जनपद में भारी वर्षा होने के फलस्वरूप जिलाधिकारी देहरादून बीवीआरसी पुरूषोतम ने जिला आपदा कालीन परिचालन केंद्र खोल दिया है, जिसका दूरभाष 2726066 है। जिलाधिकारी ने आपात कालीन परिचालन केंद्र में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, परियोजना निदेशक, अधिकारी अभियंता लोनिवि, जिला पूर्ति अधिकारी, सचिव एमडीडीए की तैनाती की गयी है...
मौसम विभाग ने इस बार देश के कई राज्यों के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश का अनुमान व्यक्त किया है, जिससे नदियों के जलस्तर में बढ़ोत्तरी से और ज्यादा तबाही हो सकती है। घनघोर वर्षा का मुख्य केंद्र उत्तर भारत बताया गया है, जिनमें पर्वतीय और तराई से जुड़े मैदानी इलाके खासतौर से इंगित हैं। इन्हें सलाह दी गई है कि वे सतर्क...
जल संसाधन मंत्रालय ने जल-मौसम विज्ञान आकंड़ा संप्रेषण नीति 7 मार्च 2013 को प्रतिक्रिया के लिए जारी की है। ऐसा राष्ट्रीय जल नीति 2012 की सिफारिशों को ध्यान में रखकर किया गया है, लेकिन इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी वर्गीकृत आकंड़े शामिल नहीं हैं। जल-मौसम विज्ञान आकंड़ा संप्रेषण नीति 2013 में सभी गैर-वगीकृत (वॉटर इयर बुक, वॉटर क्वालिटी इयर बुक...
ऋतुराज आ गए हैं। वे हर बरस आते हैं। दिग्दिगिंत महकाते हुए। उनका सुस्वागतम् है। प्रकृति यौवन उमंग में है, ऋतुराज की अगवानी में। प्रकृति सदाबहार अल्हड़ नायिका है। नदियां हंसती नृत्य करती बहती हैं, मनुष्य आनंदित होता है, सो नदियों के तट पर उत्सव नृत्य और संकीर्तन। प्रकृति जहां-जहां, जब-जब आनंदित करती है तब-तब, वहां-वहां उत्सव,...
प्रतीक्षा, मिलन और विरह की अविरल सहेली, निर्मल और लज्जा से सजी-धजी नवयौवना की आसमान छूती खुशी, आदिकाल से कवियों की रचनाओं का श्रृंगार कर, उन्हें जीवंत करने वाली ‘कजरी’ सावन की हरियाली बहारों के साथ तेरा स्वागत है। मौसम और यौवन की महिमा का बखान करने के लिए परंपरागत लोकगीतों का भारतीय संस्कृति में कितना महत्व है-कजरी इसका...
जलवायु परिवर्तन को आज मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा माना जा रहा है। माह दिसम्बर 2009 में ही डेनमार्क, कोपेहेगन में होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन समझौते को इसे रोकने की दिशा में मील के पत्थर के रूप में देखा जा रहा है। धरती की सतह पर बढ़ते तापमान को दो डिग्री सेंटीग्रेड से कम रखने के लिए पूरे विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय शासकीय, आर्थिक और शैक्षिक स्तरों पर इसे लेकर विचार-विमर्श...