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गुजरात में पाक शरणार्थियों को मिली नागरिकता

नागरिकता कानून भारत में मुसलमानों के खिलाफ नहीं-राज्यमंत्री

केंद्रीय राज्यमंत्री मनसुख मांडविया ने सौंपे नागरिकता प्रमाणपत्र

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 23 December 2019 01:40:09 PM

minister of state mansukh mandaviya handed over citizenship certificate

कच्छ। भारत सरकार के नौवहन, रासायनिक एवं उर्वरक विभाग में स्‍वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री मनसुख मांडविया ने कच्छ में 7 पाकिस्तानी शरणार्थियों को भारत सरकार से जारी नागरिकता प्रमाणपत्र सौंपे। उन्होंने पाकिस्तानी शरणार्थियों से मुलाकात भी की, जिन्होंने गुजरात में मोरबी और कच्छ जिले में शरण ले रखी है। मनसुख मांडविया ने इस अवसर पर कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यकों को जीवन में एक नया अवसर प्रदान करेगा। मनसुख मांडविया ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार का यह प्रयास है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में कई वर्ष तक अत्याचार सहने के बाद वहां के अल्पसंख्यकों को भारत में एक गरिमापूर्ण जीवन देने की कोशिश की जाए। इस अवसर पर शरणार्थी परिवारों ने एक त्योहार जैसा जश्न मनाया। मनसुख मांडविया ने किदाना गांव में शरणार्थी सोढ़ा परिवार के साथ भोजन भी किया।
गौरतलब है कि संसद में बारह दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून पारित हुआ है, जिसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, सिख और ईसाई को उस अवस्था में भारत में संरक्षण और ना‌गरिकता मिलेगी, जब इन समुदायों का कोई व्यक्ति, परिवार या लोग इन देशों में अपनी धार्मिक या सामाजिक प्रताड़ना के कारण भारत में आना एवं शरण चाहेंगे या इन देशों के जो अल्पसंख्यक एक समय से इस वक्त भारत में हैं, वे भारतीय नागरिक हो जाएंगे। यह सबकुछ अच्छी तरह जानने के बावजूद भारत में मुस्लिम समुदाय की ओर से अचानक हिंसक प्रदर्शन सामने आए हैं और कई जगहों पर हाथ में तिरंगा, बापू की तस्वीर और संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर की तस्वीर के साथ इनकी उग्रता पुलिस पर हमले, पत्थरबाजी, आगजनी, विघटनकारी नारेबाजी, देश की कानून व्यवस्‍था को चुनौती और जनसामान्य का जीवन संकटमय बनाने के रूपमें देश के सामने है। यह भी उल्लेखनीय है कि भारत में पैदा हुए किसी भी नागरिक की नागरिकता के लिए यह कानून किसी प्रकार की कोई भी चुनौती नहीं है। यह कानून भारत में रह रहे मुसलमानों के खिलाफ नहीं है। 

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