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कोविड में सिविल सेवकों की सराहनीय भूमिका

भारतीय लोक प्रशासन संस्थान का एडवांस प्रोफेशनल प्रोग्राम

राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह का वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से संबोधन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 2 July 2020 02:59:28 PM

minister of state dr. jitendra singh's address on video conferencing

नई ‌दिल्ली। केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कोविड महामारी में विशेष रूपसे जिला कलेक्टरों और सामान्य रूपसे सिविल सेवकों की भूमिका की सराहना की। वीडियो कॉंफ्रेंस के माध्यम से भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के आयोजित 46वें एडवांस प्रोफेशनल प्रोग्राम इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि शुरुआती लॉकडाउन के फलस्वरूप भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई प्रभावकारी साबित हुई है। उन्होंने कहा कि शीघ्र प्रशासनिक उपायों ने भारत को दुनिया के कई उन्नत देशों में व्याप्त संकट की स्थिति तक पहुंचने से बचाया है और उन्होंने यह भी कहा कि देश की जनसंख्या और भौगोलिक क्षेत्र ने एक चुनौती पेश की है, जिसे भारतीय प्रशासन ने बड़ी लगन और मुस्तैदी के साथ निपटा गया है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि वर्षों से निरंतर चले आ रहे विकास के साथ, अब सिविल सेवकों से जनता के साथ संबंधों का निर्माण करने और जनकेंद्रित और पारदर्शी शासन प्रदान करने का आह्वान किया जाता है। उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर प्रायः अपने घर पर आम आदमी के शिकायतों का निवारण करने के लिए सार्वजनिक दरबार लगा रहे हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने याद किया कि पिछले 5 से 6 वर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कई सुधार किए गए हैं। मई 2014 के बाद से लेकर अबतक सामान्य प्रचलनों से बाहर जाकर लिए गए कुछ फैसलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक राजपत्रित अधिकारी के दस्तावेजों को सत्यापित करवाने की पुरानी प्रथा को समाप्त करने और दस्तावेजों को स्व-सत्यापन के साथ प्रतिस्थापित करने का निर्णय, निचले पायदान पर चयन के लिए साक्षात्कार की समाप्ति, 1,500 से ज्यादा अप्रचलित नियमों/ कानूनों को समाप्त करना, नौकरी की शुरुआत में आईएएस अधिकारियों के लिए सहायक सचिव के रूप में तीन महीने का केंद्र सरकार में कार्यकाल, भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में संशोधन और 98 प्रतिशत से ज्यादा भागीदारी के साथ डीएआरपीजी के पीएम उत्कृष्टता पुरस्कारों के लिए नया प्रारूप अपने आप में क्रांतिकारी प्रकृति वाले हैं। उन्होंने कहा कि उत्कृष्टता पुरस्कारों को व्यक्तिगत प्रोफाइल से लेकर फ्लैगशिप कार्यक्रमों तक स्थानांतरित करना वास्तव में ऐतिहासिक प्रकृति का है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने 49 प्रमुख संकेतकों के आधार पर 115 आकांक्षी जिलों की अवधारणा पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि वैज्ञानिक रूप से तैयार किए गए तंत्र के आधार पर प्रत्येक आकांक्षी जिले को इन प्रमुख संकेतकों में सुधार लाने और अपनी रेटिंग को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना था अर्थात राज्य में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिले और दिए गए संकेतकों में देश में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिले के रूपमें। उन्होंने असम के गोलपारा और धुबरी आकांक्षी जिलों की भी सराहना की, जिन्होंने क्रमशः लगभग 100 प्रतिशत और 85 प्रतिशत आयुष्मान भारत कवरेज प्राप्त कर लिया है। इसके अलावा ग्वालपाड़ा जिले ने छह महीने के अंदर 150 आकांक्षी जिलों की अखिल भारतीय सूची में अपनी रेटिंग को 68 से बढ़ाकर 16 कर लिया है।
कार्यक्रम में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के लिए एक एडवांस वेबसाइट, आईआईपीए और माय आईपीपीए मोबाइल ऐप और आईआईपीए डाइजेस्ट का डिजिटल संस्करण भी जारी किया गया। राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह की अगस्त में हुई उपस्थिति में हिंदी जर्नल लोकप्रशासन का डिजिटल संस्करण और नगरलोक जर्नल का पहला डिजिटल संस्करण भी जारी किया गया। इस अवसर पर डीओपीटी के सचिव डॉ सी चंद्रमौली, आईआईपीए के उपाध्यक्ष शेखरदत्त, आईआईपीए के निदेशक डॉ एन त्रिपाठी, कार्यक्रम निदेशक डॉ चारू मल्होत्रा, आईआईपीए के वरिष्ठ अधिकारियों और संकाय सदस्यों ने भी हिस्सा लिया। डॉ मोहन तनेजा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

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