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लखनऊ में रखी ब्रह्मोस विनिर्माण केंद्र की नींव

ब्रह्मोस दुनिया का सटीक निर्देशित हथियार-रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

'ब्रह्मोस ने अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर भारत की सैन्य प्रतिष्ठा को बढ़ाया'

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Monday 27 December 2021 02:50:05 PM

foundation stone of brahmos manufacturing center laid in lucknow

लखनऊ। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संयुक्त रूपसे लखनऊ में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की स्थापित रक्षा प्रौद्योगिकी और परीक्षण केंद्र तथा ब्रह्मोस विनिर्माण केंद्र की आधारशिला रखी। डीआरडीओ और ब्रह्मोस एयरोस्पेस के वैज्ञानिकों तथा इंजीनियरों को बधाई देते हुए रक्षामंत्री ने विश्वास व्यक्त कियाकि ये दोनों इकाइयां राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा उत्पादन के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहाकि ये अत्याधुनिक सुविधाएं रक्षा क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होंगी। उन्होंने कहाकि उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में रक्षा और एयरोस्पेस विनिर्माण कलस्टरों के विकास में तेजी लाने केलिए लगभग 22 एकड़ में फैले अपनी तरह के पहले रक्षा प्रौद्योगिकी और परीक्षण केंद्र की स्थापना की जा रही है, इसमें छह उपकेंद्र शामिल होंगे-डीप-टेक इनोवेशन एंड स्टार्टअप इनक्यूबेशन सेंटर, डिजाइन और सिमुलेशन केंद्र, परीक्षण और मूल्यांकन केंद्र, उद्योग 4.0/ डिजिटल विनिर्माण केंद्र, कौशल विकास केंद्र और व्यवसाय विकास केंद्र।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि ब्रह्मोस एयरोस्पेस की घोषित ब्रह्मोस विनिर्माण केंद्र यूपी डीआईसी के लखनऊ नोड में एक अत्याधुनिक फैसिलिटी है, यह 200 एकड़ से अधिक क्षेत्र को कवर करेगी और नए ब्रह्मोस-एनजी अगली पीढ़ी संस्करण का उत्पादन करेगी, जो ब्रह्मोस हथियार प्रणाली को आगे बढ़ाएगी। उन्होंने कहाकि यह नया केंद्र अगले दो से तीन वर्ष में तैयार हो जाएगा और प्रतिवर्ष 80-100 ब्रह्मोस मिसाइलों की दर से उत्पादन शुरू करेगा। उन्होंने कहाकि इन इकाइयों की स्थापना से राजस्व सृजित होगा, युवाओं को रोज़गार के अवसर उपलब्ध होंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिकल्पित आत्मनिर्भर भारत को अर्जित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहाकि मेक इन इंडिया, मेक फॉर इंडिया और मेक फॉर वर्ल्ड का संदेश विश्व स्तरपर भेजा गया है। रक्षामंत्री ने कहाकि केंद्र लखनऊ के अमौसी क्षेत्र में युवा नवोन्मेषकों और स्टार्टअप्स को ध्यान में रखते हुए रक्षा उत्पादों को विकसित करने केलिए प्रौद्योगिकी आधार उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहाकि यह केंद्र युवाओं की रचनात्मक ऊर्जा, क्षमताओं और आकांक्षाओं को पूरा करने केलिए हर संभव प्रयास करेगा।
राजनाथ सिंह ने कहाकि यह उत्तर प्रदेश के एमएसएमई को एकजुट करने और राज्य को रक्षा तथा एयरोस्पेस निर्माण के क्षेत्र में आगे लाने में सहायता करेगा। भारत के इतिहास का स्मरण करते हुए राजनाथ सिंह ने कहाकि हम कभी भी हमलावर नहीं रहे हैं, लेकिन विद्वेषपूर्ण इरादों केसाथ किसी भी राष्ट्र के विरुद्ध अपने नागरिकों की रक्षा करने केलिए तैयार हैं। उन्होंने कहाकि ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली का उद्देश्य एक निवारक के रूपमें कार्य करना है, यह प्रणाली न केवल भारत और रूस केबीच तकनीकी सहयोग को प्रतिबिम्बित करती है, बल्कि लंबे समय से चले आ रहे सांस्कृतिक, राजनीतिक और राजनयिक संबंधों को भी दर्शाती है। उन्होंने ब्रह्मोस को दुनिया का सबसे अच्छा और सबसे तेज सटीक-निर्देशित हथियार करार दिया, जिसने 21वीं सदी में भारत की विश्वसनीय प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत किया है। रक्षामंत्री ने कहाकि ब्रह्मोस ने सशस्त्र बलों को सशक्त बनाया है और अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर भारत की सैन्य प्रतिष्ठा को बढ़ाया है। रक्षामंत्री ने कहाकि यह अधिक उन्नत मिसाइल प्रणाली है, जिसने भूमि, पानी और हवा में अपनी मारक क्षमता साबित कर दी है तथा आनेवाले वर्ष में भारतीय सेना की आधुनिक युद्ध क्षमता को काफी मजबूत करेगी।
