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नए दौर की प्रौद्योगिकियों की मांग बढ़ी

आईआईटी रुड़की ने शुरु किए नए शैक्षणिक कार्यक्रम

इंजीनियरिंग आर्किटेक्चर अर्थशास्त्र व प्रबंधन जैसे क्षेत्र

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 2 August 2021 05:12:47 PM

iit roorkee started many new educational programs

रुड़की। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की ने नए दौर की प्रौद्योगिकियों की बढ़ती मांग को पूरा करने केलिए डाटा साइंस और आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस में विशेषज्ञता के साथ इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर, अर्थशास्त्र और प्रबंधन के चुनिंदा क्षेत्रों में सात नए शैक्षणिक कार्यक्रम शुरु किए हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने उम्मीद व्यक्त की कि इन कार्यक्रमों से विद्यार्थियों और कामकाजी पेशेवरों को अपने संबंधित क्षेत्रों में मूल्यवर्धन में सहायता मिलेगी। प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने एक ऑनलाइन कार्यक्रम में आईआईटी रुड़की के नए शैक्षणिक कार्यक्रमों का शुभारम्भ करते हुए कहा कि इस तरह की नई पहल लीडर्स को फॉलोवर्स से अलग करती हैं और मैं कार्यक्रमों की रूपरेखा व इससे जुड़ी जानकारियों को सुनकर खासा खुश हूं।
डीएसटी सचिव ने कहा कि नए कार्यक्रमों में वर्तमान में प्रासंगिक जानकारियों का प्रसार और हमारे द्वारा सृजित ज्ञान का उपयोग शामिल है, वे अंतर-विषयक और बहुविषयक हैं तथा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप भी हैं, इनकी शुरुआत से पता चलता है कि हम कुछ सीमाओं को तोड़ने की राह पर हैं, जो हमने ऐतिहासिक रूपसे तैयार की हैं। इन कार्यक्रमों में छह परास्नातक डिग्री कार्यक्रम शामिल हैं और एक पांच वर्षीय एकीकृत कार्यक्रम है, जिनकी पेशकश अगले शैक्षणिक सत्र (2021-22) से विद्यार्थियों को की जाएगी। इनका उद्देश्य ऐसे नए और उभरते हुए क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है, जो आज ज्यादा प्रासंगिक बनते जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों में सेंटर फॉर आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा साइंस के तहत एमटेक और डिजाइन विभाग के तहत एमडेस (औद्योगिक डिजाइन), एमआईएम (मास्टर्स इन इनोवेशन मैनेजमेंट), डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के तहत उद्योग के कामकाजी पेशेवरों केलिए ऑनलाइन एमटेक (माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स एंड वीएलएसआई), डिपार्टमेंट ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेस के तहत एमएस अर्थशास्त्र (पांच साल का एकीकृत कार्यक्रम) और प्रस्तावित इंटरनेशनल सेंटर फॉर डैम्स (वर्तमान में हाइड्रोलॉजी डिपार्टमेंट द्वारा समन्वित) के तहत एमटेक (बांध सुरक्षा एवं पुनर्वास) शामिल हैं।
आईआईटी रुड़की के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन बीवीआर मोहन रेड्डी ने उम्मीद व्यक्त की कि ये कार्यक्रम शिक्षा को ज्यादा लचीली, सुलभ और जीवनपर्यंत चलने वाली प्रक्रिया का रूप देकर लोगों की धारणा को बदलकर रख देंगे। उन्होंने कहा कि हम आत्मनिर्भर भारत पर काम कर रहे हैं, इसीलिए शिक्षा के नए दृष्टिकोण के साथ नए क्षेत्र खासे अहम हैं। उन्होंने कहा कि उद्यमशीलता के साथ ही नवाचार हमारे भविष्य का अभिन्न अंग है, हमारे पास ज्यादा रोज़गार सृजन करने वाले हों, यह सुनिश्चित करने केलिए उन्होंने उद्यमिता कार्यक्रम की सिफारिश की। आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर अजित के चतुर्वेदी ने विश्वास व्यक्त किया कि नए कार्यक्रमों से उच्चशिक्षा में भविष्य की प्रौद्योगिकियों की मांग पूरी होगी। उन्होंने कहा कि ये सभी नए शैक्षणिक कार्यक्रम हमारे देश की जरूरतों को भी पूरा करते हैं।

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