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बहुजन समाज में नारी सशक्तिकरण की बयार

'समाज की पीड़ा महसूस करने वाले ही समाज उत्थान के सारथी'

'लक्ष्य' महिला टीम की सीतापुर में घर-घर भीमचर्चा आयोजित

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 6 October 2021 03:01:09 PM

bahujan awareness campaign of lakshya's women's team in sitapur

सीतापुर। भारतीय समन्वय संगठन 'लक्ष्य' का बहुजन समाज में नारी सशक्तिकरण का अभियान बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है। बहुजन समाज की महिलाओं युवकों और युवतियों पर इसका प्रभावशाली असर दिखाई भी दे रहा है। पहले जैसे बहुजन समाज पर अंधविश्वास नशाखोरी और लड़कियों की अशिक्षा सर चढ़कर बोलती थी, अब घर की महिलाएं इन बुराईयों पर नियंत्रण पाने की पहल कर रही हैं। उनका मनोबल नारी सशक्तिकरण की ओर बढ़ रहा है। लक्ष्य की महिला टीम ने बहुजन जागरुकता अभियान के अंतर्गत सीतापुर के आंबेडकर नगर मोहल्ले में पुष्प लता सिंह के निवास पर एक भीमचर्चा का आयोजन किया था, जिसमें महिलाओं और युवतियों की प्रमुखता और उत्साह से भागीदारी देखते बनी।
लक्ष्य की महिला कमांडरों ने घर-घर भीमचर्चा में बड़ी संख्या में एकत्र महिलाओं युवतियों एवं युवकों का अपने प्रेरणा संबोधन से हौसला बढ़ाया। महिलाओं ने अपना घूंघट छोड़ न केवल भीमचर्चा में भाग लिया, अपितु बालिकाओं को शिक्षित करने का संकल्प व्यक्त किया। इस संकल्प का बहुजन समाज में अनेक गांवों और कस्बों में उत्साहजनक परिणाम दिख रहा है। महिलाएं नशाखोरी को रोकने की कोशिश कर रही हैं और अपने रोज़गार के रास्तों का सृजन कर रही हैं। लक्ष्य की महिला कमांडरों का वे धन्यवाद देना सीख गई हैं, उनकी जीवनशैली बदल रही है, वे एक-दूसरे को सुधारात्मक प्रेरणाएं दे रही हैं, उनमें सामाजिक जागरुकता का भी दायरा बढ़ रहा है। इस भीमचर्चा का विषय था-'समाज की पीड़ा हम सबकी पीड़ा है' इस विषय पर विस्तार से चर्चा हुई और बहुजन समाज में जन्मे महापुरुषों के योगदान पर प्रकाश डालते हुए सामाजिक परिवर्तन के प्रति आशा व्यक्त की गई।
महिला कमांडरों और स्थानीय महिला वक्ताओं का भीमचर्चा में कहना था कि समाज की पीड़ा को महसूस करने वाले लोग ही समाज उत्थान के लिए आगे आते हैं, अर्थात जो लोग समाज के दुःख दर्द को महसूस करते हैं, उसे अपना समझते हैं, ऐसे लोग ही संघर्ष को सफलता में बदल पाते हैं, सामाजिक आंदोलन को ऊंचाई तक पहुंचाते हैं। उनका कहना था कि सघर्षशील महिलाएं युवतियां अथवा युवा चुनौतियों से नहीं घबराते हैं, बल्कि चुनौतियों को अवसर में बदलने का साहस करते हैं, सफलता ऐसे ही लोगों के कदम चूमती है, ऐसे ही लोग महान बन जाते हैं और इतिहास में उनका नाम दर्ज हो जाता है। ऐसे ही थे बहुजन समाज में जन्मे महापुरुष, जिन्होंने बहुजन समाज के लोगों के अधिकारों लिए संघर्ष किया और उनको मानवीय पीड़ाओं से मुक्त किया, उन्हें उनके अधिकार दिलाए, लक्ष्य कमांडर मुन्नी बौद्ध ने भीम चर्चा के दौरान यह बात कही।
भीमचर्चा में वक्ताओं ने बहुजन समाज के लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि आओ मिलकर सामाजिक परिवर्तन की गति को तेज करें, ताकि समाज के महापुरुषों का चलाया कारवां मंजिल तक पहुंच सके। भीम चर्चा में लक्ष्य कमांडर पुष्पलता सिंह, रूपांशी सिंह, रामश्री, विमला रानी, पुष्पा देवी, विमला देवी, अनिकेत प्रताप सिंह, प्रियांशी सिंह और प्रताप सिंह ने प्रमुख रूपसे हिस्सा लिया। भीमचर्चा की खास बात यह सामने आई है महिलाएं काम छोड़कर इसमें भाग ले रही हैं और उन्हें यह लग रहा है कि यह सामाजिक आंदोलन ऐसे ही और तेजीसे बढ़ता चला जाएगा। महिलाओं ने लक्ष्य की कमांडरों का धन्यवाद दिया और भरोसा दिया कि वे उनके मार्गदर्शन में बहुजन समाज के नारी सशक्तिकरण और जागरुकता संदेश को सार्थक सिद्ध करेंगी।

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