'पानी के पारम्परिक स्रोतों का पुनरुद्धार किया जाना चाहिए'
यमुना तट पर स्वच्छता अभियान और पौधारोपण कियास्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 24 June 2019 05:06:06 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि जल उपलब्धता के मामले में भारत दुनिया के सबसे संवेदनशील देशों में एक है और बढ़ती जनसंख्या ने समस्या को और भी गंभीर बना दिया है। जल शक्ति मंत्री ने नई दिल्ली में वैपकोस के स्वर्ण जयंती समारोह के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम के तहत यमुना तट पर आईटीओ पुल के निकट छठ घाट में पौधारोपण किया। उन्होंने कहा कि पानी की प्रत्येक बूंद को बचाना एवं संरक्षित करना चाहिए और पानी के उचित उपयोग के लिए हम सभी को सम्मिलित प्रयास करना चाहिएं। जल शक्ति मंत्री ने कहा कि भारत ने खाद्यान्न निर्यात करने वाले देश की उपलब्धि हासिल की है, पहले हमारा देश में खाद्यान्न की कमी थी। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में पानी की कमी से स्थिति खराब हो सकती है, आवश्यकता है कि पानी के पारम्परिक स्रोतों का पुनरुद्धार किया जाना चाहिए और जल संरक्षण के लिए सशक्त प्रयास किए जाने चाहिएं।
जल शक्ति मंत्री ने वैपकोस की सराहना करते हुए कहा कि संगठन ने विकास कार्यों के लिए नवीन तरीके अपनाए हैं तथा चुनौतीपूर्ण सामाजिक समस्याओं के निदान के लिए भी योगदान दिया है। वैपकोस का उद्देश्य है-विचारों के कार्यांवयन के लिए रोडमैप तैयार करना और फिर इसे लागू करना। जल शक्ति राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत हुई थी, यह कार्यक्रम अब जनांदोलन का रूप ले चुका है, घरों को पाइप से जलापूर्ति का कार्यक्रम भी सफल होगा, क्योंकि प्रधानमंत्री इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। इस अवसर पर वैपकोस के सीएमडी आरके गुप्ता ने कहा कि वैपकोस तकनीकी परामर्श देने वाला और ईपीसी संगठन है।
वैपकोस की विश्व स्तरपर जल, ऊर्जा और अवसंरचना क्षेत्रों में मजबूत उपस्थिति है। वैपकोस ने एशिया, अफ्रीका, मध्य पूर्व दक्षिण अमेरिका और प्रशांत सागर द्वीपों में परामर्श से संबंधित कार्यों को पूरा किया है। वैपकोस संगठन वर्तमान में 47 देशों में कार्यरत है। इसके बाद केंद्रीय मंत्रियों और सचिव यूपी सिंह के साथ वैपकोस के कर्मचारियों, एनजीओ के सदस्यों और आम नागरिकों ने यमुना नदी के छठ घाट, श्याम घाट, कुदसिया घाट और यमनेश्वर घाट पर स्वच्छता अभियान चलाया और पौधारोपण किया।