स्वतंत्र आवाज़
word map

राष्ट्र का खोया हुआ स्वरूप वापस लाएं-राष्ट्रपति

'भारतीय सनातन धर्म संस्कृति के संदेशवाहक थे विवेकानंद'

कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल का अवलोकन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 26 December 2019 06:20:32 PM

president visited the vivekananda rock memorial

कन्याकुमारी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल और विवेकानंद केंद्र का अवलोकन किया और कहा कि हम ऐसे स्थान पर एकत्रित हुए हैं, जो हमें निरंतर सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है, यह भारत माता के मस्तक पर आध्यात्मिक शक्ति है, जिसने आंतरिक शांति की खोज में लगे स्वामी विवेकानंद को कन्याकुमारी आने के लिए आकर्षित किया था। राष्ट्रपति ने कहा कि 127 वर्ष पहले इसी दिन 1892 में स्वामी विवेकानंद ने इस पवित्र स्थल पर गहन ध्यान किया था, तीन दिन और तीन रात के बाद एक साधारण संत एक ज्ञान प्राप्त व्यक्ति के रूपमें परिणत हो गया और भारतीय सनातन धर्म संस्कृति का वैश्विक संदेशवाहक बन गया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने यहीं पर ज्ञान प्राप्त किया और यहां से एक दिव्य आध्यात्मिक क्रांति की शुरुआत हुई। उन्होंने कहा कि यह किसी एक व्यक्ति के मोक्ष की प्राप्ति का प्रयास नहीं था, बल्कि यह मातृभूमि के सभी पंथनिर्पेक्ष मूल्यों के पुनर्जीवन और लोगों की सेवा के लिए था। राष्ट्रपति ने कहा कि इस संदर्भ में 19 मार्च 1894 के स्वामीजी के एक पत्र की याद आती है, जिसमें उन्होंने अपनी योजनाओं का जिक्र किया था, उन्होंने परमार्थी सन्यासियों की कल्पना की थी, जो गांव-गांव जाएंगे, लोगों को शिक्षित करेंगे और उनकी स्थिति बेहतर बनाने के लिए कार्य करेंगे। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने लिखा था कि एक राष्ट्र के रूपमें हमने अपना व्यक्तिगत स्वरूप खो दिया है। राष्ट्रपति ने कहा कि वास्तव में यही स्थिति भारत में सभी बुराइयों का कारण है, इसलिए हमें राष्ट्र को इसका खोया हुआ स्वरूप वापस देना होगा और लोगों की स्थितियों को बेहतर बनाना होगा।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]