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कृषि का आधुनिकीकरण जारी-कृषि मंत्री

सार्वजनिक व निजी कंपनियों से किए एमओयू पर हस्ताक्षर

वर्ष 2021-25 के लिए डिजिटल कृषि मिशन की शुरुआत

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 15 September 2021 01:20:57 PM

mou signing for agriculture sector pilot projects with companies

नई दिल्ली। नई तकनीकों से कृषि का आधुनिकीकरण जारी है, जिससे किसान अपनी आमदनी बढ़ाने में सक्षम हुए हैं। कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर कार्यक्रम के दौरान यह बात कही। यह समझौता सिस्को, निंजाकार्ट, जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड, आईटीसी लिमिटेड और एनसीडीईएक्स ई-मार्केट्स लिमिटेड के साथ पायलट परियोजनाओं केलिए किया गया है। कृषिमंत्री ने कहा कि इन पायलट परियोजनाओं के आधार पर किसान सोच समझकर फैसले लेने में सक्षम हो पाएंगे कि कौन-सी किस्म के बीज उपयोग करने हैं और अधिकतम उपज केलिए कौन सी विधियां अपनानी हैं। उन्होंने कहा कि कृषि आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े लोग सही समय और समयबद्ध जानकारी से खरीद और लॉजिस्टिक की योजना बना सकते हैं, किसान उपज को बेचना है या भंडारण करना है और कब, कहां व किस कीमत पर बेचना है पर उचित फैसला ले सकते हैं।
कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार ने आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉक चेन, रिमोट सेंसिंग और जीआईएस तकनीक, ड्रोन व रोबोट आदि के उपयोग केलिए 2021-25 की अवधि के दौरान एक डिजिटल कृषि मिशन की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में बदलाव में इकोसिस्टम से जुड़ी सोच और डिजिटल इकोसिस्टम को अपनाने की जरूरत है, कृषि मूल्य श्रृंखला फसल चयन से लेकर फसल प्रबंधन और बाजार तक फैली होती है, कृषि से जुड़ी सामग्रियों व सेवाओं, लॉजिस्टिक में भी सार्वजनिक और निजी कंपनियां शामिल होती हैं। कृषिमंत्री ने कहा कि कृषि के डिजिटल इकोसिस्टम की स्थापना केलिए नवाचार को प्रोत्साहन देने के अलावा इंटर ऑपरेबिलिटी, डाटा गवर्नेंस, डाटा गुणवत्ता, डाटा मानक, सुरक्षा और निजता के पहलुओं पर दीर्घकालिक नजरिए की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विकेंद्रीकृत और संस्थागत व्यवस्था को अपनाना अहम आवश्यकता है, इससे सेवा प्रदाताओं और सभी पक्षों की स्वायत्ता का भरोसा मिलता है, साथ ही इंटर आपरेबिलिटी सुनिश्चित होती है।
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि में डिजिटलीकरण के महत्व को स्वीकार करते हुए कृषि विभाग एक संस्थागत फार्मर्स डाटाबेस तैयार कर रहा है और इस डाटाबेस के इर्दगिर्द विभिन्न सेवाओं को विकसित कर रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों के संस्थागत डाटाबेस को देशभर के किसानों की जमीनों के रिकॉर्ड के साथ जोड़ा जाएगा, साथ ही विशेष फार्मर आईडी तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस एकीकृत डाटाबेस के अंतर्गत किसानों केलिए केंद्र एवं राज्य सरकार के सभी लाभों और विभिन्न योजनाओं के समर्थन से जुड़ी जानकारी रखी जाएगी और यह भविष्य में किसानों को लाभांवित करने के उद्देश्य से जानकारियां हासिल करने का स्रोत बन सकता है। उन्होंने बताया कि अभी तक डाटाबेस लगभग 5.5 करोड़ किसानों के विवरण के साथ तैयार है। इस अवसर पर कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी और शोभा करंदलाजे, डीएएंडएफडब्ल्यू सचिव संजय अग्रवाल, अतिरिक्त सचिव (डिजिटल कृषि) विवेक अग्रवाल, सिस्को के प्रबंध निदेशक हरीश कृष्णन, निंजाकार्ट के सह संस्थापक और सीईओ तिरुकुमारन नागराजन, जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड के प्रेसिडेंट और प्रमुख डॉ शंकर अदावल, आईटीसी लिमिटेड के मंडलीय मुख्य कार्यकारी रजनीकांत राय एवं एनसीडीईएक्स ई-मार्केट्स लिमिटेड के प्रबंधन निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुरुगंक परांजपे उपस्थित थे।

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