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असम राइफल्स व भारतीय तटरक्षक में करार

सूचना, कर्मी आदान-प्रदान व खेलकूद प्रशिक्षण को बढ़ावा

लैइतकोर शिलॉंग में हुआ सेना का एक शानदार समारोह

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 23 May 2019 12:32:58 PM

agreement between assam rifles and indian coast guard

शिलॉंग। भारतीय अंतर सशस्त्रबलों के सहयोग को बढ़ाने तथा प्रशिक्षण और खेलकूद के लिए एक-दूसरे की कुशलता का उपयोग करने के प्रयास में लैइतकोर शिलॉंग में एक शानदार समारोह में असम राइफल्स के महानिदेशक और भारतीय तटरक्षक के महानिदेशक ने असम राइफल्स की तीसरी नागा हिल्स बटालियन एवं भारतीय तटरक्षक के जहाज शौर्य के बीच सम्बद्धता चार्टर पर हस्ताक्षर किए हैं। सम्बद्धता का उद्देश्य असम राइफल्स तथा आईसीजी के बीच सूचना और कर्मियों के आदान-प्रदान, प्रशिक्षण, खेल, साहस तथा सतत विकास के लिए एक-दूसरे में साथी भावना बढ़ाने के लिए द्व‌िपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना है। यह सम्बद्धता पूर्वोत्तर के प्रहरी को समुद्र के प्रहरी के साथ पेशेवर और सामाजिक मंच पर कार्य करने एवं अनुभव तथा श्रेष्ठ व्यवहारों को साझा करने में सहायक होगा।
भारतीय तटरक्षक जहाज शौर्य पर आदान-प्रदान समारोह 11-12 जून 2019 को आयोजित किया जाएगा। असम राइफल्स के कर्मी भारतीय तटरक्षक की विशेषताओं तथा मैरीटाइम या तटीय सुरक्षा के लिए खतरे के रूपमें काम करने वाले देश विरोधी तत्वों तथा गैर राज्य व्यक्तियों या संगठनों को रोकने में सक्षम होंगे। इसी तरह आईसीजी के कर्मी भारत-म्यांमार सीमा के पास असम राइफल्स के कार्यों को देखने और समझने में सक्षम होंगे। असम राइफल्स भारत का सबसे पुराना अर्द्धसैनिक बल है, इसका इतिहास शौर्य, साहस और परम्परा का रहा है। असम राइफल्स की 46 बटालियन हैं, जो भारत-म्यांमार सीमा की रक्षा और पूर्वोत्तर राज्यों में उग्रवाद विरोधी कार्रवाईयों में लगी हैं। इसके विपरीत भारतीय तटरक्षक 42 जहाजों तथा 62 विमानों के साथ रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत सबसे युवा सशस्त्र बल है।
असम राइफल्स की तीसरी नागा हिल्स बटालियन सबसे पुरानी है। इसका गठन 1835 में ‘कछार लेवी’ के रूपमें सभी रैंकों के 750 कर्मियों के साथ ब्रह्मपुत्र नदी से कछार की पहाड़ियों तक असम की पूर्वी सीमा की रक्षा के लिए किया गया था। अभी यह बटालियन नागालैंड के कोहिमा में विकसित की गई है। नागालैंड के कोहिमा में ही इस बटालियन ने दूसरे विश्वयुद्ध में बहादुरी के साथ जापान की सेना से युद्ध किया था। तटरक्षक जहाज शौर्य गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में बना है और यह चेन्नई में है। अत्याधुनिक 150 मीटर लम्बा अपतटीय निगरानी जहाज 12 अगस्त 2017 को कमीशन किया गया। शौर्य जहाज भारतीय तटरक्षक की देश के समुद्री हितों की सेवा और रक्षा की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। यह जहाज ईईजेड निगरानी और देश के समुद्री रक्षा के लिए तटरक्षक चार्टर्ड में शामिल कर्तव्यों के लिए विस्तृत रूपसे विकसित किया गया है।

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