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भारत-कतर सीए संस्थानों में सहयोग बढ़ा

आईसीएआई और क्यूएफसीए एमओयू को केंद्र की मंजूरी

दोनों देशों में लेखांकन पेशे व उद्यमशीलता को प्रोत्साहन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 12 May 2021 05:26:01 PM

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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया और कतर फाइनेंशियल सेंटर अथॉरिटी के बीच हुए समझौता ज्ञापन को स्वीकृति दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंजूर इस एमओयू से कतर में लेखांकन पेशे और उद्यमशीलता आधार को मजबूत बनाने के उद्देश्य से मिलकर काम करने के लिए संस्थानों के बीच सहयोग बढ़ेगा। आईसीएआई का मध्य पूर्व में 6,000 से ज्यादा सदस्यों के साथ एक मजबूत सदस्यता आधार है और कतर (दोहा) इकाई आईसीएआई की सबसे सक्रिय इकाई में शामिल है। आईसीएआई के सदस्य कतर में विभिन्न निजी और सार्वजनिक कंपनियों में कई अहम पदों पर हैं तथा वे वहां पर लेखांकन पेशे को समर्थन देने और विकास से सक्रिय रूपसे जुड़े हुए हैं।
एमओयू से पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में आईसीएआई सदस्यों को अतिरिक्त प्रोत्साहन के साथ पहचान मिलेगी, वे कतर में भारतीय कारोबारियों की कारोबार करने की आकांक्षाओं को समर्थन भी दे सकेंगे। इस प्रकार इसके माध्यम से कतर और भारत की अर्थव्यवस्थाओं के विकास को और ज्यादा सहयोग मिलेगा। आईसीएआई की एक सक्रिय इकाई दोहा में है, जिसकी स्थापना वर्ष 1981 में हुई थी और यह आईसीएआई की 36 विदेशी इकाई में सबसे पुरानी इकाइयों में से एक है। स्थापना के बाद से ही इस इकाई की सदस्यता लगातार बढ़ रही है और वर्तमान में इसके 300 से ज्यादा सदस्य हैं, जो कतर में विभिन्न निजी और सार्वजनिक कंपनियों में अहम पदों पर हैं। वे कतर में लेखांकन पेशे को समर्थन और विस्तार देने के लिए काम कर रहे हैं। एमओयू से कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया और कतर फाइनेंशियल सेंटर अथॉरिटी को लाभ होगा।
भारत-कतर का यह एमओयू एश्योरेंस और ऑडिटिंग, परामर्श, कराधान, वित्तीय सेवाएं और संबद्ध क्षेत्रों में कतर में व्यावसायिक सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रक्रियाएं तय करके आईसीएआई के सदस्यों के लिए अवसरों में बढ़ोतरी का प्रयास कहा गया है। आईसीएआई, क्यूएफसीए के साथ मिलकर कतर में एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से स्थानीय पेशेवर, उद्यमी और विद्यार्थियों को शिक्षित एवं तैयार भी करेगा। आईसीएआई और क्यूएफसीए परस्पर सहमति के आधार पर राउंडटेबल, नेटवर्किंग कार्यक्रमों आदि के आयोजन के द्वारा कतर में भारतीय कारोबारियों के लिए अवसर तलाशने के लिए मिलकर काम करेंगे। आईसीएआई और क्यूएफसीए कंपनी प्रशासन, तकनीकी शोध एवं परामर्श, गुणवत्ता आश्वासन, फॉरेंसिक लेखांकन, लघु और मझोले आकार की प्रक्रियाओं के मुद्दों, इस्लामिक वित्त, निरंतर पेशेवर विकास (सीपीडी) और परस्पर हित के अन्य विषयों जैसे क्षेत्रों में पैदा होने वाले अवसरों पर सहयोग करेंगे।
द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) भारत की संसद में पारित अधिनियम द चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एक्ट-1949 के तहत स्थापित एक सांविधिक निकाय है और भारत में चार्टर्ड अकाउंटेंसी व्यवसाय को नियंत्रित करता है। वर्ष 2005 की कानून संख्या (7) के क्रम में स्थापित कतर फाइनेंशियल सेंटर अथॉरिटी (क्यूएफसीए) एक स्वतंत्र वैधानिक संस्था है, जो कतर में विश्वस्तरीय वित्तीय और व्यावसायिक केंद्र के रूपमें क्यूएफसी के विकास और प्रोत्साहन के लिए जिम्मेदार है।

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