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पूर्वोत्तर बन रहा नए युग का साक्षी-उपराष्ट्रपति

सात वर्ष में उग्रवाद में गिरावट आई और विकास की गति तेज हुई

वेंकैया नायडू का अरुणाचल प्रदेश विधानसभा सत्र में संबोधन

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Sunday 10 October 2021 03:43:55 PM

venkaiah naidu's address at the arunachal pradesh legislative assembly session

ईटानगर। उपराष्‍ट्रपति और राज्‍यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र अब निर्णायक रूपसे अपने अशांत अतीत से दूर हो रहा है और पुनरुत्‍थान के एक नए युग का साक्षी बन रहा है, जैसाकि आर्थिक और मानव विकास सूचकांकों में उल्‍लेखनीय सुधार, अवसंरचना विकास का विस्‍तार तथा पिछले सात वर्ष में उग्रवाद में तेज गिरावट से स्‍पष्‍ट है। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश की विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए पूर्वोत्तर क्षेत्र की विरासत पर विस्‍तार से चर्चा की, जिसका परिणाम विकास और लोकतंत्र की कमी के रूपमें दिखा था और अब हाल के वर्ष में परिवर्तन की दिशा एवं विकास की गति में तेजी के रूपमें नया परिवर्तन देखने को मिल रहा है। उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि देश अरुणाचल प्रदेश को उसकी क्षमता और उसके लोगों की उपलब्धियों के कारण नई दिलचस्‍पी के साथ देख रहा है, अरुणाचल प्रदेश में प्राकृतिक संसाधनों के कारण भारत की फलों की टोकरी बनने की क्षमता है, आकर्षक परिदृश्‍य के कारण यह एक वैश्विक पर्यटन स्‍थल बन सकता है।
उपराष्‍ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि उन्हें यह जानकर प्रसन्‍नता है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र ने ऐसे अतीत से दूर होने केलिए दृढ़ता के साथ संकल्‍प लिया है, जिससे कि वर्तमान को उस दिशा में ढालकर एक नए भविष्‍य की पटकथा लिखी जा सके। उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऐसे क्षेत्र में जहां व्‍यापक जातीय विविधता है, लोगों के बीच विषमताओं को बढ़ाने से अपर्याप्‍त और असमान विकास उनकी लोकतांत्रिक भागीदारी को भी प्रभावित करती है, क्‍योंकि वे पहले से ही विकास के तरीकों को लेकर संदिग्‍ध थे और अपनी खुद की पहचान एवं संस्‍कृति को लेकर चिंतित हैं। वेंकैया नायडू ने कहा कि 2014 में एक्‍ट ईस्‍ट पॉलिसी को एक नई ऊर्जा तथा फोकस के साथ लागू किया गया है। वेंकैया नायडू ने विस्‍तार से बताया कि जहां देश में प्रति व्‍यक्ति शुद्ध राष्‍ट्रीय आय में 2013-14 की तुलना में अब 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, पूर्वोत्तर क्षेत्र के आठ राज्‍यों में से छह राज्‍यों में प्रति व्‍यक्ति शुद्ध राज्‍य घरेलू उत्‍पाद में इससे अधिक की वृद्धि हुई है, क्षेत्र के आठ राज्‍यों में से पांच राज्‍यों की प्रति व्‍यक्ति शुद्ध राज्‍य उत्‍पाद 2018-20 के दौरान प्रति व्‍यक्ति एनएनआई की तुलना में समान या अधिक रहा, जबकि 2013-14 में केवल दो राज्‍यों के मामले में ऐसा था।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) के संदर्भ में मापे गए सामाजिक विकास के संबंध में क्षेत्र के आठ राज्‍यों में से सात राज्‍यों ने 2019 में देश के सूचकांक की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया, 78.50 की साक्षरता दर के साथ एनईआर का प्रदर्शन देश के 74 प्रतिशत की तुलना में बेहतर है। वेंकैया नायडू ने 2014-15 की तुलना में 2021-22 के दौरान क्षेत्र को लगभग दोगुनी सकल बजटीय सहायता, स्‍टार्टअप इंडिया स्‍कीम, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम, सूक्ष्‍म लघु एवं मझौले उद्यमों केलिए सहायता बड़ी संख्‍या में सड़क तथा हवाई संपर्क परियोजनाओं आदि और उनके निष्‍पादन की गति की चर्चा की। उन्होंने कहा कि बोडो तथा कार्बी आंगलोंग समझौतों से इस क्षेत्र में शांति के युग के सूत्रपात्र की उत्‍सुकता प्रदर्शित करते हैं। देश में विधायिकाओं के कामकाज पर चिंता व्‍यक्‍त करते हुए उन्होंने 2015-20 के दौरान अरुणाचल प्रदेश विधानसभा की एक से छह वार्षिक बैठकों का उल्‍लेख किया और क्षेत्र के राज्‍यों से अधिक बैठकें करने का आग्रह किया। उन्‍होंने राष्‍ट्र तथा लोगों से संबंधित मुद्दों पर निर्णय करने केलिए सार्थक बहस और चर्चा की आवश्‍यकता पर जोर दिया।
