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सशस्त्रबल चिकित्सा सेवा ने भी कोरोना को घेरा

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चिकित्सा सेवा का कामकाज सराहा

चिकित्सा सेवा बल के पास हैं आवश्यक स्वास्थ्य उपकरण

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 17 April 2020 06:35:03 PM

defense minister rajnath singh praised the functioning of the medical service

नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्रबल चिकित्सा सेवा के कामकाज और नागरिक प्रशासन के अधिकारियों को कोविड-19 नियंत्रित करने में उनके कामकाज की समीक्षा की है। समीक्षा बैठक में रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार, महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अनूप बनर्जी, महानिदेशक संगठन और कार्मिक लेफ्टिनेंट जनरल एके हुड्डा, नौसेना चिकित्सा सेवाओं के महानिदेशक, सर्जन वाइस एडमिरल एमवी सिंह और वायुसेना चिकित्सा सेवाओं के महानिदेशक एयर मार्शल एमएस बुटोला उपस्थित थे। इन अधिकारियों ने रक्षामंत्री को सशस्त्र बलों को परामर्श जारी करने तथा मौजूदा हालात में क्वारंटीन सुविधाओं, अस्पतालों की व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में नागरिक प्रशासन के अधिकारियों को दी जाने वाली मदद के विभिन्न उपायों की जानकारी दी।
एएफएमएस की ओर से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुरोध पर नागरिकों के लिए क्वारंटीन सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं हैं, जो वर्तमान में एएफएमएस के छह स्टेशनों पर संचालित की जा रही हैं, इनमें इटली, ईरान, चीन, मलेशिया और जापान से लाए गए लोगों को रखा गया है। अन्य स्टेशनों पर भी ऐसी सुविधा तैयार रखी गई हैं। पहली फरवरी 2020 से लेकर अबतक इन केंद्रों में 1,738 व्यक्तियों को रखने की व्यवस्था की जा चुकी है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की मदद से एएफएमएस के विभिन्न अस्पतालों में कोरोना संक्रमण की जांच के लिए पहले से ही छह प्रयोगशालाएं स्थापित की जा चुकी हैं और इनमें जांच का काम लगातार हो रहा है। सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अनूप बनर्जी ने जानकारी दी कि चिकित्सा सेवाओं के विभिन्न विभागों के महानिदेशकों तथा पदानुक्रम में अन्य अधिकारियों को दी गई आपातकालीन वित्तीय शक्तियों के कारण फेस मास्क, सैनिटाइजर, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) और वेंटिलेटरों जैसे आवश्यक स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद का काम आसान हो गया है।
सेना चिकित्सा कोर वर्तमान में नई दिल्ली के नरेला में क्वारंटीन शिविर में चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहा है, जहां छह चिकित्सा अधिकारियों और 18 अर्द्धचिकित्सा कर्मियों की एक टीम तैनात की गई है। कोविड-19 से संक्रमित लोगों को अलग रखकर उनका उपचार करने या अन्य बीमारियों सहित कोविड का इलाज करने के लिए एएफएमएस के 50 अस्पतालों को अधिसूचित करने के आदेश जारी किए गए हैं। इन अस्पतालों में कुल मिलाकर 9,038 रोगियों के लिए बिस्तरों की व्यवस्था है। सैन्यकर्मियों के अलावा कोविड से संक्रमित आम नागरिकों के लिए भी इन अस्पतालों में उपचार की व्यवस्था है। यह सुविधा इसलिए दी गई है, ताकि सरकार की उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी की जा सके। लखनऊ के सभी एएमसी केंद्रों, कॉलेजों तथा सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज पुणे में सभी प्रशिक्षण गतिविधियों को स्थगित कर दिया गया है। एएफएमसी में स्नातकोत्तर प्रशिक्षण ले रहे लगभग 650 चिकित्सा अधिकारियों को तेजी से बदलती जरूरतों के आधार पर चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए वापस उनकी इकाइयों में भेज दिया जाएगा।
सेना की चिकित्सा सेवाओं में भर्ती करने वाले संगठनों के 100 चिकित्सा अधिकारियों को उन अस्पतालों में काम करने के लिए तैयार किया जा रहा है, जहां कोविड वार्ड स्थापित किए जा रहे हैं। एएमसी के ऐसे सेवानिवृत्त अधिकारियों और अर्द्धचिकित्सा कर्मियों की एक सूची तैयार की गई है, जो जरूरत पड़ने पर अपने वर्तमान होम स्टेशनों पर एएफएमएस अस्पतालों में स्वेच्छा से काम करने के लिए आ सकते हैं, ऐसे अस्पतालों में तैंतालिस अधिकारी और 990 अर्द्धचिकित्साकर्मी अबतक स्वेच्छा से अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कोविड-19 से निपटने की रणनीति बनाने में कुवैत सरकार की मदद करने के लिए एक पीसीआर मशीन और डायग्नोस्टिक किट के साथ 15 सदस्यों की मेडिकल टीम वहां भेजी गई है। कोविड-19 से निपटने के लिए सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं के विभिन्न उपायों की सराहना करते हुए राजनाथ सिंह ने उन्हें नागरिक प्रशासन के अधिकारियों को भी मौजूदा चुनौतियों से उबरने के लिए हर संभव सहायता देने का निर्देश दिया है।

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