष अनुमति दी है। ये नौकाएं हल्दिया से असम आईडब्ल्यूएआई के पांडु टर्मिनल तक यात्रा करेंगी। ये नौकाएं राष्ट्रीय जलमार्ग-I से इंडो-बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट होते हुए एनडब्ल्यू-II के जरिए अपनी यात्रा पूरी करेंगी। पांडु से वापसी में इन नौकाओं पर फ्यूल सोर्सेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के कोयले का लदान किया जाएगा। इस कोयले को कोलकाता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट पर उतारा जाएगा, इसके लिए एलएससी सॉल्यूशंस अंतिम स्थान तक वितरण केसाथ जमीनी लॉजिस्टिक सहायता प्रदान कर रही है। गौरतलब हैकि भारत सरकार ने अंतर्देशीय जलमार्गों का लाभ उठाने एवं मजबूत मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स श्रृंखला केलिए पत्तनों केसाथ समन्वय स्थापित करने की परिकल्पना की है।
जलमार्ग से कनेक्टिविटी में सुधार केलिए पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के जरिए राष्ट्रीय जलमार्ग-1, इंडो-बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट और राष्ट्रीय जलमार्ग-2 पर कई बुनियादी ढांचे से संबंधित परियोजनाओं की शुरुआत की है। देश के पूर्वी हिस्से में मौजूद नदियों की सुनिर्मित धारा सहित हल्दिया डॉक परिसर और एसएमपीके की लाभप्रद स्थिति केसाथ रेल, सड़क और अंतर्देशीय जलमार्गों के जरिए इनकी अच्छी तरह से कनेक्टिविटी, जोकि भीतरी इलाकों तक है, इन सबके चलते इस क्षेत्र में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक श्रृंखला की पूरी क्षमता को बेहतर ढंग से साकार करने की दिशा में प्रोत्साहन प्राप्त होगा। यह अंतर्देशीय जलमार्गों और आईबीपी मार्ग को अधिक लागत दक्षता एवं पर्यावरण अनुकूल तरीके से उपयोग करने की दिशा में निर्बाध और मजबूत एकीकृत लॉजिस्टिक्स समाधान का मार्गप्रशस्त करता है, जिससे पूरे क्षेत्र और देश को लाभ होता है।
भारत सरकार के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत रेल या तटीय पोत परिवहन के जरिए हल्दिया डॉक परिसर से लेपेटकाटा असम में डिब्रूगढ़ से लगभग 15 किलोमीटर दूर बीसीपीएल के पेट्रोकेमिकल परिसर केलिए आवश्यक नेप्था, प्रोपेन व पेंटेन आदि जैसे फीड स्टॉक की आवाजाही केलिए एक सुव्यवस्थित लॉजिस्टिक्स श्रृंखला विकसित करने के संबंध में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम मेसर्स ब्रह्मपुत्रा क्रेकर और पॉलिमर लिमिटेड एवं कोलकाता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट केबीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए गए। इसके तहत घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार दोनों की खपत केलिए तैयार उत्पाद और उप-उत्पादों को पत्तन के जरिए वितरण केलिए भेजा जाएगा।
हल्दिया डॉक परिसर में इस उद्देश्य केलिए बीसीपीएल और संबद्ध सुविधाओं के आयातित फीड स्टॉक के भंडारण केलिए टैंक की सुविधाएं स्थापित करने की परिकल्पना की गई है। वहीं दोनों पक्ष एसएमपीके में नेप्था, प्रोपेन व पेंटेन आदि की बढ़ी हुई मात्रा की हैंडलिंग केलिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए। पत्तन, सरकारी नीति दिशानिर्देशों के अनुरूप पारस्परिक रूपसे सहमत नियमों एवं शर्तों पर बीसीपीएल को भूमि और रेलवे साइडिंग आदि आवश्यक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे के विस्तार के संबंध में भी सैद्धांतिक रूपसे सहमत है। इस दौरान पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर भी उपस्थित थे।

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