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पंजाब के नए शिक्षा केंद्र के रूपमें बदला बठिंडा

भारत को बनाएंगे 'ग्लोबल नॉलेज एंड इनोवेशन सेंटर'-शिक्षामंत्री

केंद्रीय पंजाब विश्वविद्यालय के अत्याधुनिक भवनों का उद्घाटन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 13 October 2020 01:27:06 PM

state-of-the-art buildings of central punjab university inaugurated

बठिंडा/ नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बठिंडा जिले के गुड्डा ग्राम में केंद्रीय पंजाब विश्वविद्यालय के अत्याधुनिक नए परिसर और नवनिर्मित भवनों का वर्चुअल उद्घाटन किया। विश्वविद्यालय परिसर में 203.78 करोड़ रुपये से इंसिग्निया मॉन्युमेंट जय जवान, जय विज्ञान और जय आनंदन को समर्पित 10 भवनों का भी उद्घाटन किया गया। इनका निर्माण विश्वविद्यालय परिसर की विकास योजना के प्रथम चरण में किया गया है। तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति जुबिन इरानी और पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने 7 सितंबर 2015 को इनकी आधारशिला रखी थी। इन भवनों में आर्यभट्ट अकादमिक ब्लॉक, नेताजी सुभाष चंद्र बोस गेस्ट हाउस, लड़कों के लिए बनाया गया शहीद भगत सिंह छात्रावास, लड़कियों के लिए माता गुजरी छात्रावास, अन्नपूर्णा भोजनालय भवन, रायबहादुर सर गंगाराम जलशोधन एवं आपूर्ति केंद्र, सर एम विश्वेश्वरैया जलशोधन संयंत्र, राधाकृष्णन आवासीय परिसर, एपीजे अब्दुल कलाम आवासीय परिसर और स्वामी दयानंद सरस्वती आवासीय परिसर शामिल हैं।
शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इस अवसर पर कहा कि दुनिया के मौजूदा हालात हमें यह सीख दे रहे हैं कि आत्मनिर्भर भारत ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, भारत को दुनिया का 'ग्लोबल नॉलेज एंड इनोवेशन सेंटर' बनाने का उद्देश्य हासिल करने का मार्ग प्रशस्त करेगी। रमेश पोखरियाल ने शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय की सराहना की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग इन तरीकों को अन्य विश्वविद्यालयों में भी लागू करने पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह पंजाब के लिए गर्व की बात है कि पंजाब विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, इंग्लैंड, इजरायल, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों से प्रशिक्षण प्राप्त किया है। यहां पर देश के 28 राज्यों के छात्र अध्ययन कर रहे हैं, 19 राज्यों के शिक्षक और 12 राज्यों के कर्मचारी यहां कार्यरत हैं। विश्वविद्यालय परिसर के भीतर विभिन्न प्रजातियों के लगभग 40,000 से अधिक पेड़ लगाए गए हैं, शिक्षामंत्री ने विश्वविद्यालय की हरित परिसर बनाने की पहल की प्रशंसा की।
केंद्रीय शिक्षामंत्री ने विश्वास जताया कि यह अत्याधुनिक परिसर और यहां के छात्र शैक्षणिक एवं सहअकादमिक उत्कृष्टता में अवसंरचनात्मक विकास का उच्च मानक स्थापित करेंगे। अकाली दल की नेता और एनडीए के सदस्य के रूपमें नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में हालतक रहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल भी इस कार्यक्रम में शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि बठिंडा शहर अब पंजाब के शिक्षा केंद्र के रूपमें जाना जाएगा, क्योंकि देश-विदेश के छात्र गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लिए यहां आएंगे। गौरतलब है कि हरसिमरत कौर बादल बठिंडा लोकसभा से सांसद भी हैं। पंजाब विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रोफेसर राघवेंद्र पी तिवारी ने अतिथियों का स्वागत किया और अपने प्रस्तुतिकरण में विश्वविद्यालय की योजनाओं और विशेषताओं का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय का हरा-भरा नया परिसर 500 एकड़ में फैला है, जो देश में अपने किस्म का पहला ऐसा परिसर है, जिसे जीआरआईएचए-पांच मानदंडों के अनुसार पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जावान बनाया गया है। परिसर का मास्टर प्लान जीआरआईएचए-पांच रेटिंग के साथ प्रमाणित है, जोकि शहरी विकास मंत्रालय का निर्धारित सर्वोच्च मानक है।
उपकुलपति प्रोफेसर राघवेंद्र पी तिवारी ने कहा कि पंजाबी और पंजाबियत के लिए पंजाब का यह एक ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने कहा कि 2009 में अपनी स्थापना से लेकर अबतक की 11 साल की अवधि में केंद्रीय पंजाब विश्वविद्यालय ने अस्थायी परिसर से काम करते हुए शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित किए हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय एनएएसी से 'ए ग्रेड' की मान्यता प्राप्त कर चुका है, यह सबसे युवा विश्वविद्यालय है, जिसने एनआईआरएफ इंडिया-2020 रैंकिंग में नए केंद्रीय विश्वविद्यालयों के बीच शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में अपना स्थान हासिल किया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय 15वीं राष्ट्रीय युवा संसद चैम्पियनशिप प्रतियोगिता का चैंपियन बन चुका है, विश्वविद्यालय में 31 विभागों के माध्यम से 42 स्नातकोत्तर और 35 पीएचडी पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय परिसर एवं भवन उद्घाटन कार्यक्रम की लाइव-स्ट्रीमिंग में देशभर से विश्वविद्यालय के संकाय, कर्मचारी, छात्र और उनके माता-पिता शामिल हुए।

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