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आदिवासियों का योगदान देश का गौरव-शाह

मणिपुर में रानी गैदिनलिउ संग्रहालय का ऑनलाइन भूमि पूजन

'मणिपुर ने आजादी की लड़ाई में देश का परचम ऊंचा किया'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 22 November 2021 05:24:54 PM

amit shah, online bhoomi pujan of rani gaidinliu museum in manipur

इंफाल/ नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए आज मणिपुर में रानी गैदिनलिउ आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का भूमिपूजन किया। इस अवसर पर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह, केंद्रीय आदिवासी मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। गृहमंत्री ने कहाकि रानी माँ गैदिनलिउ आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय के माध्यम से सैकड़ों साल तक हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का जज़्बा, देशभक्ति और उनके कार्यों की सुगंध आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचेगी। उन्होंने इस अवसर पर मणिपुर के सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। अमित शाह ने कहाकि मणिपुर के अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने प्रदेश में अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़कर अपने देश का परचम ऊंचा करने का काम किया। उन्होंने कहाकि अंडमान-निकोबार के माउंट हैरियट पर मणिपुर के महाराजा कुलचंद्र सिंह और उनके साथियों को वहां सालों तक क़ैद रखकर कालापानी की सज़ा दी गई थी, उन्होंने अपने साहस व पराक्रम से पूर्वोत्तर में अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ लड़ाई की शुरूआत की थी, उनकी स्मृति में माउंट हैरियट का नाम बदलकर माउंट मणिपुर करके हमने महाराजा कुलचंद्र सिंह और मणिपुर के स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने का काम किया है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहाकि ये संग्रहालय न केवल मणिपुर, बल्कि पूरे उत्तरपूर्वी राज्यों के आकर्षण का केंद्र बनेगा, क्योंकि हमारा स्वतंत्रता संग्राम हमारे आदिवासी भाईयों के बिना अधूरा है। गृहमंत्री ने कहाकि ये वर्ष हमारी आज़ादी के अमृत महोत्सव का वर्ष है और अभी हालही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिरसा मुंडा की जन्म जयंती केदिन हर वर्ष 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूपमें मनाकर देश की संस्कृति की रक्षा और देश की स्वतंत्रता केलिए आदिवासी समाज के योगदान को गौरव प्रदान करने का काम किया है। उन्होंने कहाकि रानी गैदिनलिउ जन्मसे रानी नहीं थीं और ना रानी का खिताब उनको किसी ने दिया, मगर जिस तरह से उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया, आज पूरा देश उनको रानी मां कहकर सम्मानित करता है। उन्होंने कहाकि बाबा तिलका मांझी, सिद्धो कानू, चांद भैरव, तेलंगा खड़िया, मध्य प्रदेश के शंकर शाह, रघुनाथ शाह, सेठ भिखारी, गणपत राय, उमराव सिंह टिकैत, विश्वनाथ सहदेव, निलांबर पितांबर, नारायण सिंह, जत्रा उरांव, जदोनांग और राजमोहन देवी जैसे कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अलग-अलग मौकों पर अंग्रेजों के दांत खट्टे करने का काम किया है। उन्होंने कहाकि बिरसा मुंडा को कैसे भुलाया जा सकता है, क्योंकि देश में सबसे पहले आजादी की अलख जगाने वाला व्यक्ति हमारा आदिवासी नेता, जिनको पूरा देश भगवान बिरसा मुंडा के नाम से जानता है, उन्होंने ये अलख जगाई थी।