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रेनी गांव में बेली ब्रिज जनता के लिए खुला

स्थानीय लोगों ने बीआरओ व राज्य सरकार को आभार जताया

उत्तराखंड के सीमावर्ती गांवों का रिकॉर्ड समय में संपर्क बहाल

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 6 March 2021 04:16:23 PM

rishi ganga hydel power project constructed in a record time by bro

चमोली। ऋषिगंगा नदी पर जोशीमठ-मलारी रोड पर रेनी गांव में सीमा सड़क संगठन के निर्माणाधीन 200 फीट का बेली पुल जनता के लिए खोल दिया गया है। सीमा सड़क संगठन ने 7 फरवरी 2021 को अचानक आई बाढ़ के कारण कट गए उत्तराखंड के चमोली जिले के 13 सीमावर्ती गांवों में 26 दिन के रिकॉर्ड समय में कनेक्टिविटी बहाल कर दी है। सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए चौबीस घंटे काम करने वाले प्रोजेक्ट शिवालिक के 21 बॉर्डर रोड टास्क फोर्स, चीफ इंजीनियर प्रोजेक्ट शिवालिक और कर्मयोगियों की टीम के कर्मियों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सीमा सड़क संगठन ने इस पुल को 'द ब्रिज ऑफ कॉम्पेशन/ करुणा का पुल' नाम दिया है। उन्होंने इस कठिन कार्य को पूरा करने में सीमा सड़क संगठन की सहायता प्रदान करने और साथ देने के लिए राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया।
ऋषिगंगा नदी में हिमनदीय झील में हुए प्रकोप ने जोशीमठ-मलारी रोड पर रेनी गांव के पास 90 मीटर आरसीसी पुल को बहा दिया था। यह पुल चमोली जिले में नीति सीमा का एकमात्र संपर्क था। हिमनदीय झील में हुए प्रकोप ने इसी स्थल पर स्थित एक हाइड्रो-इलेक्ट्रिक प्लांट को भी बहा दिया था, इसके परिणामस्वरूप हाइड्रो-इलेक्ट्रिक प्लांट के 200 से ज्यादा मज़दूर फंस गए थे। सीमा सड़क संगठन ने राहत एवं पुनर्वास कार्य के लिए प्रभावित क्षेत्र में परियोजना शिवालिक के अंतर्गत 21 बीआरटीएफ के 200 कर्मियों को शामिल करते हुए 20 छोटी टीमें तैनात कर कार्यवाही शुरु की थी। सौ से अधिक वाहनों एवं उपकरणों और पौधों में 15 भारी अर्थ मूविंग उपकरण जैसे हाइड्रोलिक उत्खनन, डोजर, जेसीबी और व्हील लोडर आदि शामिल थे। सीमा सड़क संगठन ने भारतीय वायुसेना की मदद से महत्वपूर्ण उपकरणों को भी शामिल किया। सुदूर किनारे पर खड़ी चट्टानों और दूसरी तरफ 25-30 मीटर ऊंचे मलबे और दोनों तरफ काम करने की जगह न मिलने के कारण यह कार्य बहुत चुनौतीपूर्ण था।

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