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वित्तमंत्री ने राज्यमंत्री को सौंपी बुद्ध की प्रतिमा

नालंदा संग्रहालय से चोरी और लंदन में नीलामी के दौरान मिली

बारहवीं शताब्दी की प्रतिमा में भूमिस्पर्श मुद्रा में हैं भगवान बुद्ध

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 18 September 2019 01:10:25 PM

finance minister handed over ancient statue of buddha to minister of state

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने संस्कृति और पर्यटन राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल को बुद्ध की एक प्राचीन कांस्य प्रतिमा सौंपी। गौरतलब है कि इसे 57 साल पहले चुरा लिया गया था और बाद में यह प्रतिमा लंदन में एक नीलामी के दौरान मिली थी। बारहवीं शताब्दी ईसा पूर्व की इस प्रतिमा में भगवान बुद्ध भूमिस्पर्श मुद्रा में बैठे हुए हैं और इसकी ऊंचाई 6.5 है। बुद्ध की भूमिस्पर्श मुद्रा वाली कांस्य प्रतिमा को 22 अगस्त 1961 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के नालंदा संग्रहालय से चुरा लिया गया था और यह मॉस्ट्रिच में फरवरी 2018 में लंदन के एक डीलर रॉसी एंड रॉसी की नीलामी के दौरान मिली थी।
प्रतिमा की नीलामी की जानकारी मिलने के बाद भारतीय राजस्व सतर्कता निदेशालय के लंदन भारतीय उच्चायोग में पदस्थ अधिकारी ने मेट्रोपॉलिटन पुलिस की आर्ट एंड एंटीक यूनिट से संपर्क किया। एएसआई ने यह भी प्रमाणित किया कि मूर्ति को पुरातत्व संग्रहालय नालंदा से चुराया गया था। वित्तमंत्री और संस्कृति राज्यमंत्री ने मूर्ति की वापसी पर प्रसन्नता व्यक्त की है। स्कॉटलैंड यार्ड ने भारत के स्वतंत्रता दिवस पर 15 अगस्त 2018 को ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त वाईके सिन्हा को यह प्रतिमा सौंपी थी। इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ म्यूजियम ने भी प्रतिमा का निरीक्षण किया था और पुष्टि करते हुए कहा था कि यह प्रतिमा 1961 में नालंदा से चुराई गई प्रतिमा से मिलती-जुलती है। पुलिस जांच में पता चला है कि बिक्री के लिए लंदन के डीलर को भेजे जाने से पहले इस मूर्ति को कई बार बदला गया था। जैसे ही एक बार यह पुष्टि हो गई कि बुद्ध की यह प्रतिमा भारत से चोरी की गई प्रतिमा जैसी ही है तो डीलर और कंसाइनर ने पुलिस के साथ सहयोग किया और प्रतिमा को भारत को वापस करने का फैसला किया।
मेट्रोपॉलिटन पुलिस आर्ट एंड एंटिक्स यूनिट के माध्यम से प्रतिमा को वापस करने के लिए ब्रिटेन के सांस्कृतिक विभाग से संपर्क किया गया। कला के प्रति उत्साही एक ऑनलाइन स्वयंसेवी समूह इंडिया प्राइड प्रोजेक्ट ने मूर्ति की पहचान करने में सक्रिय भूमिका निभाई। मूर्ति को भारत वापस लाया गया और उसे डीआरआई को सौंप दिया गया। इस अवसर पर राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड, संस्कृति मंत्रालय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और राजस्व खुफिया निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

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