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जयपुर यूनेस्‍को विश्‍व हेरिटेज सूची में शामिल

भारत के नामांकन का समर्थन करने वाले देशों को धन्यवाद!

जयपुर कलात्मक और स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 8 July 2019 11:55:20 AM

jaipur joins unesco world heritage list

जयपुर। अजरबैजान के बाकू में आयोजित यूनेस्को विश्व हेरिटेज समिति के 43वें सत्र के दौरान भारत के गुलाबी शहर जयपुर को यूनेस्‍को की विश्‍व हेरिटेज सूची में शामिल किया गया है। राजस्थान के जयपुर शहर के नामांकन ने 2017 के विभिन्न यूनेस्को दिशा-निर्देशों का सफलतापूर्वक अनुपालन किया। यूनेस्‍को की इस सूची में जयपुर शहर के सफल नामांकन के साथ ही अब भारत में कुल 38 विश्व विरासत स्थल हैं, जिसमें 30 सांस्कृतिक स्‍थल, 7 प्राकृतिक स्‍थल और 1 मिश्रित स्‍थल शामिल हैं। भारत के नामांकन की पहल आईसीओएमओएस यानी सांस्कृतिक स्थलों के लिए विश्व धरोहर केंद्र की सलाहकार संस्था ने की थी, लेकिन 21 देशों की विश्व विरासत समिति ने इसपर विचार-विमर्श के बाद जयपुर को विश्व विरासत सूची में शामिल करने का फैसला किया।
भारत सरकार में स्‍वतंत्र प्रभार संस्कृति राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने गुलाबी शहर जयपुर को विश्व विरासत सूची में शामिल करने पर प्रसन्‍नता व्यक्त करते हुए इस महत्‍वपूर्ण उपलब्धि के लिए जयपुर के लोगों बधाई दी है। उन्होंने जयपुर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को पहचानने के लिए वैश्विक समुदाय को धन्यवाद भी दिया। भारत के विश्व धरोहर समिति के समक्ष विशिष्‍ट सार्वभौमिक मूल्य के प्रस्‍तावित विवरण के अंश इस प्रकार हैं-जयपुर शहर दक्षिण एशिया में स्वदेशी नगरयोजना और निर्माण में एक अनूठा नगरीय उदाहरण है। इस क्षेत्र के अन्य मध्ययुगीन शहरों की तुलना में जयपुर को योजनाबद्ध तरीके से खुले मैदानों में एक नए शहर के रूपमें बसाया गया था। शहर के पहाड़ी इलाकों और अतीत के सैन्य स्‍थलों को देखते हुए, नगर की सभी दिशाओं से आसपास की पहाड़ियों तक पहुंच को सुनिश्चित करने की योजना वर्तमान में भी विद्यमान है। अंबर पहाड़ियों के दक्षिण में घाटी के चयनित स्‍थल तुलनात्मक रूपसे मैदानी और किसी भी पूर्व निर्माण से अवरोधित नहीं हैं। एक अनुकरणीय योजना के अलावा गोविंद देव मंदिर, सिटी पैलेस, जंतर-मंतर और हवामहल के रूपमें इसके प्रतिष्ठित स्मारक अपने समय की कलात्मक और स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है।
जयपुर खगोलीय कौशल, जीवंत परंपराओं और अद्वितीय शहर के रूपमें भारत के 18वीं शताब्दी के एक कौशल और दूरदर्शितापूर्ण नगरविकास की अभिव्यक्ति भी है। जयपुर शहर योजना और वास्तुकला के मामले में एक अनुकरणीय विकास का उदाहरण है, जो मध्ययुगीन काल के प्रबुद्ध विचारों के सम्मेलन और महत्वपूर्ण आदान-प्रदान को भी प्रदर्शित करता है। भारत के नामांकन का समर्थन करने वाले देशों में ब्राजील, बहरीन, क्यूबा, इंडोनेशिया, अजरबैजान, कुवैत, किर्गिस्तान, जिम्बाब्वे, चीन, ग्वाटेमाला, युगांडा, ट्यूनीशिया, बुर्किना फासो, बोस्निया और हेजगोविना, अंगोला, सेंट किट्स और नेविस प्रमुख हैं। हालांकि ऑस्ट्रेलिया और नॉर्वे ने शुरु में संदर्भ प्रस्ताव दिया था, लेकिन विचार-विमर्श के बाद वे भी जयपुर शहर को इस सूची में शामिल करने पर सहमत हो गए।

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