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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को प्राकृतिक संसाधनों से संबंधित चावला समिति की सिफारिशों  पर चर्चा करने के लिए मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक बुलाई। बैठक में  वित्त मंत्री, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, शहरी विकास, मानव संसाधन  विकास, जल संसाधन और कोयला तथा पर्यावरण तथा वन राज्य मंत्री शामिल हुए। सभी संबंधित  विभागों के प्रमुख सचिव और सचिवों ने इस बैठक में हिस्सा लिया। आर्थिक मामलों के सचिव  ने समिति की सिफारिशों पर एक प्रस्तुति दी। 
प्राकृतिक संसाधनों के आवंटन के बारे में समिति भूमि, कोयला, खनिज पदार्थ, पेट्रोलियम, प्राकृतिक  गैस इत्यादि के आवंटन के तौर तरीके की समीक्षा के लिए गठित की गई थी। इसका उद्देश्य  आवटन के मुद्दों पर सुझाव प्राप्त करना है जिससे कि पारदर्शिता बढ़ाई जा सके तथा प्रभावी  तौर तरीके से इसकी निरंतरता को कायम रखा जाए। इसका मकसद प्राकृतिक संसाधनों की कीमत  और उनके उपयोग के लिए एक खुली, पारदर्शी और प्रतिस्पर्धात्मक व्यवस्था कायम करना  और वैधानिक, संस्थागत और नियामक ढांचा तैयार करना है, ताकि सिफारिशों पर अमल किया जा सके। 
समिति की  सिफारिशों को वित्त मंत्री की अध्यक्षता में भ्रष्टाचार रोकने संबंधी मंत्रिसमूह  ने अध्ययन किया था और उसकी 81 में से 69 संस्तुतियां स्वीकार कर ली थीं। 11 सिफारिशों  पर बाद में विचार किया जाना है। बैठक के अंत में  निर्णय लिया गया सभी स्वीकृत 69 सिफारिशों  को अलग अलग मंत्रालयों द्वारा समयबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। इस बारे में विस्तृत  समय सारणी तैयार की जाएगी।