स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 21 May 2020 04:39:38 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सात देशों कोरिया गणराज्य, सेनेगल, त्रिनिदाद एवं टोबैगो, मॉरीशस, ऑस्ट्रेलिया, कोटे डी'लवायर और रवांडा के राजदूतों एवं उच्चायुक्तों के परिचय पत्रों को स्वीकार किया। कोविड-19 की वजह से राष्ट्रपति भवन के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब परिचय पत्रों को डिजिटल माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। राष्ट्रपति ने इसपर टिप्पणी करते हुए कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी ने कोविड-19 की वजह से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने और अभिनव तरीके से अपना कामकाज करने में दुनिया को सक्षम बना दिया है और इस कार्यक्रम ने भारत की डिजिटल डिप्लोमेसी पहल में एक नया आयाम जोड़ दिया है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस संबंध में कहा कि भारत अपने लोगों और व्यापक रूपसे पूरी दुनिया की उन्नति के लिए डिजिटल माध्यम की असीमित संभावनाओं को काम में लाने के लिए प्रतिबद्ध है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राजदूतों को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी ने विश्व समुदाय के सामने अप्रत्याशित चुनौती पेश की है और इस संकट ने बड़े स्तरपर सहयोग की आवश्यकता बताई है। उन्होंने कहा कि भारत कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में मित्र देशों की ओर सहयोग का हाथ बढ़ाने में हमेशा से आगे है।
परिचय पत्र प्रस्तुत करने वाले राजदूतों और उच्चायुक्तों में-कोरिया के राजदूत चोए हुई चोल, सेनेगल के राजदूत के अब्दुल वहाब हाइदरा, त्रिनिदाद एवं टोबैगो के उच्चायुक्त डॉ रोजर गोपाल, मॉरीशस की उच्चायुक्त शांति बाई हनुमानजी, ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी राबर्ट ओ'फरैल, कोटे डी'लवायर के राजदूत एमएन डीआरवाई एरिक कैमिले और रवांडा की उच्चायुक्त जैकलिन मुकान्गिरा शामिल हैं।