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सिनेमा एक रचनात्मक कला है-अनंत महादेवन

अंतर्राष्‍ट्रीय प्रतिस्‍पर्धा में फिल्‍म का चयन सम्मान की बात

आईएफएफआई पणजी में फिल्‍म 'माई घाट' पर बातचीत

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 23 November 2019 03:55:11 PM

ananth mahadevan with suhasini mulay, usha jadhav, alphons rai and manoj kana

पणजी। फिल्म निर्माता अनंत महादेवन ने कहा है कि सिनेमा एक उपभोक्ता उत्पाद नहीं है, बल्कि एक रचनात्मक कला है। उन्‍होंने इस बात पर अफसोस जताया कि छोटे बजट की फिल्मों की कीमत पर बड़े बजट की फिल्मों को समर्थन मिलता है, क्‍योंकि लोकप्रिय अभिनेताओं की उपस्थिति के कारण ये फिल्‍में ज्‍यादा लाभ कमाती हैं। उन्होंने कहा कि छोटे बजट की फिल्‍मों का अपना दर्शक वर्ग है, लेकिन वितरक और फिल्‍मों का प्रदर्शन करने वाले उत्‍साह नहीं दिखाते। अनंत महादेवन ने कहा कि हम महोत्‍सव का मार्ग चुनते हैं, लेकिन हमारी इच्‍छा रहती है कि हम इन फिल्‍मों को बेच सकें और इन्‍हें व्‍यावसायिक फिल्‍में साबित कर सकें।
अभिनेत्री सुहासिनी मुले और उषा जाधव एवं सिनेमेटोग्राफर अल्‍फोंस रॉय के साथ अनंत महादेवन आईएफएफआई पणजी में अपनी फिल्‍म ‘माई घाट’ पर बातचीत कर रहे थे। यह फिल्म एक मां की कहानी है, जो अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए के संघर्ष करती है। उसके बेटे को गलत तरीके से चोरी के अपराध में फंसा दिया गया है और पुलिस हिरासत में उसकी मौत हो जाती है। फिल्म के बारे में सुहासिनी मुले ने कहा कि हम बहुत तेजगति से काम किया करते हैं, लेकिन इस फिल्म की गति बहुत संतुलित है। उन्होंने कहा कि फिल्‍म इस बात से अवगत कराती है कि मुख्‍य किरदार 13 वर्ष से न्‍याय के लिए संघर्ष कर रही है। अनंत महादेवन ने ‘मौन’ का बेहद खूबसूरती से उपयोग किया है।
फिल्म केनजीरा के बारे में अनंत महादेवन ने कहा कि फिल्म दुनिया के सिनेमेटिक भाषा में बात करती है और अंतर्राष्‍ट्रीय प्रतिस्‍पर्धा के लिए फिल्‍म का चुना जाना सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि यह फिल्म में निर्माता मोहिनी गुप्ता के विश्‍वास को दर्शाता है, उन्‍होंने दृढ़ विश्वास व्‍य‍क्‍त किया और मैं उन्‍हें निराश नहीं कर सकता था। केनजीरा फिल्म के निर्देशक मनोज काना ने कहा कि मैं मलयालम थिएटर से हूं, मैंने जनजातियों के साथ बहुत काम किया है, उनके जीवन जीने के तरीके ने मेरे दिल को छू लिया है। केनजीरा फिल्‍म के सभी कलाकार जनजातीय समुदाय से हैं। अनंत महादेवन ने कहा कि चायिलम और अमीबा के बाद यह मेरी तीसरी फिल्म है। मनोज काना ने फिल्‍म निर्माण के लिए वित्तपोषण की दिक्‍कतों का भी वर्णन किया।

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