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प्रधानमंत्री ने की मीडिया के सहयोग की प्रशंसा

मीडिया प्रतिनिधियों ने भी प्रधानमंत्री के प्रयासों को सराहा

'कोविड-19' पर समाचार चैनलों से वीडियो कॉंफ्रेंसिंग

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 24 March 2020 01:37:42 PM

narendra modi interacting with the media through video conference

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘कोविड-19’ के फैलने से उत्‍पन्‍न विकट चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए वीडियो कॉंफ्रेस के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चैनलों के प्रमुख प्रतिनिधियों के साथ व्‍यापक विचार-विमर्श किया। प्रधानमंत्री ने पहले ही दिन से इस महामारी के खतरे की गंभीरता को व्‍यापक रूपमें समझने के लिए मीडिया को धन्यवाद दिया और जागरुकता बढ़ाने में चैनलों की अहम भूमिका की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने पत्रकारों, कैमरामैनों और टेक्निशियनों के समर्पणभाव एवं प्रतिबद्धता की सराहना की, जो देशभर में विभिन्‍न क्षेत्रों में जाकर और न्यूज़रूम में अथक परिश्रम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नेउनकी इस कड़ी मेहनत को राष्ट्र सेवा की संज्ञा दी है। उन्होंने कुछ चैनलों के अभिनव आइडिया जैसे कि घर से ही एंकरिंग की व्यवस्था करने की भी प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘कोविड-19’ को एक जीवनपर्यंत चुनौती करार देते हुएकहा कि इससे नए और अभिनव तरीकों से निपटने की आवश्यकता है। उन्‍होंने कहा कि एक लंबी लड़ाई हमारे सामने है, अत: ‘सामाजिक दूरी या एक-दूसरे से दूरी रखने’ के बारे में लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाना अत्‍यंत जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही चैनलों के लिए यह भी आवश्‍यक है कि वे नवीनतम घटनाक्रमों एवं प्रमुख सरकारी फैसलों से आम जनता को बड़ी तेजी से एवं प्रोफेशनल तौर पर आसानी से समझ में आने वाली भाषा में अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि समाचार चैनलों को एक ओर तो यह सुनिश्चित करना है कि लोग सदैव सतर्क रहें एवं लापरवाही न बरतें और दूसरी ओर सकारात्मक संचार या संवाद के जरिए लोगों में फैले निराशावाद एवं घबराहट को समाप्‍त करना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि डॉक्टरों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सदैव प्रेरित रखना अत्‍यंत आवश्यक है, क्योंकि वे ही इस लड़ाई में नेतृत्‍व कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि समाचार चैनल दरअसल आवश्‍यक जानकारियों या फीडबैक का महत्वपूर्ण साधन हैं और सरकार भी निरंतर इस फीडबैक पर काम कर रही है। उन्होंने चैनलों को सुझाव भी दिए कि फील्‍डवर्क कर रहे संवाददाताओं या पत्रकारों को विशेष बूम माइक प्रदान करें और साक्षात्कार लेते समय कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखने जैसी सावधानियां बरतें। उन्होंने समाचार चैनलों से कहा कि वे विज्ञान संबंधी रिपोर्ट्स या सूचनाएं अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं, बिल्‍कुल सटीक जानकारी रखने वाले लोगों को अपनी चर्चाओं में शामिल करें और गलत सूचनाओं के प्रसार की समस्‍या से भी निपटें। उन्होंने वायरस को फैलने से रोकने के लिए नागरिकों के अनुशासन और सामाजिक दूरी बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया।
मीडिया जगत के प्रतिनिधियों ने इस गंभीर चुनौती से निपटने में प्रधानमंत्री के नेतृत्व और कड़ी मेहनत के लिए उनका धन्यवाद किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को इस महामारी का सामना करने में उनके साथ मिलकर काम करने का आश्वासन दिया। आम जनता के साथ प्रधानमंत्री के भावनात्मक जुड़ाव का उल्‍लेख करते हुएमीडिया प्रतिनिधियों ने उनसे राष्ट्र को और भी अधिक बार संबोधित करने और सकारात्मक गाथाओं, विशेषकर कोविड-19 को मात देने वाले लोगों के अनुभवों को अपने संबोधन में शामिल करने का अनुरोध किया। मीडिया प्रतिनिधियों ने कहा कि पत्रकारों की जांच करने के लिए एक ऐसा विशेष विभाग स्थापित किया जा सकता है, जिसमें डॉक्टर चाबीसों घंटे उपलब्ध रहें। इससे महामारी से जुड़ी अफवाहों से भी निपटने में मदद मिलेगी। यह सुझाव भी दिया गया कि प्रसार भारती को हर दिन दो बार प्रामाणिक जानकारी देनी चाहिए, जिसका उपयोग अन्य टीवी चैनल कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महत्‍वपूर्ण सुझाव और बहुमूल्य जानकारियां देने के लिए मीडिया प्रतिनिधियों का धन्यवाद किया। उन्होंने चैनलों से अनुरोध किया कि वे डिजिटल भुगतान के तरीकों के बारे में लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाएं, ताकि करेंसी नोटों के माध्यम से वायरस के फैलने से बचा जा सके। उन्होंने चैनलों को विज्ञान संबंधी रिपोर्टों या सूचनाओं का व्‍यापक उपयोग करके अंधविश्वास की समस्‍या का सामना करने को कहा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव ने आवश्‍यक सूचनाएं सक्रियतापूर्वक साझा करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय को कवर करने वाले पत्रकारों का धन्यवाद किया। उन्‍होंने कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए सरकार की श्रेणीबद्ध उपाय प्रणाली (ग्रेडेड रेस्‍पांस सिस्‍टम) और चुनौतियों का सामना करने हेतु क्षमता निर्माण के लिए निरंतर किए जा रहे प्रयासों का एक अवलोकन प्रस्तुत किया। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक ने कहा कि परीक्षण रणनीति के तहत श्रेणीबद्ध या क्रमिक कदमों पर अमल किया गया है और इसके साथ ही परीक्षण किटों के लिए अनुमोदन में तेजी लाई गई है। वीडियो कॉंफ्रेंस में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव और प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संगठनों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों तथा संपादकों ने भाग लिया।

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