वेंकैया नायडू ने इच्‍छा जताई कि विधायकों को तीन डी-डिबेट, डिस्‍कशन और डिसीजन पर फोकस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में विधि निर्माण में अधिक से अधिक महिला सदस्यों को शामिल करने की आवश्‍यकता है, संसद में भी केवल 11 प्रतिशत ही महिलाएं हैं। उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि लगभग पांच करोड़ की जनसंख्‍या वाले इस क्षेत्र के शासन में राष्‍ट्रीय दलों के साथ राज्‍यस्‍तरीय दलों की बड़ी भागीदारी राष्‍ट्रीय महत्‍वाकांक्षाओं के साथ स्‍थानीय आकांक्षाओं के संयोजन का एक वक्‍तव्‍य है, इसका नतीजा उन परिणामों के रूपमें आना चाहिए, जो क्षेत्र और राष्‍ट्र के हितों को और आगे बढ़ाते हैं। उन्‍होंने राज्‍य सरकारों से 29 विषयों को स्‍थानांतरित करने तथा संविधान के प्रावधानों के अनुसार स्‍थानीय निकायों को फंक्‍शन, फंड और फंक्‍शनरी को हस्‍तांतरित करने की आवश्‍यकता पर भी बल दिया। उन्होंने केंद्रित कार्रवाई केलिए 15 सूत्रीय रूपरेखा का सुझाव दिया, इनमें शामिल हैं-सभी जातीय समूह साझा नियति की भावना से दिशा-निर्देशित हों, अंतर्राज्‍यीय सीमा विवादों का समाधन, अराजकता और हिंसा के अवशेषों को समाप्‍त करना, निजी निवेशों को बढ़ावा देना, विकास और लोकतांत्रिक भावना में आ चुकी कमी को दूर करना।
वेंकैया नायडू ने कहा कि उत्‍पादक आर्थिक गतिविधियों और परिसं‍पत्ति निर्माण को बढ़ावा देने के माध्‍यम से आत्‍मनिर्भरता को लक्षित करना तथा कुशल संसाधन उपयोग केलिए उत्‍तरदायित्‍व और पादर्शिता सुनिश्चित करने वाला प्रभावी शासन, समुदायों की भागीदारी शामिल है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत हमेशा से एक शांतिप्रिय देश रहा है और उसने कभी किसी अन्य देश पर हमला नहीं किया, कभी किसी विस्तारवादी महत्वाकांक्षा को पोषित नहीं किया। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश से अंडमान तक और कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक देश है और इसकी एकता और अखंडता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा, भारत अपने मामलों में बाहरी दखल को बर्दाश्त नहीं करेगा। वेंकैया नायडू ने नवजात मृत्‍युदर, माध्‍यमिक स्‍तर पर छात्रों द्वारा पढ़ाई छोड़ने, लिंग अनुपात, साक्षरता और सड़क नेटवर्क से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए केंद्रित प्रयासों की अपील की।
उपराष्ट्रपति ने प्रत्‍येक व्‍यक्ति से गरीबी मुक्‍त, निरक्षरता मुक्‍त, भ्रष्‍टाचार मुक्‍त तथा भेदभाव मुक्‍त भारत की दिशा में कार्य करने की अपील की। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश विधानसभा पुस्‍तकालय, पेपर रिसाइक्लिंग यूनिट तथा दोरजी खांडू सभागार का भी उद्घाटन किया। उन्‍होंने कहा कि ये निश्चित रूपसे इस प्रभावशाली विधानसभा भवन की शोभा और बढाएंगे। उपराष्‍ट्रपति ने अरुणाचल प्रदेश विधानसभा को पूर्वोत्तर क्षेत्र में ई-विधान प्रणाली शुरू करने वाला पहला तथा ई-विधान प्रणाली शुरू करने वाला देश में तीसरा विधानमंडल होने पर बधाई दी। इस मौके पर अरुणाचल प्रदेश के राज्‍यपाल ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा (सेवानिवृत), मुख्‍यमंत्री पेमा खांडू, अरुणाचल विधानसभा के अध्‍यक्ष पासंग दोरजी सोना, मंत्री और विधायक उपस्थित थे।

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