रक्षामंत्री ने सराहना कीकि यूपी डीआईसी की स्थापना ने प्रदेश के युवाओं को रोज़गार के अवसर प्रदान करने के अलावा राज्य की चौतरफा तकनीकी प्रगति केलिए नए रास्ते खोले हैं। उन्होंने कहाकि इसके उद्घाटन के समय हमने 3,732 करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान लगाया था, इसमें 1,400 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश पहले ही प्राप्त हो चुका है और प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। राजनाथ सिंह ने कहाकि भारत ने पिछले कुछ वर्ष में अत्याधुनिक मिसाइल प्रणालियों के विकास सहित रक्षा प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रों में एक सम्मानजनक स्थान प्राप्त किया है और अपने रक्षा औद्योगिक आधार के निर्माण में सराहनीय प्रगति की है। उन्होंने डीआरडीओ के वैज्ञानिकों की सशस्त्र बलों को मजबूत करके और आधुनिक मिसाइल प्रणालियों के विकास तथा उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत अर्जित करने से भारत की सैन्यस्थिति को बढ़ाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका केलिए सराहना की। राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार की अवसंरचना में सुधार तथा समाज के सभी वर्गों के लोगों के कल्याण तथा प्रगति केलिए विभिन्न पहलों की सराहना की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर यूपी डीआईसी, डेफएक्सपो-2020 और झांसी में भारत डायनेमिक्स लिमिटेड की स्थापना जैसी रक्षा मंत्रालय की पहलों केलिए रक्षामंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहाकि यूपी डीआईसी के सभी छह नोड्स में काम शुरू हो चुका है और ये दो इकाइयां रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के विजन को पूरा करेंगी। मुख्यमंत्री ने कहाकि ये इकाइयां राज्य के युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर प्रदान करेंगी और विश्वास व्यक्त कियाकि ये इकाइयां राज्य के साथ-साथ राष्ट्र की प्रगति में भी महत्वपूर्ण योगदान देंगी। योगी आदित्यनाथ ने राज्य में बड़ी संख्या में मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्यमों के कारण रक्षा क्षेत्र में प्रगति केलिए उत्तर प्रदेश की क्षमताओं को रेखांकित किया। उन्होंने राज्य में आनेवाले रक्षा क्षेत्र के उद्योगों को राज्य सरकार के हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने लखनऊ में डीटीटीसी केलिए भूमि उपलब्ध कराने केलिए रक्षामंत्री को धन्यवाद दिया।
डीआरडीओ के अध्यक्ष ने ब्रह्मोस निर्माण केंद्र केलिए 200 एकड़ भूमि उपलब्ध कराने केलिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने क्षेत्र में आनेवाले उद्योगों को डीआरडीओ की ओरसे हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने कहाकि रक्षामंत्री और मुख्यमंत्री की उपस्थिति में लखनऊ में डेफएक्सपो-2020 के दौरान उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण और डीआरडीओ के बीच समझौता ज्ञापन को कार्यांवित करने केलिए अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकी और परीक्षण केंद्र की स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहाकि लखनऊ के डीटीटीसी, डीप-टेक स्टार्टअप्स और उद्योगों के प्रौद्योगिकी परामर्श तथा प्रारम्भिक सहायता केलिए डिजाइन-बिल्ड-टेस्ट-लर्न चक्र का अनुसरण करेगा। उन्होंने कहाकि यह एक केंद्रीकृत अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी अवसंरचना की स्थापना के माध्यम से उद्योगों को सुविधा प्रदान करेगा, जो उत्पाद विकास में तेजी लाएगा, इसके 6 उपकेंद्रों के माध्यम से भविष्य की प्रणालियों के विकास केलिए समावेशन समय तथा टर्नअराउंड समय को कम करेगा।
डॉ जी सतीश रेड्डी ने कहाकि ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली दुनिया के सबसे सफल मिसाइल कार्यक्रमों मेंसे एक है और भारत ने अपने निकटतम रणनीतिक सहयोगी रूस केसाथ संयुक्त रूपसे साझेदारी की है। उन्होंने कहाकि भारत-रूस संयुक्त उद्यम इकाई ब्रह्मोस एयरोस्पेस की डिजाइन और विकसित सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस सबसे बहुमुखी हथियार के रूपमें विकसित हो चुकी है, इस उत्कृष्ट कार्य को आगे बढ़ाने केलिए ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने मिसाइल के एक नए अधिक उन्नत संस्करण-ब्रह्मोस-एनजी पर काम शुरू किया है। उन्होंने बताया कि छोटे, हल्के और स्मार्ट आयामों वाली इस नई मिसाइल को भूमि, समुद्र, पानी के भीतर, हवा सहित आधुनिक सैन्य प्लेटफार्मों की एक विस्तृत संख्या पर तैनाती केलिए डिज़ाइन किया जाएगा, यह अगले कुछ वर्ष में भारतीय सेना की आधुनिक युद्ध क्षमता और लचीलेपन को बेहद मजबूत करेगी। कार्यक्रम में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री कौशल किशोर, उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, राज्य सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधि, रक्षा मंत्रालय, डीआरडीओ और राज्य सरकार के अधिकारी भी उपस्थित थे।

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