स्वतंत्र आवाज़
word map

पेपर लीक में संजय उपाध्याय भी गिरफ्तार

टीईटी परीक्षा के दागदार कुशवाहा के यहां कुर्की की कार्रवाई

एसटीएफ की ताबड़तोड़ छापेमारी में और भी कई हुए गिरफ्तार

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 1 December 2021 05:48:14 PM

sanjay upadhyay pcs, arrested in paper leak

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सहायक शिक्षक पात्रता परीक्षा-2021 (टीईटी) का प्रश्नपत्र आउट होने के मामले में प्रश्नपत्र का मुद्रण करने वाली कम्पनी की बिना किसी गोपनीयता की जांच कराए उसे प्रश्नपत्र छपाई का आर्डर देने केलिए तत्कालीन सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज संजय उपाध्याय की संलिप्तता पर उन्हें भी स्पेशल टास्क फोर्स उत्तर प्रदेश ने गिरफ्तार कर लिया है। मुद्रण करने वाली कम्पनी आरएसएम फिनवर्स लिमिटेड के मालिक राय अनूप प्रसाद को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में अबतक करीब 34 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और अभीभी गिरफ्तारियां चल रही हैं। जांच में पता चल रहा हैकि यह बहुत बड़ा गैंग है, इसमें कई दिग्गजों की संलिप्तता पाई जा रही है, जिसे कई बड़े सफेदपोश नेताओं और बड़े अधिकारियों तक का संरक्षण प्राप्त है। सबसे बड़ा सवाल तो यह हैकि शासन में बैठे नौकरशाह प्रमुख सचिव दीपक कुमार क्या देख रहे थे और इस परीक्षा की सुचिता भंग होने के लिए क्या वे भी उतने ही जिम्मेदार नहीं हैं?
एसटीएफ उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता के अनुसार सहायक शिक्षक पात्रता परीक्षा-2021 (टीईटी) का प्रश्नपत्र आउट होने के मामले में तत्कालीन सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज संजय उपाध्याय की गिरफ्तारी उसके लिए उल्लेखनीय सफलता है। संजय उपाध्याय वर्ष 1995 बैच के पीसीएस अधिकारी हैं। यह गिरफ्तारी आज 1 दिसंबर 2021 को की गई है। संजय उपाध्याय जनपद गाजीपुर के रहने वाले हैं। गाजीपुर प्रशासन ने यहां के शिक्षा और नकल माफिया महेंद्र कुशवाहा बंधुओं के खिलाफ उनकी संपत्तियों की कुर्की की कार्रवाई को अंजाम दिया है। इस संबंध में एक और जानकारी महत्वपूर्ण है कि यही गाजीपुर और आजमगढ़ जनपद यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर नकल कराने के मामले में कुख्यात हैं और किसी भी परीक्षा में सबसे ज्यादा नकल मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव सरकार में होती आई है।
गौरतलब हैकि दिनांक 28-11-2021 को उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपदों में कुल 2736 परीक्षा केंद्रों पर दो पालियों में उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 2021 होनी थी, जिसे सुचितापूर्ण, पारदर्शी, नकल विहीन तरीके से कराये जाने हेतु एसटीएफ की विभिन्न टीमों/ इकाईयों को निर्देशित किया गया था, जिसके अनुपालन में सभी टीमें और इकाईयां अभिसूचना संकलन की कार्रवाई कर रही थीं। इस दौरान उन्हें यह सूचना प्राप्त हो रही थी कि उत्तर प्रदेश राज्य में विभिन्न पदों के लिए आयोजित की जाने वाली सार्वजनिक परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण कराने के लिए कुछ व्यक्ति स्वयं तथा अपने गैंग के सदस्यों के आर्थिक भौतिक लाभ के लिए संगठित गिरोह बनाकर प्रश्नपत्रों को अवैध तरीके से प्रिंट या आउट कराकर प्रश्नपत्रों को भारी दाम पर अभ्यर्थियों को बेच रहे हैं। एसटीएफ को पता चला कि इस गिरोह ने सहायक अध्यापक पात्रता परीक्षा-2021 के प्रश्नपत्र को भी भारी मात्रा में धन लेकर आउट कराया है।
एसटीएफ प्रवक्ता ने बताया कि अलग-अलग जनपदों कुल 10 अभियोग पंजीकृत किए, जिनमें 32 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनमें प्रयागराज से 18, शामली से 4, लखनऊ से 4, अयोध्या से 3, कौशाम्बी से 1, जनपद बागपत से 1 एवं नोएडा से 1 की गिरफ्तारी की जा चुकी है। इनके पास से भारी मात्रा में प्रश्नपत्र की छायाप्रति, मोबाइल के व्हाट्स एप पर प्रश्नपत्रों की फोटो, पैन ड्राइव आदि बरामद कर उनको जेल भेज दिया गया है। एसटीएफ ने बताया कि शेष आरोपियों की गिरफ्तारी केलिए राज कुमार मिश्रा अपर पुलिस अधीक्षक फील्ड यूनिट नोएडा के पर्यवेक्षण में विनोद सिंह सिरोही पुलिस उपाधीक्षक, देवेंद्र कुमार पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ फील्ड यूनिट नोएडा के नेतृत्व में उपनिरीक्षक अक्षय प्रवीर कुमार त्यागी एसटीएफ नोएडा जॉच की कार्रवाई कर रहे हैं। गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ एवं साक्ष्यों के आधार पर मुद्रण कम्पनी के निदेशक राय अनूप प्रसाद और इस अभियोग में नामित तत्कालीन सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज संजय उपाध्याय को पूछताछ केलिए मुख्यालय बुलवाया गया तथा संयुक्त पूछताछ में इनकी संलिप्तता पाए जाने पर गिरफ्तार कर लिया गया।
एसटीएफ का कहना हैकि संजय उपाध्याय ने पूछताछ पर बताया हैकि उन्होंने उत्तर प्रदेश सहायक शिक्षक पात्रता परीक्षा-2021 के प्रश्नपत्र मुद्रण का वर्क आर्डर दिनांक 26-10-2021 को इस कंपनी को दिया था। इस कम्पनी के पास प्रश्नपत्र सिक्योरिटी की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी, जिस कारण इस कम्पनी ने चार अलग-अलग कम्पनियों से सुरक्षा मानकों की अनदेखी करते हुए प्रश्न पत्रों के मुद्रण का कार्य कराया तथा मुद्रण के दौरान विभिन्न स्तरों पर गड़बड़ी की गई और प्रश्नपत्र आउट हुआ, जिससे परीक्षा रद्द करनी पड़ी। संजय उपाध्याय ने परीक्षा हेतु निर्धारित मानकों को पूरा न करने वाली एक ऐसी कम्पनी को प्रश्नपत्र मुद्रण का कार्य दिया, जो प्रश्नपत्र मुद्रण जैसे अति गोपनीय कार्य केलिए सक्षम ही नहीं थी। एसटीएफ ने बताया कि संजय उपाध्याय को गिरफ्तार करके नोएडा के थाना सूरजपुर गौतमबुद्धनगर में अभियोग पंजीकृत किया गया है।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]