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हिमाचल प्रदेश की विकास गाथा पर गर्व-राष्ट्रपति

राष्ट्रपति का हिमाचल प्रदेश की विधान सभा के विशेष सत्र में संबोधन

हिमाचल प्रदेश सतत विकास लक्ष्य सूचकांक-2020-21 में भी शामिल

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Saturday 18 September 2021 03:32:22 PM

president addressing the special session of himachal pradesh legislative assembly

शिमला। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि बीते 50 वर्ष में हिमाचल प्रदेश के लोगों की लिखी गई विकास गाथा पर सभी भारतीयों को गर्व है। राष्ट्रपति शिमला में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित कर रहे थे। यह विशेष सत्र हिमाचल प्रदेश राज्य के गठन की स्वर्ण जयंती पर आयोजित किया गया था। राष्ट्रपति ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की पिछली सभी सरकारों ने इस विकास यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्रियों डॉ वाईएस परमार, ठाकुर रामलाल, शांता कुमार, प्रेमकुमार धूमल और वीरभद्र सिंह के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि लोगों तक विकास ले जाने केलिए हिमाचल प्रदेश सरकार की पहलें बहुत ही प्रशंसनीय हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने विभिन्न क्षेत्रों में विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश सतत विकास लक्ष्य-भारत सूचकांक 2020-21 में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश कई मानकों पर देश में अग्रणी राज्य है, हिमाचल प्रदेश की नदियों का पानी स्वच्छ और मिट्टी पोषक तत्वों से भरपूर है। राष्ट्रपति ने राज्य के किसानों से अधिक से अधिक प्राकृतिक खेती अपनाने और अपनी जमीन को रासायनिक खाद से मुक्त रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण अनुकूल कृषि, बागवानी, पर्यटन, शिक्षा, रोज़गार विशेषकर स्वरोज़गार आदि में सतत विकास की असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि यह राज्य प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है, इसलिए हमें इसकी प्राकृतिक सुंदरता और विरासतों को संरक्षित करते हुए विकास केलिए निरंतर प्रयास करना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि यह हिमाचल प्रदेश के लोगों और सरकार केलिए गर्व की बात है कि वर्ष 2014 में हिमाचल प्रदेश देश की पहली पेपरलेस विधानसभा बन गई थी, जो प्रौद्योगिकी के कुशल उपयोग, पर्यावरण की रक्षा और आर्थिक संसाधनों को बचाने का एक अच्छा उदाहरण है।
रामनाथ कोविंद ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण केलिए राज्य सरकार ने प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने सहित कई उल्लेखनीय प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पारित गैर बायोडिग्रेडेबल कचरा नियंत्रण अधिनियम-1995, धूम्रपान निषेध और गैर-धूम्रपानकर्ता स्वास्थ्य संरक्षण अधिनियम-1997 जैसे कानूनों का देशभर में अच्छा प्रभाव है, यहां कई ऐसे कानून बनाए गए हैं, जो भविष्योन्मुखी परिवर्तनों का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोग शांतिप्रिय और बहादुर हैं, जो जरूरत पड़ने पर अन्याय, आतंकवाद और देश के गौरव पर किसी भी हमले का बहादुरी से जवाब देते हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लगभग हर गांव के युवा भारतीय सशस्त्र बलों में सेवा करते हैं, प्रदेश में भूतपूर्व सैनिकों की संख्या 1,20,000 से अधिक है। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले रामसिंह पठानिया, परमवीर चक्र से सम्मानित मेजर सोमनाथ शर्मा, कैप्टन विक्रम बत्रा, सूबेदार संजय कुमार और कैप्टन सौरभ कालिया जैसे कई नायकों ने देश और हिमाचल प्रदेश का सिर गर्व से ऊंचा किया है। उन्होंने सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर के रूपमें कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से जांबाजों की स्मृति को नमन करते हैं।

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