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'आदि महोत्सव-मध्य प्रदेश' का ई-शुभारम्भ

'आदिवासियों के सशक्तिकरण व आत्मनिर्भरता के शानदार प्रयास'

केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने की महोत्सव की शुरुआत

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 2 December 2020 01:40:29 PM

e-inauguration of 'adi mahotsav-madhya pradesh'

नई दिल्ली। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने आदि महोत्सव-मध्य प्रदेश के वर्चुअल संस्करण का शुभारम्भ किया है। इस 10 दिवसीय महोत्सव की मेजबानी ट्राइब्स इंडिया की वेबसाइट www.tribesindia.com पर की जा रही है। आदि महोत्सव का मुख्य जोर आदिवासी शिल्प और मध्य प्रदेश की संस्कृति पर है। अर्जुन मुंडा ने इस अवसर पर कहा कि 'आदि महोत्सव-मध्य प्रदेश' का वर्चुअल संस्करण आदिवासियों के जीवन और आजीविका में सहायता देने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद ट्राइफेड ने इस वार्षिक आदिवासी महोत्सव का आयोजन किया है, जो वर्चुअल रूपमें आदिवासी संस्कृति की आत्मा और समृद्धि को उत्सव के रूपमें मनाता है, इसे जनजातियों को बड़े बाजारों के साथ जोड़ने की दिशा में उनके प्रयासों के साथ इस साल भी जारी रखा गया है।
जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि मध्य प्रदेश को बढ़ावा देने वाला आदि महोत्सव एक राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव है, यह जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार व भारतीय जनजाति सहकारी विपणन विकास संघ की एक संयुक्त पहल है। उन्होंने कहा कि महोत्सव देश की पारम्परिक कला और हस्तशिल्प व सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करता है और ट्राइफेड का उद्देश्य आदिवासी उत्पादों के विपणन विकास से देश में आदिवासी लोगों का सामाजिक और आर्थिक विकास है। उन्होंने कहा कि ट्राइफेड के एमडी प्रवीर कृष्ण के नेतृत्व में देश में आदिवासी समुदाय के उत्थान की दिशा में शानदार काम किया जा रहा है। अर्जुन मुंडा ने आदिवासियों की सरलता, टिकाऊ जीवनशैली के गुणों की प्रशंसा करते हुए इस तबके की कमजोर आर्थिक स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की और कहा कि ट्राइफेड की पहलों से बिचौलियों की भूमिका खत्म हुई है और आदिवासियों को प्रत्यक्ष रूपसे लाभ मिल रहे हैं। उन्होंने सलाह दी कि ट्राइफेड को इन आदिवासियों को सशक्त बनाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में सहायक पहलों को आगे बढ़ाते रहना चाहिए।
अर्जुन मुंडा ने कहा कि आदिवासियों ने भारतीय रेशम और फैब्रिक्स के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराने में खासा अंशदान किया है। उन्होंने चिंता जाहिर की कि लगभग 10.5 करोड़ की आबादी के बावजूद आदिवासी लोग आर्थिक विकास की मुख्यधारा से दूर बने हुए हैं, सीमित संसाधनों के बावजूद आदिवासी लोग खुश रहने की कला जानते हैं, जनजातीय कार्य मंत्रालय उनमें उद्यमशीलता विकसित करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने आदिवासियों से मेरा वन, मेरा धन, मेरा उद्यम का पालन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आदिवासियों को कौशल विकास प्रशिक्षण उपलब्ध कराना चाहिए, इसके साथ ही बाजार में उनके खास उत्पादों को एक मंच उपलब्ध कराने में सहायता देने की आवश्यकता है। मध्य प्रदेश सरकार में आदिवासी विकास मंत्री मीना सिंह और ट्राइफेड के चेयरमैन रमेश चंद मीणा भी वर्चुअली शामिल हुए। रमेश चंद मीणा ने आदिवासी कारीगरों को ऐसे व्यवहारिक विकल्प उपलब्ध कराने के लिए ट्राइफेड और उनके दल को बधाई दी और उम्मीद जाहिर की कि यह वर्चुअल आदि महोत्सव एक सफल कार्यक्रम रहेगा।
ट्राइफेड के एमडी प्रवीर कृष्ण ने आदि महोत्सव की व्यापक अवधारणा और वर्तमान ऑनलाइन संस्करण तथा इससे कैसे राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों के बीच आदिवासी संस्कृतिक को लोकप्रिय बनाने में मदद मिलेगी आदि के बारे में बात की। आदिवासी संस्कृति, शिल्पों, व्यंजन और व्यवसाय की आत्मा का जश्न आदि महोत्सव की शुरुआत वर्ष 2017 में हुई थी। यह महोत्सव देशभर में आदिवासी समुदायों की समृद्ध और विविध शिल्प, संस्कृति से लोगों को एक ही स्थान पर परिचित कराने का प्रयास है। ट्राइब्स इंडिया ई-मार्केट प्लेस एक उल्लेखनीय पहल है, जो देशभर में आदिवासी उपक्रमों के उत्पादों और हस्तशिल्पों का प्रदर्शन करती है और उनकी उपज/ उत्पादों का प्रत्यक्ष विपणन में सहायता करती है। यह आदिवासियों के व्यवसाय के डिजिटलीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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