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जनजाति कल्याण योजनाओं के लिए ई-शासन

केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने की शुरुआत

'अधिकारी योजनाओं से लाभांवितों का डेटा बैंक तैयार करें'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 12 June 2019 04:46:18 PM

arjun munda launching the e-governance portals for st welfare schemes

नई दिल्ली। भारत सरकार में जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने आज नई दिल्‍ली में एक समारोह में अनुसूचित जनजाति कल्याण योजनाओं के लिए ई-शासन पहलों की शुरूआत की है। अर्जुन मुंडा ने अनुसूचित जनजातियों के लिए कल्‍याण योजनाओं की ई-शासन पहलों के लिए मंत्रालय की टीम के प्रयासों की सराहना की और कहा कि सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्‍वास के अनुसार इन पहलों से देशभर में जनजातीय समुदायों की बेहतरी में मदद मिलेगी। उन्‍होंने मंत्रालय के अधिकारियों का आह्वान किया कि वे मंत्रालयों की योजनाओं के लाभांवितों का प्राथमिकता पर एक डेटा बैंक तैयार करें। उन्‍होंने कहा कि मंत्रालय के अधिकारियों को समय से पूर्व अपना कार्य पूरा करने का लक्ष्‍य हासिल करना होगा।
जनजातीय मामलों की राज्‍यमंत्री रेणुका सिंह सरूता ने कहा कि अनुसूचित जनजातियों की कल्‍याण योजनाओं के लिए ये उपयोगी ई-शासन पहलें मील का पत्‍थर साबित होंगी। उन्होंने कहा कि जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने अनुसूचित जनजाति की कल्‍याण योजनाओं के कार्यांवयन में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए डीबीटी जनजाति https://dbttribal.gov.in और एनजीओ अनुदान ऑनलाइन आवेदन एवं पैकिंग प्रणाली https://ngograntsmota.gov.in के नाम से ऑनलाइन पोर्टल भी विकसित किया है। डीबीटी जनजाति पोर्टल में प्री-मैट्रिक और पोस्‍ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए तीन मुख्‍य मॉड्यूल हैं। डेटा शेयररिंग मॉड्यूल राज्‍यों में लाभांवितों के आंकड़े साझा करने के लिए है। संचार मॉड्यूल में राज्‍यों के पास दस्‍तावेज़ों को अपलोड करने एवं सवाल उठाने की सुविधा है और राज्‍यों के अपलोड किए गए डीबीटी डेटा का इस्‍तेमाल अनुदान धनराशि तेजी से जारी करने के लिए किया जाता है। निगरानी मॉड्यूल में एमआईएस रिपोर्टों और डेश बोर्डों की सुविधा है।
गौरतलब है कि अनुसूचित जनजाति के कल्‍याण के लिए कार्यरत स्‍वयंसेवी संगठनों की सहायता योजना के कार्यांवयन के लिए विकसित एनजीओ पोर्टल को पूरी तरह से बदला गया है और सरल आवेदन फॉर्म, निरीक्षण रिपोर्ट एवं फंड प्रो‍सेसिंग मॉड्यूल के साथ नए सिरे से डिजाइन किया गया है। पोर्टल को ऑनलाइन आवेदन के उद्देश्‍य से वर्ष 2019-20 के लिए एनजीओ और राज्‍यों के लिए फिर से खोला गया है। इस मौके पर नई ई-शासन पहलों के बारे में एक पॉवर प्‍वाइंट प्रेजेंटेशन दिया गया। कार्यक्रम में एनसीएसटी की उपाध्‍यक्ष अनुसुईया उइके, ट्राइफैड के अध्‍यक्ष रमेश चंद मीणा और मंत्रालय में सचिव दीपक खांडेकर भी मौजूद थे।

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