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भारतीय महिला वैज्ञानिक का बड़ा कारनामा

धूल के कणों में खोज लिया परमाणु हथियारों का समाधान

महिला वैज्ञानिक योजना फैलोशिप से अध्ययन में मदद

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 14 October 2020 05:07:44 PM

scientist dr. meera chadha

नई दिल्ली। धूल के कण परमाणु हथियार के प्रभाव को कम कर सकते हैं, इस तथ्य को एक भारतीय महिला वैज्ञानिक ने साबित करके दिखाया है। वे करीब एक वर्ष के अवकाश के बाद विज्ञान की ओर लौटी हैं। काम से इस तरह का अवकाश लेना उन भारतीय महिलाओं के लिए सामान्य है, जो विभिन्न परिस्थितियों में अपने परिवार को करियर पर तरजीह देती हैं और यह खासतौर से उनके जेंडर के कारण होता है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की महिला वैज्ञानिक योजना फैलोशिप ऐसी महिला वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को अवसर प्रदान करती है, जिन्हें किसी कारण अपने करियर से ब्रेक लेना पड़ा और जो वापस करियर में लौटना चाहती हैं। नई दिल्ली स्थित नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की डॉ मीरा चड्ढा ने इस अवसर का लाभ उठाया और ना सिर्फ अवकाश के बाद विज्ञान की मुख्यधारा में लौटीं, बल्कि पहली बार गणितीय मॉडल के जरिए यह भी साबित करने की कोशिश की कि परमाणु हथियारों के घातक प्रभाव को धूल के कणों की मदद से कम या हल्का किया जा सकता है।
प्रोसीडिंग्स ऑफ रॉयल सोसाइटी ऐ लंदन में हाल में प्रकाशित उनके अध्ययन के अनुसार किसी गहन विस्फोट खासकर परमाणु विस्फोट से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा और उससे होने वाले विनाश के क्षेत्र को धूल के कणों से कम किया जा सकता है। उन्होंने दिखाया कि कैसे इस प्रक्रिया में विस्फोट की तीव्रता में कमी आती है। डॉ मीरा चड्ढा ने इस अनुसंधान के लिए मिली प्रेरणा के बारे में बताया कि पीएचडी के दौरान मैने शॉक वेव्स के बारे में पढ़ा था और यह भी कि कैसे धूल के कण फनकी ताकत को कम कर देते हैं। डॉ मीरा चड्ढा ने बताया कि उन्होंने एक किताब में शीर्षक साइंस टुवर्ड्स स्पिरिचुएलिटी पढ़ा था, जिसमें डॉ एपीजे अब्दुल कलाम से पूछा गया था कि क्या विज्ञान कोई ऐसा कूल बम बना सकती है, जो घातक एटम बम को निष्फल या खत्म कर सकता हो? इसने मुझे सोचने पर विवश किया।
वैज्ञानिक डॉ मीरा चड्ढा ने अपने करियर से लिए अवकाश के समय का उपयोग यह अध्ययन करने में किया कि विस्फोट कैसे होते हैं और धूल के कणों का उसपर क्या संभावित प्रभाव हो सकता है। डब्‍ल्‍यूओएस योजना ने उन्हें वह समय, वित्तीय सहायता और पर्याप्त संसाधन मुहैया कराए, जिनसे वह यह अध्ययन करके अपने सपने को पूरा कर सकी हैं। इस संदर्भ में अधिक जानकारी के लिए डॉ मीरा चड्ढा के ईमेल meerachadha01@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।

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