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कॉयर बोर्ड व आईआईटी मद्रास में समझौता

जियो टेक्सटाइल्स पर अनुसंधान को पहले ही मान्यता

इससे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 8 May 2020 11:47:08 AM

iit-madras mou with coir board for research on coconut fiber

नई दिल्ली। कॉयर बोर्ड ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जोकि सिर्फ नारियल के रेशों के अनुप्रयोगों को या अन्य प्राकृतिक तंतुओं के संयोजन के साथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना करने के लिए है। केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी के कहने पर आईआईटी-मद्रास ने कॉयर बोर्ड और भारत की अन्य एजेंसियों से कॉयर जियो-टेक्सटाइल्स पर किए गए अनुसंधान अध्ययनों को पहले ही मान्यता दे दी है और सिफारिश की है कि सीजीटी का उपयोग ढलानों/ तटबंधों, नदी तटबंधों, खान के ढेर वाले ढलानों का स्थिरीकरण आदि में मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए सफलतापूर्वक किया जा सकता है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ने कम मात्रा वाली ग्रामीण सड़कों में सीजीटी का इस्तेमाल पुन: प्रवर्तन सामग्री के रूपमें करने की भी सिफारिश की है।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का उद्देश्य आईआईटी मद्रास के विशेषज्ञों की टीम के सहयोग से नारियल के रेशे के क्षेत्र में अब तक किए गए शोध कार्यों को आगे बढ़ाना है। यह प्रासंगिक प्रौद्योगिकी के विकास में भी सहायता प्रदान करेगा और विशिष्ट परियोजनाओं के माध्यम से उत्पादन और प्रसंस्करण के लिए मानक भी विकसित करेगा तथा अनुसंधान परियोजनाओं और कॉयर बोर्ड के अनुसंधान संस्थानों/ प्रयोगशालाओं के प्रतिपालकों की निगरानी भी करेगा। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बौद्धिक संपदा अधिकार और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण करने में भी सहायता प्रदान करेगा। शुरुआत में दो वर्ष की अवधि के लिए कॉयर बोर्ड सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना और संचालन के लिए 5 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। मशीनरी विकास और सड़क परियोजनाओं में आईआईटी मद्रास की 10-इन-हाउस परियोजनाओं के अलावा कॉयर उद्योग में अनुसंधान और विकास के 27 क्षेत्रों की पहचान की गई है, जिसकी शुरुआत इस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस द्वारा की जा सकती है।

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