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि देश की नई पीढ़ी को जाने-अनजाने, गुमनाम, कई शहीदों और संघर्षरत स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने केलिए आजादी के अमृतकाल के रूपमें मनाने का निर्णय किया है। उन्होंने कहाकि रानी मां का जन्म मणिपुर के गांव में हुआ और वे 13 साल की उम्र में ही जदोनांग के स्वतंत्रता आंदोलन केसाथ जुड़ गईं और उनके दो साल के जुड़ाव ने अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ स्वतंत्रता सेनानी बनने के ए तैयार कर दिया, रानी मां ने आंदोलन का नेतृत्व संभाला और जदोनांग की शहादत के बाद उनके करिश्माई नेतृत्व में भीषण स्‍वतंत्रता संग्राम हुआ। अमित शाह ने कहाकि एक छोटी सी लड़की पूर्वोत्तर की सुदूर पहाड़ियों में रहकर विश्व के सबसे बड़े साम्राज्य को चुनौती देती है, वो उनकी ताक़त का परिचय था। आज पूरा देश उन्हें सम्मान के साथ याद करता है। उन्होंने बतायाकि प्रधानमंत्री ने उनके जन्मशती समारोह पर 5 रूपए और 100 रूपए के सिक्के भी जारी कर चुके हैं, उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया और भारतीय तटरक्षक बल ने भी 19 अक्तूबर 2016 को हमारी गश्ती बोट को उनका नाम देकर उन्हें सम्मानित किया है।
अमित शाह ने कहाकि देशभर में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय बनने से पूरे समाज को एक करने में बड़ी मदद मिलेगी, क्योंकि जहां जनजातीय आबादी नहीं है, वहां की जनता को मालूम ही नहीं हैकि जनजातीय समाज ने देश की आजादी केलिए कितना बड़ा संघर्ष किया है और उच्चतम बलिदान दिए हैं, इसीलिए 15 अगस्त 2016 को प्रधानमंत्री ने घोषणा कीथी कि सरकार अलग-अलग राज्यों में जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय बनाएगी, जिससे आनेवाली पीढ़ियां जान सकेंकि हमारे आदिवासी और जनजातीय भाई बलिदान देने में हमसे भी आगे थे। अमित शाह ने कहाकि सरकार ने इसके लिए 195 करोड़ रूपए की धनराशि आवंटित की है, जिसमें से 110 करोड़ रूपए की धनराशि जारी भी की जा चुकी है, गुजरात, झारखंड, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और मणिपुर में ऐसे संग्रहालय बनने वाले हैं, मणिपुर का संग्रहालय 15 करोड़ रूपए की बड़ी लागत से बनने वाला है और इससे पूरे उत्तर-पूर्व के जनजातीय क्षेत्रों में फिरसे एकबार देशभक्ति की चेतना जागृत होगी। उन्होंने कहाकि हम जनजातीय विकास केलिए प्रतिबद्ध हैं, चाहे एकलव्य स्कूल हों, जंगल उत्पादों को एमएसपी पर खरीदना हो, कई प्रकार के जनजातीय विकास के कार्य नरेंद्र मोदी सरकार ने किए हैं।
गृहमंत्री ने कहाकि पिछले 5 साल में नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री बिरेन सिंह के नेतृत्व में मणिपुर में बहुत समय बाद शांतिकाल आया है और आज मणिपुर हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहाकि मणिपुर में अब कोई हड़ताल, बंद और ब्लॉकेड नहीं होगा, बिरेन सिंह के शासन में क़ानून व्यवस्था की स्थिति में बहुत बड़ा सुधार आया है, पांच साल में जो विकास हुआ है, उसका पलड़ा 70 साल के मणिपुर के विकास पर ज़रूर भारी होगा। उन्होंने कहाकि मणिपुर में कई काम हुए हैं, खेल यूनिवर्सिटी बन रही है, नया विधानसभा भवन बनकर तैयार है, इंफ्रास्ट्रक्चर के काम हुए हैं और जो गांव पहाड़ों पर बसे हैं, उनको पहलीबार ऐसा अनुभव हुआ हैकि कोई केंद्र सरकार और राज्य सरकार उनकी चिंता कर रही है। अमित शाह ने कहाकि सबने इनके वोट लिए, किंतु विकास की चिंता नहीं की और अब पहाड़ी गांवों में बिजली पहुंचाने का काम हुआ है, हर मणिपुरवासी को 5 लाख रूपए तक का स्वास्थ्य का खर्चा नरेंद्र मोदी सरकार उठा रही है, सबके घर में गैस पहुंचाने, शौचालय बनाने का काम हुआ, पहाड़ों पर स्कूल बनाए गए तथा कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है।

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