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पंडित जसराज का संगीत अमर-प्रधानमंत्री

भारतीय संगीत परंपरा के संतों के वृहद ज्ञान की चर्चा

पंडित जसराज कल्चरल फाउंडेशन का भी शुभारंभ

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 29 January 2022 03:31:44 PM

the music of pandit jasraj is immortal-said the prime minister

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय शास्त्रीय संगीत के महानायक पंडित जसराज की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहाकि हमारे यहां संगीत, सुर और स्वर को अमर माना गया है एवं कहा जाता हैकि स्वर की ऊर्जा अमर होती है, उसका प्रभाव भी अमर होता है, ऐसे में जिस महान आत्मा ने संगीत को ही जिया हो, संगीत ही जिसके अस्तित्व के कण-कण में गूंजता रहा हो, वो शरीर त्यागने केबाद भी ब्रह्मांड की ऊर्जा और चेतना में अमर रहता है। प्रधानमंत्री ने पंडित जसराज के संगीत को अमर ऊर्जा का मूर्तरूप बताया और उस्ताद की गौरवशाली विरासत को जीवित रखने केलिए दुर्गा जसराज और पंडित शारंगदेव की सराहना की। प्रधानमंत्री ने ये विचार वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से पंडित जसराज कल्चरल फाउंडेशन का शुभारंभ करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहाकि उन्हें बताया गया हैकि पंडित जसराज कल्चरल फ़ाउंडेशन का प्राथमिक उद्देश्य भारत की राष्ट्रीय विरासत, कला और संस्कृति की रक्षा करना होगा, इसका विकास और प्रचार करना होगा, यह फाउंडेशन उभरते कलाकारों को सहयोग देगा, उनको आर्थिक रूपसे सक्षम बनाएगा एवं संगीत क्षेत्र में शिक्षा और शोध को भी बढ़ावा देगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय संगीत परंपरा के संतों के वृहद ज्ञान की चर्चा की। उन्होंने कहाकि ब्रह्मांडीय ऊर्जा को महसूस करने की शक्ति और ब्रह्मांड के प्रवाह में संगीत को देखने की क्षमता ही भारतीय शास्त्रीय संगीत परंपरा को इतना असाधारण बनाती है। प्रधानमंत्री ने कहाकि संगीत एक ऐसा माध्यम है, जो हमें हमारे सांसारिक कर्तव्यों से अवगत कराता है और यह हमें सांसारिक आसक्तियों को पार करने में भी मदद करता है। प्रधानमंत्री ने भारत की कला और संस्कृति की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने के लक्ष्य केलिए पंडित जसराज कल्चरल फाउंडेशन की प्रशंसा की और फाउंडेशन से इस प्रौद्योगिकी युग के दो प्रमुख पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। सबसे पहले उन्होंने कहाकि भारतीय संगीत को वैश्वीकरण के इस युग में अपनी पहचान बनानी चाहिए। उन्होंने कहाकि योग दिवस के अनुभव ने संकेत दिया हैकि भारतीय विरासत से दुनिया को फायदा हुआ है और भारतीय संगीत में भी मानव मन की गहराई में उतरने की क्षमता है। उन्होंने कहाकि दुनिया में हर व्यक्ति भारतीय संगीत केबारे में जानने, सीखने और लाभ पाने का हकदार है और इसका ख्याल रखना हमारी जिम्मेदारी है।
प्रधानमंत्री ने दूसरे पहलू के बारेमें कहाकि जब टेक्नोलॉजी का प्रभाव हर क्षेत्र में है तो संगीत के क्षेत्र में भी टेक्नोलॉजी और आईटी का रिवॉल्यूशन होना चाहिए। उन्होंने कहाकि भारत में ऐसे स्टार्टअप तैयार हों, जो पूरी तरह संगीत को डेडिकेटेड हों, भारतीय वाद्य यंत्रों पर आधारित हों, भारत के संगीत की परंपराओं पर आधारित हों। उन्होंने काशी जैसे संस्कृति और कला के केंद्रों को पुनर्जीवित करने के हाल के प्रयासों केबारे में भी बताया। प्रधानमंत्री ने कहाकि पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति प्रेम को लेकर हमारी जो आस्था है, भारत उसके जरिए विश्व को सुरक्षित भविष्य का रास्ता दिखा रहा है। उन्होंने कहाकि विरासत केसाथ विकास की इस भारतीय यात्रा में 'सबका प्रयास' को शामिल किया जाना चाहिए। इस विशेष आयोजन में दुर्गा जसराज, सारंगदेव पंडित, पंडित जसराज कल्चरल फ़ाउंडेशन के सह-संस्थापक नीरज जेटली, देश और दुनिया के संगीतज्ञ और कलाकार भी उपस्थित थे।

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