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डीआरडीओ का एसएसबीएस सेना में शामिल

भारतीय रक्षा औद्योगिक पारितंत्र को मिलेगा बढ़ावा-रक्षामंत्री

सेना प्रमुख ने समारोहपूर्वक भारतीय सेना में शामिल किया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 3 July 2021 04:23:37 PM

drdo's short span bridging system inducted into army

नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन का डिजाइन और विकसित 12 शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम यानी एसएसबीएस-10 एम के पहले उत्पादन लॉट को दिल्ली कैंट के करियप्पा परेड ग्राउंड में समारोहपूर्वक सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने भारतीय सेना में शामिल किया। एसएसबीएस-10 एम सैनिकों की तेजी से आवाजाही सुनिश्चित करने केलिए 4 एम चौड़ी पूर्ण सड़क प्रदान करता है और 9.5 एम के अंतराल को एक स्पेन से पाटने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डीआरडीओ की प्रमुख इंजीनियरिंग प्रयोगशाला अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान पुणे ने मेसर्स एलएंडटी लिमिटेड के सहयोग से इस प्रणाली को डिजाइन और विकसित किया है। ये 12 पुल उत्पादन एजेंसी मेसर्स एलएंडटी लिमिटेड से 102 एसएसबीएस-10 एम का हिस्सा हैं।
प्रोजेक्ट शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम में टाट्रा 6x6 चेसी पर 5 एम एसएसबीएस के दो प्रोटोटाइप और टाट्रा 8x8 री-इंजीनियर चेसी पर 10 एम एसएसबीएस के अन्य दो प्रोटोटाइप को विकसित करना शामिल था। दोनों प्रणालियों में गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीक्यूए) मौसम और प्रयोक्ता परीक्षणों से गुजरे हैं और सभी परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद सेवाओं में शामिल करने केलिए इन प्रणालियों की सिफारिश की गई। ब्रिजिंग सिस्टम सर्वत्र ब्रिजिंग सिस्टम (75 एम) केसाथ फिट हैं, जहां अंतिम स्पेन में 9.5 एम से कम अंतराल को कवर करने की आवश्यकता होती है। तैनात पुल एमएलसी 70 के लोड वर्गीकरण का है, इससे सैनिकों की त्वरित आवाजाही में मदद मिलेगी और संसाधनों की तैनाती बढ़ेगी। डीआरडीओ को सैन्य ब्रिजिंग सिस्टम जैसे महत्वपूर्ण कॉम्बैट इंजीनियरिंग सिस्टम विकसित करने में व्यापक अनुभव है।
भारतीय सेना केलिए मैकेनाइज्ड मोबिलिटी सॉल्यूशंस जैसे सिंगल स्पैन 5 एम और 10 एम, शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम, 46 एम मॉड्यूलर ब्रिज, 20 एम बीएलटी-टी72 और मल्टी स्पैन 75 एम सर्वत्र ब्रिजिंग सिस्टम आदि विकसित किए गए हैं। मैन्युअल रूपसे शुरू किया गया 34.5 एम माउंटेन फुट ब्रिज भी डीआरडीओ ने विकसित किया था। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, भारतीय सेना और उद्योग जगत को इस प्रणाली के सफल विकास केलिए और सेना में शामिल होने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि इससे तेजी से बढ़ते भारतीय रक्षा औद्योगिक पारितंत्र को बढ़ावा मिलेगा और उद्योग को 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में योगदान करने में मदद मिलेगी। डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ जी सतीश रेड्डी ने भी ब्रिजिंग सिस्टम की सफलता पर बधाई दी।

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