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सबरीमाला से 'स्वामी प्रसादम' घर तक पहुंचेगा

डाक विभाग ने व्यापक बुकिंग और वितरण पैकेज की तैयारी की

केरल पोस्टल सर्कल का त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड से समझौता

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 2 December 2020 01:03:33 PM

home delivery of sabarimala 'swami prasadam'

तिरुवनंतपुरम। भारतीय डाक विभाग ने सबरीमाला 'स्वामी प्रसादम’ को देशभर के भक्तों को उनके घर पर ही वितरित करने का फैसला किया है। डाक विभाग ने देश के हर एक कोने-कोने को कवर करने वाले अपने विशाल नेटवर्क का उपयोग करते हुए भक्तों के द्वार तक सबरीमाला मंदिर के स्वामी प्रसादम के वितरण के लिए एक व्यापक बुकिंग और वितरण पैकेज तैयार किया है। केरल पोस्टल सर्कल ने इस महत्वपूर्ण उद्देश्य की पूर्ति के लिए त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के साथ एक समझौता किया है। भक्त अब प्रसादम के प्रत्येक पैकेट के लिए केवल साढ़े चार सौ रुपये का भुगतान करके भारत के किसी भी डाकघर से अपने लिए स्वामी प्रसादम मंगवा सकते हैं।
स्वामी प्रसादम में एक पैकेट अरावना, आदियाशिष्ठम (घी), विभूति, कुमकुम, हल्दी और अर्चनाप्रसादम दिए जाते हैं। एक भक्त एकबार में दस पैकेट तक ही मंगवा सकता है। डाक विभाग से जैसे ही प्रसादम को स्पीड पोस्ट सेवा के माध्यम से बुक किया जाता है, तभी स्पीड पोस्ट नंबर के साथ एक संदेश तैयार होगा और एसएमएस के ज़रिए से भक्त को सूचित किया जाएगा। भक्त इंडिया पोस्ट की वेबसाइट पर लॉग इन करके प्रसादम के आगमन की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं। यह सेवा 6 नवंबर 2020 से भारतभर में चालू है और इस विशेष सेवा के लिए जनता से जबरदस्त सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। भारत में अबतक लगभग 9000 ऑर्डर बुक किए जा चुके हैं और यह संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है।
सबरीमाला मंदिर को इस वर्ष के मंडलम सीजन तीर्थयात्रा के लिए 16 नवंबर 2020 से भक्तों के लिए खोला गया था। मौजूदा कोविड-19 महामारी की स्थिति के कारण तीर्थयात्रियों को इस धर्मस्थल पर आने के लिए सख्त प्रोटोकॉल का पालन करना पड़ रहा है। इस मौसम में तीर्थयात्रा के लिए लगाए गए कड़े प्रतिबंधों के कारण भगवान अयप्पा के दर्शन पाने के लिए श्रद्धालुओं की एक बड़ी संख्या कोविड प्रोटोकॉल को पूरा करने में सक्षम नहीं थी। इस सीजन में प्रतिदिन केवल सीमित संख्या में ही भक्तों को दर्शन की अनुमति थी। ज्ञातव्य है कि सबरीमाला केरल के पेरियार टाइगर अभयारण्य में एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है, यहां विश्व की सबसे बड़ी वार्षिक तीर्थयात्रा होती है।

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