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चुनाव में उम्मीदवारों की खर्च सीमा बढ़ी

उम्मीदवारों के खर्च आकलन केलिए समिति भी गठित हुई

समिति गठन के 120 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 22 October 2020 01:40:51 PM

election commission of india

नई दिल्ली। विधि और न्याय मंत्रालय ने निर्वाचन अधिनियम-1961 की नियम संख्या 90 में संशोधन अधिसूचित करके चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के वर्तमान खर्चों की सीमा में 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है। खर्च की इस सीमा में यह बढ़ोत्तरी वर्तमान में जारी चुनाव में भी तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। निर्वाचन आयोग ने भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी हरीश कुमार और महासचिव तथा महानिदेशक (व्यय) उमेश सिन्हा की एक समिति का गठित कर दी है, जो मतदाताओं की संख्या में वृद्धि और महंगाई दर में बढ़ोत्तरी से संबंधित पहलुओं के मद्देनज़र उम्मीदवारों की बढ़ी खर्च सीमा का परीक्षण करेगी।
चुनाव लड़ने वालों के लिए इससे पहले खर्च की सीमा में 28 फरवरी 2014 को बढ़ोत्तरी की गई थी, जबकि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के संदर्भ में 10 अक्टूबर 2018 को इसमें संशोधन किया गया था। पिछले 6 वर्ष में खर्च की सीमा में कोई वृद्धि नहीं की गई, जबकि मतदाताओं की संख्या 834 मिलियन से बढ़कर 2019 में 910 मिलियन और अब 921 मिलियन हो गई है। लागत मुद्रा स्फीति में भी वृद्धि हुई, जो 220 से बढ़कर 2019 में 280 और अब 301 के स्तर पर पहुंच गई है।
चुनाव खर्च समिति विभिन्न संदर्भों के आधार पर परीक्षण करेगी जैसे-देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाताओं की संख्या में बदलाव और इसके खर्च का आकलन, लागत मुद्रा स्फीति सूचकांक में बदलाव और इसके चलते हाल के चुनाव में उम्मीदवारों के खर्च के तरीकों का आकलन, राजनीतिक दलों और संबंधित पक्षों से उनके विचार जानना, खर्च पर प्रभाव डालने वाले पहलुओं का परीक्षण। यह समिति अपने गठन के 120 दिन के भीतर अपनी संस्तुति रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

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