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न्यायालयों का डिजिटल गवर्नेंस में उत्कृष्ट प्रदर्शन

कोरोनाकाल में देश में ई-कोर्ट्स परियोजना बेहद फायदेमंद साबित हुई

राष्ट्रपति ने सर्वोच्च न्यायालय की ई-समिति को प्लेटिनम अवार्ड दिया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 31 December 2020 02:34:17 PM

president honored the e-committee of the supreme court

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ऑनलाइन डिजिटल इंडिया पुरस्कार समारोह में सर्वोच्च न्यायालय की ई-समिति को डिजिटल गवर्नेंस में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्लेटिनम अवार्ड से सम्मानित किया। सर्वोच्च न्यायालय की ई-समिति की परिकल्पित और न्याय विभाग एवं राष्ट्रीय सूचना केंद्र के साथ कार्यांवित ई-कोर्ट्स परियोजना भारत सरकार की एक मिशन मोड परियोजना है। यह परियोजना एक सफल ई-गवर्नेंस परियोजना का उदाहरण पेश करते हुए देश के मुकद्मा करने वाले लोगों और आम नागरिकों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुई है।
मिशन मोड परियोजना श्रेणी में शीर्ष पर रहने वाली इस परियोजना के तहत 14 दिसंबर 2020 तक 232,42,83,034 करोड़ ई-लेन-देन दर्ज किए गए थे, जोकि प्रतिदिन 67.06 लाख की दर से (ई-ताल वेबसाइट के अनुसार) वर्ष 2020 में 343 दिनों के लिए औसत ई-लेन-देन था। कोई भी नागरिक 3293 न्यायालय परिसरों से जुड़ी ई-कोर्ट्स सर्विसेज वेबसाइट, मोबाइल ऐप, एसएमएस, ई-मेल सेवा के जरिए कहीं से और किसी भी समय केस की स्थिति, अभियोग सूची और कोर्ट के आदेश के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा नागरिकों, वादियों, वकीलों के लिए 13.79 करोड़ मुकद्मों, 13.12 करोड़ आदेश और निर्णय की जानकारी 24x7 ऑनलाइन बिना किसी शुल्क के उपलब्ध है।
कोरोना महामारी के दौरान ई-कोर्ट्स परियोजना के तहत डिजिटल अवसंरचना का उपयोग करते हुए 55,417,58 मामलों की सुनवाई वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए की गई। इस परियोजना ने देशभर में वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से मुकद्मों की सुनवाई करने के मामले में भारतीय न्यायालयों को विश्व में अग्रणी बना दिया है। सर्वोच्च न्यायालय की ई-समिति में बतौर मुख्य संरक्षक और भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे, अध्यक्ष डॉ न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय, उपाध्यक्ष न्यायमूर्ति आरसी चव्हाण पूर्व न्यायाधीश बम्बई उच्च न्यायालय और चार सदस्य शामिल हैं।

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